पत्रकार संदीप को दो अजनबी अस्पताल के बजाय पोस्टमार्टम हाउस लेकर गए थे

एंबुलेंस के ड्राइवर ने खुलासा किया है कि जब वे घायल संदीप को अस्पताल ले जाने घटनास्थल पहुंचे तो दो अन्जान व्यक्ति एंबुलेंस में घुस आए. उन्होंने संदीप को अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाने के बजाय सीधे पोस्टमार्टम हाउस ले जाने को कहा था.

एंबुलेंस के ड्राइवर ने खुलासा किया है कि जब वे घायल संदीप को अस्पताल ले जाने घटनास्थल पहुंचे तो दो अन्जान व्यक्ति एंबुलेंस में घुस आए. उन्होंने संदीप को अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाने के बजाय सीधे पोस्टमार्टम हाउस ले जाने को कहा था.

Sandeep Sharma Bhind Collage

भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में सोमवार को ट्रक से कुचलकर मारे गये पत्रकार संदीप शर्मा की मौत को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. जिस एंबुलेंस में हादसे के बाद संदीप को ले जाया गया था, उसके ड्रायवर ने कहा है कि जब एंबुलेंस संदीप को अस्पताल ले जाने के लिए घटनास्थल पर पहुंची तो दो अंजान लोग एंबुलेंस में घुस आए थे और उन्होंने घायल संदीप को अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाने के बजाय सीधे पोस्टमार्टम हाउस ले जाने को कहा था.

पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, एंबुलेंस चालक ने बताया, ‘संदीप को एंबुलेंस में रखने के साथ ही दो लोग सवार हो गये थे. उन दोनों ने ही उससे कहा था कि एंबुलेंस को सीधे पीएम हाउस ले चलो.’

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पत्रिका अखबार के स्थानीय संस्करण की क्लिपिंग

चालक राकेश कुमार के अनुसार, वे दोनों पुलिसकर्मी थे या कोई और, इसके बारे में वह नहीं जानता. दोनों ही सामान्य कपड़ों में थे.

राकेश ने बताया कि वह हमेशा घायल को मौके से उठाने के बाद सीधा जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाता है. उस दिन उन लोगों के यह कहने पर कि संदीप की मौत हो गई है, पीएम हाउस ले चलो, मैं अस्पताल न जाकर पीएम हाउस गया.

गौरतलब है कि सोमवार को भिंड के एक स्थानीय समाचार चैनल में काम करने वाले पत्रकार संदीप शर्मा को एक ट्रक ने रौंद दिया था. संदीप द्वारा रेत माफिया और पुलिस की मिलीभगत सामने लाने के बाद से उन्हें पिछले कई दिनों से जान से मारने की धमकी भी मिल रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर उन्होंने सुरक्षा देने की मांग भी की थी.

फिलहाल मामले की जांच एसआईटी कर रही है और मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की सिफारिश भी कर दी है.

वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि पत्रकार द्वारा सुरक्षा की मांग करने के बावजूद उसे सुरक्षा न देना राज्य सरकार की लापरवाही है.