राज्यसभा के लिए जया बच्चन को तरजीह दिए जाने से नरेश अग्रवाल सपा से नाराज़ चल रहे थे. जया बच्चन के ख़िलाफ़ बयान देकर खड़ा किया बवाल.
नई दिल्ली: राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल ने सोमवार को समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के कुछ मिनट के अंदर ही अभिनेता से नेता बनीं जया बच्चन को ‘फिल्मों में नाचने वाली’ बताकर हंगामा खड़ा कर दिया. उनके बयान को पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने ‘अस्वीकार्य’ क़रार दिया.
राज्यसभा में उनके बजाय जया बच्चन को तरजीह देने पर अग्रवाल समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.
भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल होने के दौरान अग्रवाल ने कहा, ‘फिल्मों में काम करने वाली से मुझे कमतर आंका गया. ऐसे व्यक्ति के लिए मुझे टिकट (राज्यसभा के लिए) नहीं दिया गया जो फिल्मों में नाचती है, फिल्मों में काम करती है. मैं इसे उचित नहीं मानता.’
Films mein kaam karne wali se meri hesiyat kardi gayi, unke naam par humara ticket kataa gaya, maine isko bhi bahut utchit nahi samjha. Meri koi shart par nahi aya, koi Rajya Sabka ki ticket ki maang nahi hai: Naresh Agrawal, on joining BJP pic.twitter.com/620MijUUsK
— ANI (@ANI) March 12, 2018
अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे अग्रवाल के भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया, जहां उन्होंने यह टिप्पणी की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित भाजपा नेता मौजूद थे.
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अग्रवाल की टिप्पणी से तुरंत पार्टी को अलग किया और कहा कि उनकी पार्टी सभी क्षेत्रों के लोगों का सम्मान करती है और राजनीति में उनका स्वागत करती है.
उसके कुछ घंटे बाद भाजपा की वरिष्ठ नेत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर अग्रवाल के बयान की आलोचना की.
विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. उनका स्वागत है. बहरहाल, जया बच्चन जी के ख़िलाफ़ उनके बयान अनुपयुक्त और अस्वीकार्य हैं.’
श्री नरेश अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं. उनका स्वागत है.
लेकिन जया बच्चन जी के विषय में उनकी टिप्पणी अनुचित एवं अस्वीकार्य है.— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 12, 2018
भाजपा नेता और सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा, ‘राजनीति से परे उठकर हम (उनके बयान की) निंदा में एकजुट हैं.’ हालांकि उन्होंने नरेश अग्रवाल का सीधा उल्लेख नहीं किया.
पहले कांग्रेस में रहे अग्रवाल हमेशा विवादों में रहे हैं. राज्यसभा में हिंदू देवताओं के ख़िलाफ़ बयान को लेकर भी वह विवादों में रहे थे.
अग्रवाल ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और उनके भाई रामगोपाल यादव के प्रति भी सम्मान दिखाया लेकिन कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी का जनाधार कमज़ोर हुआ है.
अग्रवाल ने कहा कि वह बिना शर्त भाजपा में शामिल हो रहे हैं और कहा कि राज्यसभा चुनावों में उनका विधायक बेटा भाजपा के पक्ष में मतदान करेगा.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी प्रशंसा की.
राज्यसभा सदस्य के तौर पर अग्रवाल का कार्यकाल दो अप्रैल को ख़त्म हो रहा है.
कई दलों का थाम चुके हैं दामन
1951 में उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में जन्मे नरेश अग्रवाल ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से कानून और साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. वह पहली बार 1980 में हरदोई से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे.
वह सात बार हरदोई से विधायक रहे. अब हरदोई सदर से उनके बेटे नितिन अग्रवाल तीन बार से विधायक हैं.
यूपी में जब कांग्रेस कमजोर पड़ी तब नरेश अग्रवाल ने 1997 अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया. इसके अलावा कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री भी रहे.
2003 में मुलायम सिंह की सरकार में भी नरेश अग्रवाल मंत्री बने. उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनने के बाद सपा छोड़कर नरेश अग्रवाल ने साल 2008 में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. हालांकि बसपा के साथ उनकी दोस्ती तीन साल ही चल सकी.
2012 के यूपी विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने बसपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया. अब फिलहाल उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है.