भाजपा के सेवक हो गए हैं अफ़सर, मेरी कोई नहीं सुनता: गोरखपुर सांसद प्रवीण निषाद

गोरखपुर के नवनिर्वाचित सांसद प्रवीण निषाद ने आरोप लगाया कि जनपद से मुख्यमंत्री होने के नाते ज़िला प्रशासन योगी आदित्यनाथ के दबाव में है.

Gorakhpur: Samajwadi Party candidate Praveen Kumar Nishad flashes victory sign after his success in the bypoll elections, in Gorakhpur on Wednesday. PTI photo(PTI3_14_2018_000163B)
Gorakhpur: Samajwadi Party candidate Praveen Kumar Nishad flashes victory sign after his success in the bypoll elections, in Gorakhpur on Wednesday. PTI photo(PTI3_14_2018_000163B)

गोरखपुर के नवनिर्वाचित सांसद प्रवीण निषाद ने आरोप लगाया कि जनपद से मुख्यमंत्री होने के नाते ज़िला प्रशासन योगी आदित्यनाथ के दबाव में है.

Gorakhpur: Samajwadi Party candidate Praveen Kumar Nishad flashes victory sign after his success in the bypoll elections, in Gorakhpur on Wednesday. PTI photo(PTI3_14_2018_000163B)
गोरखपुर के सांसद प्रवीण निषाद. (फाइल फोटो पीटीआई)

गोरखपुर के नवनिर्वाचित सांसद प्रवीण निषाद ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के शासन में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी उनकी सुनते नहीं हैं, ज़िले के अफ़सर भाजपा के सेवक हो गए हैं.

बीते मंगलवार को गोरखपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर उन्होंने अपनी बात रखी. अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी कोई नहीं सुनता. अफ़सर उनका फोन नहीं उठाते हैं और अगर उठाते भी हैं तो संबंधित मुद्दे को लेकर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, सांसद प्रवीण निषाद ने कहा, ‘अफ़सर दबाव में काम कर रहे हैं. जनता के जो मुद्दे हैं उनको लेकर मैं ज़िलाधिकारी से लेकर संबंधित अधिकारियों को लगातार लिख रहा हूं, लेकिन न तो कोई जवाब देता है और न ही कोई मेरा फोन उठाता है.’

गोरखपुर फाइनल रिपोर्ट के यूट्यूब चैनल के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘जनता के प्रतिनिधि जो जनता के द्वारा चुनकर उनकी सेवा के लिए सदन में पहुंचा… अगर ज़िला प्रशासन के द्वारा उसकी बातों को नकारा जा रहा है तो जनता इस सरकार द्वारा कहां तक अपने लिए न्याय की उम्मीद कर सकती है… ये आप लोग ख़ुद तय कर सकते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘किसानों के खेतों में आग लग रही है. कई एकड़ फसल जलकर राख हो चुकी है. सभी ब्लॉक पर 2-2 गाड़ियां फायर ब्रिगेड की होनी चाहिए, इसके लिए मैंने प्रशासन को लेटर भी लिखा. कुछ दिन पहने दो जगहों पर आग लगी तो एसडीएम को फोन किया लेकिन उनका फोन बंद था. चिलुआत थाने पर फोन किया तो पता चला अधिकारी वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ड्यूटी में लगे थे. जनता कहां शिकायत करे.’

उन्होंने कहा, ‘मैं मीडिया के माध्यम से ज़िला प्रशासन के अधिकारियों से पूछना चाहता हूं कि वे जनता की सेवा करने के लिए कुर्सी पर बैठे हुए हैं… नहीं तो बीजेपी की सेवा करने के लिए बैठे हैं तो वे अपना काम करें, जनता 2019 के चुनाव में इसका जवाब देगी.’

उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से मैं इस मुद्दे को सदन में उठाऊंगा. गोरखपुर ज़िला प्रशासन मेरी बातों को नहीं सुन रहा है. मनबढ़ई कर रहा है. जनपद से मुख्यमंत्री होने के नाते सारा प्रशासन उनके (योगी आदित्यनाथ) दबाव में है. ज़िला प्रशासन का कोई भी छोटे से छोटा कर्मचारी हो या बड़े से बड़ा कोई भी बात मानने का तैयार नहीं है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल सांसद प्रवीण निषाद के पिता और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने एससी एसटी एक्ट में किए गए बदलाव को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन करने वालों पर हुई सख़्ती की निंदा की.

उन्होंने आरोप लगाया कि गोरखपुर ज़िले में कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया.

इस बारे में प्रवीण निषाद ने कहा, ‘अपने हक़ और हिस्से के लिए आंदोलन करना ज़रूरी है. मैं उसका समर्थन करता हूं और इस सरकार के द्वारा उनके ऊपर जो अत्याचार हुआ, मैं उसकी घोर निंदा करता हूं.’

मालूम हो कि हाल ही में हुए गोरखपुर उपचुनाव में सपा की ओर चुनाव मैदान में उतरे निषाद पार्टी के प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21,961 वोट से हरा दिया था.

गोरखपुर सीट पर भाजपा को 28 साल बाद हार झेलनी पड़ी है. 1991 से ही यह सीट भाजपा के पास थी. 1991 में हिंदू महासभा के नेता रहे गोरक्षपीठ के महंत अवैद्यनाथ ने भाजपा के टिकट पर यहां जीत दर्ज की थी. इससे पहले (1989-90) वह इस सीट पर हिंदू महासभा के टिकट पर सांसद चुके गए थे.