सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात के लिए बेहद महत्वपूर्ण बांध का जलस्तर 105.50 मीटर के बहुत नाजुक स्तर पर पहुंच गया है.
अहमदाबाद/ वडोदरा: गुजरात सरकार ने सरदार सरोवर बांध से सिंचाई के लिए किसानों को जलापूर्ति शुक्रवार को रोक दी. राज्य में जल संकट के कारण शेष जल को पेयजल उद्देश्य के लिए सुरक्षित रखा जा रहा है.
सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) के एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात के लिए बेहद महत्वपूर्ण बांध का जलस्तर आज बहुत नाजुक स्तर (105.50 मीटर) पर पहुंच गया.
सिंचाई और जलापूर्ति राज्य मंत्री प्रभात पटेल ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘पहले की घोषणा के मुताबिक हमने आज सरदार सरोवर बांध से सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति रोक दी है.’
पटेल ने कहा, ‘हमने बाकी पानी को पेयजल उद्देश्यों के लिए सुरक्षित रखा है. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए इंतजाम करना है कि समूचे राज्य को मानसून आने से पहले पेयजल मिले और किसी भी हिस्से को पानी का संकट नहीं हो.’
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एसएसएनएनएल के मुख्य अभियंता पीसी व्यास ने बताया कि पूर्व की घोषणा के अनुसार ही रबी सत्र का अंतिम दिन माने जाने वाले 15 मार्च से ही सिंचाई के पानी को धीरे-धीरे बंद करने का काम शुरू किया गया था. शुक्रवार से सिंचाई की जलापूर्ति पूरी तरह बंद कर दी गई है. गर्मी में सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना कभी भी नर्मदा जलापूर्ति योजना का हिस्सा नहीं था. अब मुख्य और सहयोगी नहरों के जरिए केवल पीने के पानी की आपूर्ति की जा रही है.
इस बीच विधानसभा में गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि नर्मदा योजना में केनाल के अधूरे कामों को 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा. 13 हजार किमी का काम चल रहा है.
उन्होंने आगे कहा, ‘नर्मदा से गुजरात को कम पानी मिला है इसके बावजूद सरकार के प्रयासों से पीने के पानी की कोई समस्या नहीं होगी.’
पानी बर्बाद करने वाली बात पर पटेल बोले कि एक बूंद भी पानी बर्बाद नहीं हुआ है. किसानों को दो सीजन में सिंचाई के लिए पानी दिया गया. गर्मी में सिंचाई के पानी की कोई योजना न होने से हर साल की तरह इस साल भी पानी नहीं दिया जा रहा है.
गौरतलब है कि नर्मदा में पानी की कमी के चलते राज्य में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो गया है. इस पर विधानसभा में शुक्रवार को चर्चा भी हुई. कांग्रेस ने इन हालातों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
गौरतलब है कि इससे पहले 15 फरवरी को राज्य के चार जिलों का पानी रोकने का फरमान जारी किया गया था. सुरेंद्रनगर, बोताड, भावनगर और अहमदाबाद का पानी 15 मार्च की समय सीमा से पहले ही रोक दिया गया था.
इस साल गुजरात भीषण जल संकट से गुज़र रहा है. राज्य को 90 लाख एकड़ फीट पानी हर साल मिलना चाहिए था, लेकिन नर्मदा बांध परियोजना से गुजरात को सिर्फ़ 47 लाख 10 हज़ार एकड़ फीट पानी ही मिल पा रहा है. तब सरदार सरोवर बांध का जलस्तर 111 मीटर के ख़तरनाक स्तर पर पहुंच चुका था.
राज्य के मुख्य सचिव जेएन सिंह ने बांध का दौरा कर पानी के स्तर का निरीक्षण किया था. उन्होंने बताया था कि बांध का पानी फरवरी के अंत तक का है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सितंबर में सरदार सरोवर बांध परियोजना का उद्घाटन किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)