सोहराबुद्दीन मामला: दो और गवाह बयान से मुकरे

मामले में अब तक पेश हुए 53 गवाहों में से 35 अपने बयान से पलट चुके हैं.

सोहराबुद्दीन शेख़ और पत्नी कौसर बी (फाइल फोटो)

मामले में अब तक पेश हुए 53 गवाहों में से 35 अपने बयान से पलट चुके हैं.

Sohrabuddin2
सोहराबुद्दीन और कौसर बी (फाइल फोटो)

गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में बयान से पलटने वाले गवाहों की संख्या 35 हो गई है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सोमवार को 15 दिन के बाद दोबारा शुरू हुई सुनवाई में दो गवाह 2005 में दिए अपने बयान के हिस्से से मुकर गए.

इन दोनों को पंच गवाह (जिसके सामने मामले का पंचनामा भरा गया हो) के रूप में पेश किया गया था. इन्होने 2005 में सोहराबुद्दीन के कथित एनकाउंटर के बाद उससे बरामद हुए सामान को जब्त करने के बारे में बयान दिए थे.

इससे पहले कुछ गवाहों के बयान से मुकरने के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि उसने गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं, जिससे वे ‘निडर’ होकर अपनी गवाही दे सकें.

मामले को उस समय सुन रही जस्टिस रेवती मोहिते डेरे ने कहा था कि यह सीबीआई की जिम्मेदारी है कि वे अपने गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, जिससे वे बिना किसी डर या दबाव के स्पेशल कोर्ट के सामने गवाही दे सकें.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इन दोनों गवाहों ने सीबीआई को बताया था कि वे 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद के गायत्री मंदिर से वापस आ रहे थे जब गुजरात एटीएस के ऑफिस के पास उन्हें एक व्यक्ति ने रोका और कहा कि एक व्यक्ति का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है और उससे बरामद सामान को उन दोनों की मौजूदगी में जब्त किया जाना है और वे पंच गवाह बन सकते हैं.

उन्होंने सीबीआई को बताया था कि फिर उन्हें गुजरात एटीएस के दफ्तर ले जाया गया जहां आरोपी पुलिसकर्मी एनएच ढाबी मौजूद थे. इन गवाहों ने कहा था कि उन्हें तब बताया गया कि सोहराबुद्दीन को उस सुबह एनकाउंटर में मारा गया था.

तब एनएच ढाबी, जो तब एटीएस में इंस्पेक्टर थे, ने दिखाया कि सोहराबुद्दीन के पास जब्त सामान में सात जिंदा कारतूस, 500 रुपये के 92 नोट (46,000 रुपये), एक चेन, सूरत से अहमदाबाद का एक रेलवे टिकट, दो विजिटिंग कार्ड, जिसमें एक सोहराबुद्दीन का था, सोहराबुद्दीन का ड्राइविंग लाइसेंस और मोबाइल फोन मिला था.

सोमवार को पहले दो गवाहों में से एक ने कहा कि वे सिर्फ इनमें से केवल ट्रेन टिकट को पहचानता है, वहीं दूसरे ने कहा कि वह ट्रेन टिकट को पहचानता है और दिखाई गई चेन भी वैसी ही लग रही है, जैसी 2005 में उसे दिखाई गई थी.

इन दोनों ने ही कोर्ट में मौजूद आरोपी पुलिसकर्मी एनएच ढाबी को पहचानने से इनकार किया. एक गवाह ने यह भी कहा कि उसे मृतक का नाम नहीं बताया गया था. उसने यह भी कहा कि उसे याद नहीं कि उसे इनमें से कोई सामान दिखाया गया था.

इन दोनों के अपने पिछले बयान से आंशिक रूप से मुकरने पर अभियोजन ने कोर्ट से उन्हें बयान से पलटा हुआ (होस्टाइल) घोषित करने को कहा है. वहीं बचाव पक्ष ने इनसे पूछताछ नहीं की.

हालांकि इन दोनों के अलावा सोमवार को पेश हुआ एक अन्य गवाह अपने पिछले बयान पर कायम रहा. यह एक चश्मदीद था, जिसने कथित एनकाउंटर के बाद सोहराबुद्दीन के शव को पड़ा देखा था. यह भी एक पंच गवाह था जिसने क्राइम सीन पर बरामद हुई मोटरसाइकिल, रिवॉल्वर और वहां की मिट्टी के बारे में बताया था.

मामले की सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी.