देश में 31 प्रतिशत दलित और 45 प्रतिशत आदिवासी ग़रीबी रेखा से नीचे: सरकार

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दी जानकारी.

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A group of Indian tribes sit in open at a camp in Dornapal in the central state of Chhattisgarh, India March 8, 2006. More than 45,000 people have left their homes to live in camps run by the Salwa Judum, but have just bows and arrows to defend themselves against the rebels' guns and explosives. Picture taken March 8, 2006. REUTERS/Kamal Kishore

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दी जानकारी.

A group of Indian tribes sit in open at a camp in Dornapal in the central state of Chhattisgarh, India March 8, 2006. More than 45,000 people have left their homes to live in camps run by the Salwa Judum, but have just bows and arrows to defend themselves against the rebels' guns and explosives. Picture taken March 8, 2006. REUTERS/Kamal Kishore
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बीते बुधवार को लोकसभा में बताया गया कि देश में करीब 27 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) जीवन यापन कर रहे हैं. अनुसूचित जनजाति के 45.3 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के 31.5 प्रतिशत लोग ग़रीबी रेखा के नीचे हैं.

लोकसभा में जगदम्बिका पाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने यह जानकारी दी.

योजना राज्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2011-12 के आंकड़े के मुताबिक देश में करीब 27 करोड़ लोग (21.92 फीसदी) ग़रीबी रेखा के नीचे जीपन यापन कर रहे हैं. अनुसूचित जनजाति के 45.3 फीसदी और अनुसूचित जाति के 31.5 फीसदी लोग ग़रीबी रेखा के नीचे हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों की ज़िंदगी में सुधार और गरीबी उन्मूलन के लिए कई क़दम उठाए हैं.