शीर्ष अदालत ने कहा कि यह शादी वैध है, हाईकोर्ट को इसे रद्द नहीं करना चाहिए था. साथ ही एनआईए हादिया के पति से जुड़े आरोपों की जांच जारी रख सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने कथित लव जिहाद की शिकार केरल की महिला हादिया की शादी बहाल कर दी है.
कोर्ट ने हादिया की शादी रद्द करने से संबंधित केरल उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज करते हुए कहा कि एनआईए हादिया के पति शफीन जहां से जुड़े कथित अपराधों के सिलसिले में वर्तमान जांच जारी रख सकती है.
#Breaking: Supreme Court sets aside Kerala High Court judgment in #Hadiya case, holds Kerala High Court should not have annulled marriage between Hadiya and Shafin Jahan; NIA probe to continue.
— Bar & Bench (@barandbench) March 8, 2018
ज्ञात हो कि केरल के कोट्टायम ज़िले के टीवीपुरम की अखिला अशोकन ने धर्म परिवर्तन के बाद हादिया जहां के रूप में शफीन जहां से निकाह किया था. इस मामले को हादिया के पिता अशोकन ने लव जिहाद का नाम देते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था.
अशोकन ने आरोप लगाया कि मामले में जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है. उन्होंने हादिया को लेकर चिंता जताई कि हादिया को आतंकवादी संगठन आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया भेज दिया जाएगा. दरअसल हादिया से निकाह करने वाले शफीन मस्कट में काम करते हैं और उनके माता पिता भी वहीं रहते हैं.
शुरुआत में शफीन हादिया को अपने साथ मस्कट ले जाना चाहते थे लेकिन अदालत का फैसला उनके ख़िलाफ़ आया. केरल उच्च न्यायालय ने इस विवाह को अवैध क़रार देते हुए इसे लव जिहाद की संज्ञा देते हुए हादिया को उनके परिवारवालों के संरक्षण में भेज दिया. और 16 अगस्त 2017 को मामले की जांच एनआईए को सौंप दी.
उच्च न्यायालय द्वारा इस विवाह को अमान्य घोषित करने के फैसले को चुनौती देते हुए उसने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की जिसमें उसने इस निर्णय को देश में महिलाओं की स्वतंत्रता का अपमान बताया था.
बीते नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने हादिया से बातचीत की और उसे होम्योपैथी की शिक्षा आगे जारी रखने के लिए तमिलनाडु के सलेम भेज दिया. कोर्ट ने हादिया को सुरक्षा प्रदान करने और यथाशीघ्र उसका सलेम पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए केरल पुलिस को निर्देश दिया था.
बीते जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि हादिया बालिग है, किसी कोर्ट या जांच एजेंसी को शादी पर सवाल उठाने का हक़ नहीं है. एनआईए कथित लव जिहाद के बारे में जांच कर सकता है लेकिन वह किसी की शादी की स्थिति के बारे में जांच नहीं कर सकता.
गुरुवार को इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा है कि हादिया और शफीन अब पति-पत्नी की तरह रह सकेंगे.
एनडीटीवी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट को इस शादी को रद्द नहीं करना चाहिए था. ये शादी वैध है. हादिया को सपने पूरे करने की पूरी आजादी है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एनआईए अपनी जांच जारी रख सकता है. अदालत ने कहा, ‘एनआईए किसी भी विषय में जांच कर सकती है लेकिन वह दो वयस्कों की शादी को लेकर कैसे जांच सकती हैं?’
सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट किया कि अगर दो बालिग शादी करते हैं और सरकार को ऐसा लगता है कि दंपति में से कोई गलत इरादे से विदेश जा रहा है, तो सरकार उसे रोकने में सक्षम है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)