कर्नाटक: शाह की फिसली जुबान, अपने ही मुख्यमंत्री उम्मीदवार येदियुरप्पा को बताया सबसे भ्रष्ट

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, '2013 में जब संप्रग की सरकार केंद्र की सत्ता में थी तो उन्होंने लिंगायत और वीरशैवों को अल्पसंख्यक दर्जा देने वाला प्रस्ताव खारिज कर दिया था. उस वक्त सिद्दारमैया चुप क्यों थे? यह हिंदुओं को बांटने की कोशिश है.'

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(फोटो: पीटीआई)

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘2013 में जब संप्रग की सरकार केंद्र की सत्ता में थी तो उन्होंने लिंगायत और वीरशैवों को अल्पसंख्यक दर्जा देने वाला प्रस्ताव खारिज कर दिया था. उस वक्त सिद्दारमैया चुप क्यों थे? यह हिंदुओं को बांटने की कोशिश है.’

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(फोटो: पीटीआई)

कर्नाटक: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कर्नाटक में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा को सबसे भ्रष्ट बता दिया.

दरअसल, प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने जल्दबाज़ी में अपनी ही पार्टी की सरकार को भ्रष्ट बता दिया, लेकिन बगल में बैठे सांसद प्रहलाद जोशी ने उन्हें उनकी गलती का एहसास कराया तो उन्होंने सुधार करते हुए मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का नाम ले लिया.

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान शाह ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के लिए अगर स्पर्धा कर दी जाये तो येदियुरप्पा सरकार को भ्रष्टाचार में नंबर एक सरकार का दर्जा मिलेगा.’

शाह के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हो रही है और कांग्रेस ने इस पर तंज भी कसा है.

मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने ट्वीट कर कहा कि अमित शाह ने आखिरकर सच बोला. थैंक्यू अमित शाह.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, ‘अब क्योंकि बीजेपी आईटी सेल ने कर्नाटक चुनाव की घोषणा कर दी है तो टॉप सीक्रेट कैंपेन वीडियो भी देख लिया जाए. यह बीजेपी अध्यक्ष की ओर से तोहफा है. कर्नाटक में हमारे कैंपेन की अच्छी शुरुआत हुई है. वह कहते हैं कि येदियुरप्पा ने अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार चलाई है.’

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अमित शाह ने कर्नाटक की सिद्दारमैया सरकार पर आरोप लगाया कि वह हिंदुओं को बांटने की कोशिश कर रही है.

कर्नाटक की दो दिवसीय यात्रा पर आए शाह ने कहा कि लिंगायतों और वीरशैव लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने का राज्य सरकार का कदम हिंदुओं को बांटने की कोशिश है.

शाह ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘कर्नाटक में चुनावों से ठीक पहले लिंगायतों और वीरशैवों के लिए अल्पसंख्यक दर्जे की घोषणा करके उन्होंने लिंगायतों और वीरशैवों, लिंगायतों एवं अन्य समुदायों को बांटने की कोशिश की है.’

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा लिये गये इस कदम के समय पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सिद्दारमैया सरकार से पूछा, ‘आप पांच साल से क्या कर रहे थे?’

उन्होंने कहा, ‘2013 में जब आपकी अपनी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार केंद्र की सत्ता में थी तो उन्होंने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उस वक्त सिद्दारमैया चुप क्यों थे? यह हिंदुओं को बांटने की कोशिश है.’

शाह ने कहा कि यह वीरशैव एवं लिंगायत समुदायों की बेहतरी के लिए उठाया गया कदम नहीं है बल्कि बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकने की साजिश है. येदियुरप्पा को लिंगायत समुदाय का कद्दावर नेता माना जाता है.

अमित शाह ने कहा, ‘लिंगायत समुदाय इसे समझता है और मुझे यकीन है कि कर्नाटक के लोग बैलेट के जरिए इसका जवाब देंगे.’

कर्नाटक कैबिनेट ने हाल में केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि लिंगायतों एवं वीरशैव लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाए. राज्य सरकार के इस कदम को भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

शाह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मठों और मंदिरों को भी सरकारी नियंत्रण में लाने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मैंने पांच-छह बार कर्नाटक की यात्रा की है और लोगों से मिलने के बाद मैं कर्नाटक की भावनाएं समझ सका.’

उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक के लोगों का मानना है कि सिद्दारमैया ‘अहिंद’ नेता नहीं बल्कि ‘अहिंदू’ (हिंदू विरोधी) नेता हैं.’

गौरतलब है कि कन्नड़ भाषा में ‘अहिंद’ शब्द का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों और दलितों के लिए किया जाता है.

शाह ने आगे कहा कि यदि कांग्रेस ने सिद्दारमैया को नहीं रोका तो पार्टी को चुनावों में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

शाह ने कहा, ‘एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष हिंदुओं, मुस्लिमों, सिखों और ईसाइयों को एकजुट करने की बातें करते हैं जबकि दूसरी तरफ कर्नाटक में उनके अपने मुख्यमंत्री हिंदुओं को बांटने की बातें कर रहे हैं.’

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मैंने किसी राजनीतिक पार्टी के भीतर इतने बड़े मतभेद नहीं देखे हैं.’

इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इसकी राजनीतिक शाखा एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) पर हिंदुओं एवं भाजपा-आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि उनके खिलाफ केस वापस लेकर राज्य सरकार वोट बैंक की घटिया राजनीति कर रही है.

शाह ने कहा, ‘एक तरफ केरल सरकार ने केंद्र सरकार से पीएफआई पर पााबंदी लगाने की सिफारिश की है, लेकिन सिद्दारमैया को पीएफआई में कुछ गलत नहीं दिखता. कर्नाटक एवं भारत की सुरक्षा के लिए तुष्टिकरण की यह नीति सबसे बड़ा खतरा है.’

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘कर्नाटक के लोगों को समझ आ चुका है कि यह सबसे भ्रष्ट सरकार है. हाल में उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश ने कहा था कि यदि देश में भ्रष्टाचार को लेकर कोई प्रतिस्पर्धा हो तो सिद्दारमैया सरकार को नंबर वन का अवॉर्ड मिलेगा.’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जद (एस) को भाजपा की ‘बी’ टीम बताने पर शाह ने कहा कि दोनों दलों के बीच ऐसी कोई आपसी तालमेल नहीं है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सभी 224 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बिना किसी के समर्थन के पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी.

यह पूछने पर कि कुछ लिंगायत साधु चुनाव लड़ने के लिए भाजपा से टिकट की मांग कर रहे हैं, शाह ने कहा कि इस सवाल का जवाब अभी नहीं दिया जा सकता है क्योंकि अभी तक टिकट के बारे में फैसला नहीं हुआ है.

लिंगायत साधुओं से कल उनकी मुलाकात के बारे में पूछने पर शाह ने कहा कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं है और उनके सम्मान में ऐसा किया गया.

हीरा व्यापारी नीरव मोदी के पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी कर फरार हो जाने के बारे में पूछने पर शाह ने कहा कि उसे वापस भारत लाने का प्रयास किया जा रहा है.

इससे पहले शाह ने मुष्टि धान्य अभियान (मुट्ठी भर अनाज अभियान) की शुरुआत डोड्डाबाटी गांव से की जहां उन्होंने किसानों से खाद्यान्न संग्रहित किए.

इस अभियान का उद्देश्य कर्नाटक के निराश किसानों के प्रति समर्थन जताना है जो आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)