जेएनयू के शोधार्थी मुथुकृष्णनन जीवानंदम उर्फ रजनी कृष की मौत के मामले में पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक दलित शोधार्थी द्वारा दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका में अपने मित्र के घर कथित रूप से फांसी लगाकर जान दिए जाने की घटना के दो दिन बाद पुलिस ने बुधवार को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया.
मुथुकृष्णन ने मुनिरका स्थित अपने दक्षिण कोरियाई दोस्त के घर 13 मार्च को कथित तौर पर कंबल का इस्तेमाल कर फांसी लगा ली थी. अपने फेसबुक प्रोफाइल पर उन्होंने अपना नाम रजनी कृष लिख रखा था.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमने आत्महत्या के लिए उकसाने और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम कानून से संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. मामला अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया है.
मुथुकृष्णन का शव बीते मंगलवार को पोस्टमॉर्टम के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया. पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल ने पांच सदस्यीय बोर्ड गठित किया था और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी के निर्देश दिए थे.
छात्र के पिता ने कहा था कि उनका पुत्र आत्महत्या नहीं कर सकता और मामले की सीबीआई जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने की भी मांग की थी.
मुथुकृष्णन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एमफिल के छात्र थे और रोहित वेमुला आत्महत्या मामले से संबंधित आंदोलन से भी जुड़े थे.