दुमका कोषागार से गबन के मामले में लालू पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
रांची: चारा घोटाले से जुड़े तीन मामलों में सजा पा चुके राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं. इस घोटाले से जुड़े चौथे मामले में शनिवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है.
चारा घोटाले में दुमका कोषागार से करीब 3 करोड़ 13 लाख गबन के मामले में दोषी करार लालू यादव को विभिन्न धाराओं में 7-7 साल की सज़ा सुनाई गई है. साथ ही 30-30 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.
जुर्माना नहीं देने की स्थिति में उनकी 1 साल की सजा बढ़ा दी जाएगी.
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी, 467, 420, 409, 468, 471, 477 ए और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) रेड विद 13(1)(सी)(डी) के तहत कुल 14 साल की सजा दी है और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
मालूम हो कि चारा घोटाले के तीन मामलों में सज़ा पाने के बाद रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद थे. जेल में तबियत खराब होने के बाद उन्हें रिम्स में भर्ती करवाया गया, जहां से उन्हें दिल्ली ले जाया जा सकता है.
19 मार्च को विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें दुमका कोषागार से तीन करोड़ 13 लाख रुपये का गबन के मामले में दोषी पाया था.
अदालत ने बिहार के दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 12 लोगों को इस मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने लालू समेत 19 लोगों को दोषी क़रार दिया. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व विधायक ध्रुव भगत, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, पूर्व विधायक आर के राणा समेत 12 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने लालू को दोषी क़रार देने और जगन्नाथ मिश्रा को बरी करने फैसले को सीबीआई का खेल बताया है और कहा कि राजद इस मामले में भी हाईकोर्ट जाएगी.
चारा घोटाले के तीन मामलों में पहले ही सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव को देवघर कोषागार एवं चाईबासा कोषागार के गबन के दो मामलों में क्रमशः 23 दिसंबर एवं 24 जनवरी को दोषी ठहराया जा चुका है.
इससे पहले 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला में देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हज़ार रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को बीते जनवरी महीने में रांची की सीबीआई अदालत साढ़े तीन वर्ष की क़ैद एवं दस लाख जुर्माने की सज़ा सुना चुकी है.
अदालत ने लालू के दो पूर्व सहयोगियों लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात वर्ष की क़ैद एवं बीस लाख रुपये के जुर्माने एवं बिहार के पूर्व मंत्री आरके राणा को साढ़े तीन वर्ष की क़ैद एवं दस लाख जुर्माने की सज़ा सुनाई थी.
साल 2013 के अक्टूबर महीने में चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में लालू प्रसाद यादव और सहित 22 लोगों को सज़ा सुनाई गई थी. हालांकि लालू यादव ने इस फैसले के ख़िलाफ़ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी जिसके बाद उन्हें ज़मानत मिल गई थी.