रजनीकांत ने कहा कि मुख्यमंत्री जयललिता के निधन और 93 वर्षीय द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि के ख़राब स्वास्थ्य की वजह से राज्य की राजनीति में एक अच्छे नेता की जगह ख़ाली है.
चेन्नई: सुपरस्टार रजनीकांत ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामाचंद्रन (एमजीआर) की विरासत को याद करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि वह बीते ज़माने के अभिनेता एमजीआर की तरह ही अच्छा शासन दे सकते हैं.
उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी की उस आलोचना का हवाला दिया जिसमें पार्टी ने कहा था कि कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री की राजनीति में सफलता की बराबरी नहीं कर सकता.
रजनीकांत ने कहा, ‘मैं या कोई अन्य व्यक्ति एमजीआर जैसा 1,000 वर्षों में भी नहीं हो सकता है.’
रामाचंद्रन, एमजीआर के नाम से लोकप्रिय हैं और उन्हें तमिलनाडु की राजनीति में ख़ास तौर पर एक अभिनेता के लिए सफलता का मानदंड माना जाता है. सिनेमा से जुड़े अन्य कलाकार भी उन जैसा बनने की कोशिश करते रहते हैं.
67 वर्षीय अभिनेता रजनीकांत ने कहा कि वह शासन चलाने के लिए विशेषज्ञों और प्रौद्योगिकी के जानकारों से सहायता लेने के साथ ही तकनीक का भी सहारा लेंगे.
उन्होंने कहा कि वह अध्यात्म पर आधारित शासन का पालन करेंगे जिसमें जाति और संप्रदाय के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा.
अपने 30 मिनट के भाषण में अभिनेता ने अपनी राजनीतिक विचारधारा और अपनी राजनीतिक पार्टी की प्राथमिकताओं के बारे में बताया. हालांकि उन्होंने अभी अपनी राजनीतिक पार्टी नहीं बनाई है.
उन्होंने कहा कि वह एमजीआर नहीं हैं और अगर कोई यह कहता है कि वह उनके जैसा होगा तो वह पागल ही होगा.
सोमवार को एसीएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एमजीआर की एक प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि मैं एमजीआर जैसा ही ग़रीबों और सामान्य लोगों को लाभ पुहंचाने वाला शासन दे सकता हूं.’
दिवंगत एमजीआर का समर्थन करने वाले लोग जनता के हित वाले उनके शासन के लिए उनकी पूजा करते हैं.
रजनीकांत का यह कार्यक्रम उनके समकालीन कमल हासन द्वारा मदुरै में राजनीतिक पार्टी ‘मक्कल नीधि मय्यम’ बनाने के कुछ दिनों के बाद हुआ है.
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत यह कहते हुए की कि वह शैक्षणिक संस्थान में राजनीति की बातें नहीं करना चाहते हैं लेकिन लोगों की मांगों को देखते हुए उनके पास कोई विकल्प नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘लोगों की यह भीड़ राजनीतिक सम्मेलन की छाप छोड़ती है.’
31 दिसंबर के बाद पहली बार रजनीकांत ने राजनीतिक टिप्पणी की. उस दिन उन्होंने घोषणा की थी कि वह राजनीति में आएंगे और जब भी चुनाव आयोजित होंगे उनकी पार्टी सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
रजनीकांत ने कहा कि मौजूदा समय में राज्य की राजनीति में ‘एक अच्छे नेता की जगह खाली’ है.
उन्होंने कहा कि यह जगह दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के निधन और 93 वर्षीय द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि के ख़राब स्वास्थ्य की वजह से उनकी निष्क्रियता को देखते हुए खाली है.
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उन्होंने कहा, ‘अच्छे नेता और अच्छे नेतृत्व की जगह खाली है. मैं आश्वस्त हूं कि मैं लोगों को अच्छा शासन और अध्यात्मिक शासन देने में सक्षम रहूंगा.’
अभिनेता ने कहा कि राजनीति की राह आसान नहीं है. यह पत्थरों और कांटों से भरी हुई है, यह फूलों का बिस्तर नहीं हैं. लेकिन उन्होंने ज़ोर दिया कि राजनीति के साथ उनका रिश्ता 1996 से शुरू हो गया था.
उन्होंने करुणानिधि, दिवंगत नेता जीके मूपनार और दिवंगत राजनीतिक समालोचक सीएस रामास्वामी के साथ अपने जुड़ाव का ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा, ‘67 साल की उम्र में एक अभिनेता के रूप में मैं अपना काम कर रहा हूं लेकिन आप (सत्तारूढ़ पार्टी) के रूप में आप अपना काम नहीं कर रहे हैं. राजनीति से मेरा वास्ता 1996 से शुरू हो गया था.’
अभिनेता ने कहा कि वह अपने आलोचकों से राजनीति में प्रवेश करने को लेकर ‘रेड कार्पेट’ प्रवेश की आशा नहीं रखते हैं लेकिन अपने समीक्षकों से मांग की वह उन्हें हतोत्साहित न करें.
उन्होंने कहा कि वह लोगों की सेवा करना चाहते हैं. अभिनेता ने अपने भाषण में करुणानिधि और जयललिता की तारीफ़ भी की.
उन्होंने छात्र-छात्राओं को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए न कि राजनीति में संलग्न होना चाहिए. रजनीकांत ने छात्रों से अंग्रेज़ी सीखने की अपील की.
उन्होंने इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का उदाहरण दिया.
रजनीकांत ने श्रोताओं को अपने भाषण की भाषा और अपनी हंसी से भी प्रभावित किया. उन्होंने श्रोताओं को अपने सामान्य और प्रभावी तरीके से भाषण देने के लहजे से भी मंत्रमुग्ध कर दिया.
मालूम हो कि कि बीते 21 फरवरी को अभिनेता कमल हासन ने अपने राजनीतिक दल का गठन किया था. इसका नाम उन्होंने ‘मक्कल नीधि मय्यम’ रखा है. उस वक़्त हासन ने कहा था कि उनकी पार्टी ऐसी राजनीति के लिए प्रतिबद्ध है जो ‘जाति-धर्म के खेल’ से परे और सुशासन पर केंद्रित होगी.
उनकी पार्टी के नाम का अर्थ है ‘लोक न्याय केंद्र पार्टी’. पार्टी के नाम की घोषणा से कुछ पल पहले हासन ने कहा, ‘मैं आपका नेता नहीं… आपका ज़रिया हूं… इस सभा में सब नेता हैं.’ हासन ने कहा था कि पार्टी का गठन जनता के शासन की दिशा में पहला क़दम है.
इससे पहले 31 जनवरी को ख़ुद के राजनीति में उतरने की घोषणा करते हुए रजनीकांत ने कहा था, ‘सब कुछ बदलना होगा और ऐसी आध्यात्मिक राजनीति की शुरुआत किए जाने की ज़रूरत है जिसमें पारदर्शिता हो और किसी जाति या धर्म का कोई रंग नहीं हो.’
रजनीकांत ने कहा था कि वह भाई-भतीजावाद या मेज के नीचे से लेन-देन को सहन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा था, ‘मुझे स्वयंसेवकों की ज़रूरत है जो निगरानी करेंगे और जो अपने स्वार्थों के लिए किसी अधिकारी, मंत्री या सांसद या विधायकों के पास नहीं जाएंगे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)