भारत और अमेरिका समेत दुनिया भर में लोकतंत्र दोराहे पर खड़ा है: हिलेरी क्लिंटन

पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने मुंबई में एक समारोह में कहा कि लोकतंत्र की यह स्थिति न सिर्फ सरकारों और राजनीतिक नेताओं के लिए चिंता का विषय है, बल्कि कारोबारियों, मीडिया और आम नागरिकों के लिए भी चिंता का विषय है.

(फोटो: रॉयटर्स)

पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने मुंबई में एक समारोह में कहा कि लोकतंत्र की यह स्थिति न सिर्फ सरकारों और राजनीतिक नेताओं के लिए चिंता का विषय है, बल्कि कारोबारियों, मीडिया और आम नागरिकों के लिए भी चिंता का विषय है.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि दुनिया भर में लोकतंत्र दोराहे पर खड़े हैं और उन्हें मजबूत करना वक्त का तकाजा है.  हिलेरी ने भारत का आह्वान किया कि वह ज्यादा सक्रिय हो और एशिया के भविष्य में शामिल हो. महाद्वीपों के भविष्य का ज्यादातर हिस्सा एशिया के अवाम लिखेंगे.

इंडिया टुडे कॉनक्लेव के समापन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा कि अमेरिका और भारत समेत दुनिया भर में लोकतंत्र दोराहे पर खड़े हैं. यह न सिर्फ सरकारों और राजनीतिक नेताओं के लिए चिंता का विषय है, बल्कि कारोबारियों, मीडिया और आम नागरिकों के लिए भी चिंता का विषय है.

हिलेरी ने कहा, ‘हमें ऐसी कई आवाजों की जरुरत है जो मौलिक अधिकारों के लिए आवाज उठाएं, नस्लभेद, लिंगभेद और कट्टरता के खिलाफ आवाज बुलंद करके धर्मनिरपेक्षता को कायम रखने के प्रयास करें, भेदभाव को सामान्य करने के प्रयास करें. हमें यह सुनिश्चित करने की जरुरत है कि भारत और अमेरिका में लोकतंत्र में क्रोध, असंतोष और निराशा के लिए जगह न हो.

हिलेरी ने कहा, ‘इक्कीसवीं सदी और उसके इतर हमारा साझा भविष्य बहुत हद तक एशिया में लिखा जाएगा और एशिया का ज्यादातर भविष्य भारत में लिखा जाएगा जो न सिर्फ भारत सरकार, बल्कि भारत में फैले उसके राज्य और सबसे ज्यादा यहां रहने वाले एक अरब 30 करोड़ लोग लिखेंगे.’

पूर्व अमेरिकी विदेशमंत्री ने कहा, ‘मैं मजबूती से महसूस करती हूं कि भारत को और भी ज्यादा सक्रिय और एशिया के भविष्य से जुड़ना चाहिए. भारत मानव ज्ञान एवं नवोन्मेष को बढ़ाते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में लंबी छलांग लगा रहा है. अमेरिका में एक तिहाई स्टार्टअप का नेतृत्व भारतीय मूल के अमेरिकी कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि दुनिया पर्यावरण, मानवाधिकार एवं अन्य मुद्दों पर भारत से नेतृत्व की अपेक्षा कर रही है. हिलेरी ने कहा, ‘भारत-अमेरिका दोस्ती साझे मूल्यों और दृष्टि की जड़ों से जुड़ी है. भारत और अमेरिका मुक्त देश एवं मुक्त बाजार के पक्षधर हैं. हम लोकतंत्र, बहुवाद, अवसर और नवोन्मेष में यकीन रखते हैं. ये यकीन आज पहले की अपेक्षा ज्यादा अहम है.’

हिलेरी ने कहा, ‘हम एक जैसी आर्थिक चुनौतियों और आतंकवाद एवं परमाणु प्रसार के खतरों, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोजगार सृजन के नए खतरों, साइबर-युद्ध से हमारी सुरक्षा के खतरों का सामना कर रहे हें.’

उन्होंने कहा कि महिलाओं और युवाओं को सियासत में शिरकत करनी चाहिए और वह इस दिशा में अमेरिका में काम कर रही हैं. उन्होंने प्रश्नोत्तर के दौरान कहा कि वक्त आ गया है कि जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग एक साथ आएं और लोकतंत्र की रक्षा करें एवं उसे ज्यादा प्रभावी बनाएं.

हिलेरी ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनाव प्रचार कैंपेन पर भी बात की. उन्होंने इस दौरान कहा, ‘ट्रंप ने 2016 में अपने चुनावी कैंपेन के दौरान जो कहा, उसके आधार पर देखें तो डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति के पद के योग्य नहीं थे. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिकी चुनावों में अमेरिका के कट्टर प्रतिद्वंदी रूस का हस्तक्षेप थे, जिसने ट्रंप की जीत सुनिश्चित की.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)