रविवार रात हुई गोलीबारी में दो आतंकियों के समेत चार लोगों की मौत हो गई थी. सेना का कहना है कि बाकी के चार मृतकों के संबंध आतंकियों से थे जबकि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि नागरिकों की मौत से दुखी हूं.
श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के शोपियां में रविवार को हुई गोलीबारी की घटना को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों सहित छह व्यक्ति मारे गए.
सेना ने दावा किया है कि आतंकवादियों के अलावा मारे गए चार व्यक्ति भी आतंकवाद से जुड़े हुए थे, वहीं राज्य सरकार ने कहा है कि वे नागरिक थे.
घटना दक्षिण कश्मीर के शोपियां के पहनू क्षेत्र में रविवार रात हुई. सेना ने कहा कि गश्त कर रहे उसके सैनिकों पर दो वाहनों में सवार लोगों ने गोलियां चलाईं. जवाबी गोलीबारी मे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आमिर अहमद मलिक सहित चार लोग मारे गए.
पुलिस ने एक अन्य आतंकवादी का शव पहनू से करीब सात किलोमीटर दूर बरामद किया. उसकी पहचान लश्कर-ए-तैयबा आतंकी आशिक हुसैन भट के तौर पर हुई है.
इसके अलावा घटनास्थल के पास एक अन्य वाहन से शोपियां के चित्रागाम निवासी गौहर अहमद लोन का शव मिला है.
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि दोनों ओर से हुई गोलीबारी में नागरिकों के मारे जाने पर गहरा दुख हुआ है.
मुख्यमंत्री महबूबा ने ट्वीट में कहा, ‘शोपियां में दोनों ओर से हुई गोलीबारी में नागरिकों की मौत से बेहद दुखी हूं. मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.’
Deeply distressed by more deaths of civilians caught in the crossfire in Shopian. My heartfelt condolences to the deceased’s families.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 5, 2018
महबूबा के ट्वीट के कुछ घंटे बाद सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में गोलीबारी में मारे गए सभी लोग आतंकवाद से संबंध रखते थे और जवानों ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की.
प्रवक्ता ने घटना का ब्यौरा देते हुए कहा कि पहनू गांव के पास ट्रेंज-पिंजूरा मार्ग पर सचल वाहन जांच चौकी (एमवीसीपी) पर तैनात जवानों पर तेजी से जा रहे दो वाहनों में सवार लोगों ने गोलियां चलाईं.
प्रवक्ता ने बताया कि सैनिकों द्वारा रुकने का इशारा किए जाने के बावजूद वाहन आगे बढ़ते रहे. जवानों ने गाड़ियों पर सर्च लाइट से रोशनी डाली लेकिन उन पर सवार लोगों ने भारी गोलीबारी शुरू कर दी.
प्रवक्ता ने कहा कि जवानों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई. मुठभेड़ में एक वाहन से गोली चला रहा आतंकवादी गोली लगने से गाड़ी से गिर गया.
उन्होंने आगे कहा, ‘गाड़ी सड़क पर नाले की तरफ मुड़ गई और दूसरी गाड़ी तेजी से चली गई.’
बाद में उग्रवादी आमिर अहमद मलिक का शव मिल गया. सी श्रेणी का आतंकी मलिक पिछले साल जुलाई से लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था. मारे गए आतंकी के पास से एक एके-47 राइफल, तीन मैगजीन और 88 राउंड कारतूस मिले हैं.
उन्होंने बताया, ‘तलाशी में वाहन से तीन और शव मिले. ये व्यक्ति आतंकवादियों के साथ थे.’
उन्होंने कहा कि सोमवार सुबह करीब नौ बजे सइदापुरा गांव में सेबों के बाग से एक और आतंकवादी का शव मिला जिसकी पहचान भट के तौर पर हुई है. भट भी पहनू गांव वाले घटनाक्रम से जुड़ा था.
प्रवक्ता के अनुसार दूसरी जिस गाड़ी से सैनिकों पर गोली चलाई गई थी, वह सोमवार सुबह गोलीबारी की जगह से करीब 200 मीटर दूर पिंजूरा के पास मिली. उन्होंने कहा, ‘कार में एक और व्यक्ति मृत मिला. उसकी पहचान गौहर अहमद लोन के रूप में की गई है.’
पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा कि सैनिकों ने हमला किए जाने पर जवाबी कार्रवाई की और दो आतंकवादी और चार अन्य के शव मिले. वैद ने कहा, ‘हम यह देखेंगे कि उनकी क्या संबद्धता है.’
दूसरी ओर, स्थानीय लोगों और मृत युवकों के परिवार ने घटना पर सेना की बात मानने से इनकार कर दिया है और आरोप लगाया है कि उनका उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है और वे जवानों द्वारा अंधाधुंध की गई गोलीबारी में मारे गए हैं.
वहीं, अलगाववादियों द्वारा शोपियां घटना के खिलाफ आहूत बंद से कश्मीर में आम जनजीवन प्रभावित हुआ और राज्य सरकार को सभी स्कूल-कॉलेजों और अन्य शैक्षिक संस्थानों को बुधवार तक बंद करने का आदेश देना पड़ा. ये स्कूल-कॉलेज दो महीने की सर्दियों की छुट्टियों के बाद खुल रहे थे.
ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) की ओर से आहूत हड़ताल से घाटी के अधिकतर हिस्सों में सार्वजनिक परिवहन वाहन सड़कों पर नहीं उतरे. लेकिन, कुछ निजी वाहन और कैब चलते दिखे. बारामुला से बनिहाल के बीच ट्रेन सेवा को ऐहतियाती उपाय के तौर पर बंद कर दिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने शहर के मुख्य हिस्से के सात पुलिस थानों के तहत आने वाले क्षेत्रों में ऐहतियाती उपाय के तौर पर पाबंदियां लगाई हैं.
मुख्य विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गोलीबारी घटना की जांच की मांग करते हुए कहा है कि मारे गए लोगों को आतंकवादी समूहों के ओवरग्राउंड वर्कर्स बताकर घटना को जायज नहीं ठहराया जा सकता.
नेशनल कांफ्रेंस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘यह देखकर हमें बहुत दुख हुआ और हम स्तब्ध हैं कि कश्मीर में रक्तपात जारी है.’
प्रवक्ता ने कहा कि उन परिस्थितियों की जांच की जानी चाहिए और उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए जिससे कल रात शोपियां में गोलीबारी हुई और लोग मारे गए.
जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस ने भी गोलीबारी की जांच की मांग की. जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने व्यक्तियों के मारे जाने को दुखद बताया और कहा कि लोग सेना के बयान से संतुष्ट नहीं हैं.
माकपा ने भी नागरिकों के मारे जाने को अत्यधिक दुखद बताया. माकपा नेता एमवाई तारिगामी ने यहां एक बयान में कहा, ‘नवीनतम घटना में सुरक्षा बलों की ओर से जो भी बहाना दिया जा रहा है, वह तर्कसंगत नहीं है जिसमें निहत्थे और असंबद्ध नागरिक मारे गए. कीमती मानव जीवन को खोना दुर्भाग्यपूर्ण है.’
पीडीपी ने न्यायिक जांच की मांग की
शोपियां से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) विधायक मोहम्मद यूसुफ भट ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में नागरिकों के मारे जाने को जायज नहीं ठहराया जा सकता और इससे माहौल खराब हो सकता है. उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की भी मांग की.
शोपियां के विधायक ने पीडीपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘मेरी सुहानूभूति और भावनाएं शोक संतृप्त परिवारों के साथ हैं. मैं इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश देने की मांग करता हूं कि किन परिस्थितियों में ये हत्याएं हुईं. इस नृशंस अपराध के दोषियों पर मामले दर्ज करके उन्हें तेजी से न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए.’
My solidarity and my sincere condolences go out to the bereaved families. I demand a judicial enquiry be ordered to look into the circumstances under which such killings have taken place & the culprits of this heinous crime are booked and brought to justice swiftly: MLA Shopian
— J&K PDP (@jkpdp) March 5, 2018
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘शोपियां घटना घाटी में तेजी से बिगड़ती स्थिति का उदाहरण है.’ उन्होंने कहा कि रविवार रात की घटना पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और सुरक्षा बलों का अलग-अलग बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे अविश्वास की भावना पैदा होगी और भ्रम व अलगाव की स्थिति बनी रहेगी.
इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के अध्यक्ष और विधायक हकीम मोहम्मद यासीन ने भी नागरिकों की हत्या की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से आतंक और अनिश्चितता का माहौल बनता है. भय की वजह से घाटी में पर्यटक भी नहीं आ रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)