आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने पूर्व चुनाव आयुक्त एके जोती पर आरोप लगाया कि उन्होंने केंद्र सरकार को ख़ुश करने के लिए आप विधायकों को अयोग्य घोषित किया था.
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने उसके 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के फैसले को रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के शुक्रवार के आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि चुनाव आयोग ने दिल्ली की निर्वाचित सरकार को गिराने की संजीदा कोशिश के तहत पार्टी विधायकों की सदस्यता ख़त्म करने की सिफ़ारिश की थी.
आप ने उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए चुनाव आयुक्तों से इस्तीफ़ा देने या माफ़ी मांगने की मांग की है.
पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पूर्व चुनाव आयुक्त एके जोती पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने ‘केंद्र सरकार को ख़ुश’ करने के लिए आप विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया था.
पार्टी विधायकों को लाभ के पद के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा राहत देने के शुक्रवार के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में पार्टी नेता आशुतोष ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा आप विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफ़ारिश दिल्ली की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करने का गंभीर प्रयास था.
आशुतोष ने कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के फैसले के माध्यम से दिल्ली के जनादेश को नेस्तनाबूद करने की कोशिश की थी.
उल्लेखनीय है कि आयोग ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा आप के 20 विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति को ‘लाभ के पद’ के दायरे में बताते हुए राष्ट्रपति से इनकी सदस्यता समाप्त करने की सिफ़ारिश की थी. इस साल जनवरी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी 20 विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी थी.
उच्च न्यायालय ने आयोग द्वारा मामले की सुनवाई के दौरान आप विधायकों का पक्ष ठीक से नहीं सुने जाने की अर्ज़ी को सही ठहराते हुए आयोग की सिफ़ारिश को न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत के प्रतिकूल बताया और राष्ट्रपति की अधिसूचना को निष्प्रभावी क़रार दिया.
आशुतोष ने कहा, ‘संवैधानिक पदों पर यदि छोटी सोच वाले लोग बैठेंगे तो लोकतंत्र सुरक्षित नहीं होगा. आयोग का फैसला सही मायने में दिल्ली के जनादेश को धता बताते हुए एक निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करने की गंभीर कोशिश थी.’
उन्होंने कहा कि आयोग का फैसला न सिर्फ़ संवैधानिक तौर पर अवैध था बल्कि इससे यह भी साफ़ हो गया कि संवैधानिक प्राधिकारी किस प्रकार से समझौता करते हैं. आशुतोष ने ट्वीट कर कहा, ‘एके जोती और उनके दो अन्य सहयोगियों को आत्ममंथन करना चाहिए. क्या उन्हें इस्तीफ़ा देकर माफी नहीं मांगनी चाहिए.’
20 आप विधायकों को विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने की मंज़ूरी मिली
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने लाभ के पद विवाद में फ़ंसे आप के 20 विधायकों को मौजूदा बजट सत्र में हिस्सा लेने की मंज़ूरी दे दी.
उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के मामले में आप के 20 विधायकों की अयोग्यता निरस्त करने के फैसले के बाद यह क़दम उठाया. अयोग्यता रद्द किए जाने के बाद आप विधायकों नितिन त्यागी, अल्का लांबा, सोम दत्त, राजेश गुप्ता और राजेश ऋषि समेत अन्य ने बजट सत्र में हिस्सा लिया.
सदन में पहुंचने वाले पहले विधायकों में अयोग्य ठहराई गईं अलका लांबा और नितिन त्यागी शामिल थे. त्यागी के सदन में पहुंचने के साथ ही आप विधायकों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और अपनी मेज थपथपायीं.
इसके थोड़ी ही देर बाद आप के दूसरे विधायकों ने भी सदन में अपने सहयोगियों के साथ नारेबाजी की और मेज थपथपायीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)