पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के मुताबिक ईवीएम में धांधली के आरोप पूरी तरह निराधार हैं. यदि इसमें छेड़छाड़ की गुंजाइश होती तो किसी सरकार की हार नहीं होती. दुनिया के कई देशों के चुनावों में भारत की ईवीएम का उपयोग किया जाता है.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने समाचार पत्र दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि पारदर्शी व निष्पक्ष चुनाव के लिए ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से बेहतर दूसरा कोई सिस्टम नहीं है. यदि इसमें छेड़छाड़ की गुंजाइश होती तो किसी सरकार की हार नहीं होती. दुनिया के कई देशों के चुनावों में भारत की ईवीएम का उपयोग किया जाता है. कहीं से किसी भी तरह की शिकायत नहीं आई है.
उन्होंने कहा कि चुनावों में ईवीएम के प्रयोग से पहले कई स्तर पर जांच होती है. मतदान से पहले पोलिंग एजेंटों के सामने इसे सील किया जाता है. मतगणना शुरू होने से पहले भी ईवीएम दिखाया जाता है. ऐसे में किसी स्तर पर गड़बड़ी की गुंजाइश का सवाल ही नहीं. देश में बीस सालों से सफल प्रयोग किया जा रहा है. जो हार जाता है, उसमें से कुछ आरोप लगाते हैं.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि यदि ईवीएम में गड़बड़ी करने की गुंजाइश होती तो फिर न उत्तर प्रदेश में सपा की हार होती, न उत्तराखंड में कांग्रेस की और न ही पंजाब में अकाली व भाजपा गठबंधन की. जिस पार्टी की जहां सरकार है, उसी सरकार के अधीन काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारी ही तो चुनाव में भूमिका निभाते हैं. यदि गड़बड़ी करने की गुंजाइश रहे तो फिर कोई सत्तासीन पार्टी चुनाव नहीं हारेगी.
कुरैशी ने कहा भारत में ही नहीं, बल्कि भूटान और नामीबिया सहित कई देशों के चुनाव में भारतीय ईवीएम का प्रयोग हो रहा है. यह प्रमाण है कि निष्पक्ष चुनाव का इससे बेहतर फिलहाल दूसरा कोई सिस्टम नहीं है. अमेरिका सहित कई देशों में भी इस सिस्टम का प्रयोग धीरे-धीरे शुरू हो रहा है. ईवीएम पर अंगुली उठाना चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर अंगुली उठाना है. पूरी दुनिया भारतीय चुनाव आयोग का विशेष स्थान है.