लोकसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में हार के बाद भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने नरेंद्र मोदी तो सुब्रमनियन स्वामी और पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत यादव ने योगी आदित्यनाथ पर साधा निशाना.
नई दिल्ली: लोकसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के भीतर से विरोध के सुर उठने लगे हैं. इस बार नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी अपनों के निशाने पर है. साथ में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी नेता मोर्चा खोल रहे हैं.
आजमगढ़ से भाजपा के पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
मुख्यमंत्री योगी पर सीधा हमला बोलते हुए रमाकांत यादव ने कहा, ‘पूजा-पाठ करने वाले लोग क्या जानें सरकार चलाना, कितने दिन सरकार चलाएंगे. योगी जैसे लोग सबको साथ लेकर नहीं चल सकते. जब योगी सीएम बने तो मुझे लगा था कि वो सबको साथ लेकर चलेंगे, लेकिन उन्होंने केवल एक जाति को आगे बढ़ाने का काम किया, इससे दूसरी जातियों और पूरे प्रदेश में गलत संदेश गया.’
पूर्व सांसद रमाकांत ने कहा कि यह प्रदेश का चुनाव है, इसमें हार की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नहीं, बल्कि प्रदेश संगठन और मुख्यमंत्री की है. अगर इसी तरह दलित और पिछड़ों की सरकार में उपेक्षा हुई तो 2019 में भी बीजेपी का यही हाल होगा.
Pichde aur daliton ko jis tarah se phenka jaa raha hai, uska parinaam aaj hi saamne aagaya. Main aaj bhi apne dal ko kehna chahta hoon, agar aap daliton aur pichdon ko saath leke chalenge toh 2019 mein santosh janak sthiti ban sakti hai: Ramakant Yadav, BJP (14.3.18) #UPByPoll pic.twitter.com/N0rYjvYvsk
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 15, 2018
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में रमाकांत यादव ने कहा, ‘पिछड़े और दलितों को जिस तरह से फेंका जा रहा है, उसका परिणाम आज सामने आ गया. मैं आज भी अपने दल को कहना चाहता हूं कि अगर आप दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलेंगे तो 2019 में संतोषजनक स्थिति बन सकती है.’
सबसे कड़ा हमला पार्टी के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने किया है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मोदी को नसीहत और विपक्षी नेताओं को बधाई दी.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं लगातार कहता रहा हूं कि अहंकार, गुस्सा और अति आत्मविश्वास राजनीति में सबसे बड़े दुश्मन हैं. चाहे यह ट्रंप, मित्रों या विपक्षी नेताओं की ओर से हो. जय हिंद’
…..I have been repeatedly saying that arrogance, short temper or overconfidence are the biggest killers in democratic politics, whether it comes from Trump, Mitron or opposition leaders….
Jai Hind!— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) March 15, 2018
शत्रुघ्न सिन्हा ने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘आगे कठिन समय है. सर, यूपी-बिहार के उपचुनाव के नतीजों ने आपको और हमारे लोगों को सीटबेल्ट बांधने का संदेश दिया है. उम्मीद है कि भविष्य में हम इस संकट से निपट सकेंगे. ये नतीजे राजनीतिक भविष्य के बारे में भी बताते हैं, इसे हल्के में नहीं हम ले सकते.’
Sir, – UP Bihar bye election results also convey to you & our people to fasten our seatbelts. Turbulent times ahead! Hope wish & pray that we get over this crisis soon, sooner the better! The results speak volumes about our political future…we can’t take it lightly.
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) March 15, 2018
सिन्हा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘सच कहूं तो मैं युवा और डायनेमिक नेता अखिलेश यादव, मास लीडर मायावती और महान नेता लालू प्रसाद को बधाई देना चाहता हूं. मनमोहक व्यक्तित्व के साथ उभरते राजनीतिक यूथ आइकन तेजस्वी यादव के लिए यश और बधाई.’
In true sportsman spirit, I want to congratulate the young & dynamic @yadavakhilesh & mass leader Mayawati Ji @bspindia & the great leader LaluJi @laluprasadrjd. Kudos & congrats to the emerging political youth icon with mesmerizing personality – Tejashwi Yadav @yadavtejashwi
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) March 15, 2018
वहीं, एक अन्य ट्वीट में शत्रुघ्न सिन्हा ने योगी आदित्यनाथ के लिए दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा है कि मित्र योगी जी के लिए काफी दुखी महसूस कर रहा हूं, जो अपने गृह क्षेत्र में ही हार गए. अतिआत्मविश्वास के कारण यह हार हुई.
दूसरी तरफ, भाजपा सांसद सुब्रमनियन स्वामी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, ‘ऐसे नेताओं को बड़ा पद देना लोकतंत्र में आत्महत्या करने जैसा है, जो नेता अपनी सीट पर जीत नहीं दिला सकते. मैं समझता हूं कि इन सब चीजों को ठीक करने के लिए अब भी समय है.’
बीजेपी को उपचुनाव में हार के बाद सहयोगी दल शिवसेना के हमलों का भी सामना करना पड़ा है. पार्टी नेता संजय राउत ने राम का अपमान करने वाले नरेश अग्रवाल को पार्टी में लिए जाने को हार के कारण बताया.