राजस्थान में ज़िला एवं सत्र न्यायालय के 87 जजों का तबादला किया गया. काला हिरण शिकार मामले में सलमान को पांच साल की सज़ा सुनाने वाले जज देव कुमार खत्री का नाम भी शामिल.
वर्ष 1998 के काला हिरण शिकार मामले में दोषी ठहराए गए सलमान ख़ान की ज़मानत याचिका पर सुनवाई कर रहे और उन्हें सज़ा सुनाने वाले जोधपुर ज़िला एवं सत्र न्यायालय के दो जजों का तबादला कर दिया गया है.
जोधपुर के ज़िला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश रविंद्र कुमार जोशी ने सलमान ख़ान की ओर से गुरुवार को पेश की गई ज़मानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने के बाद फैसला शनिवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है.
न्यायाधीश रविंद्र कुमार जोशी का तबादला राजस्थान के सिरोही में हो गया है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी जगह भिलवाड़ा के ज़िला एवं सत्र न्यायालय के जज चंद्र कुमार सोंगारा लेंगे.
इसके अलावा सलमान ख़ान को पांच साल की सज़ा सुनाने वाले जज देव कुमार खत्री का भी तबादला कर दिया गया है. उनकी जगह उदयपुर में तैनात अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट समरेंद्र सिंह सिकरवार लेंगे.
मालूम हो कि शुक्रवार देर रात राजस्थान उच्च न्यायालय ने के महापंजीयक ने ज़िला एवं सत्र अदालत के 134 न्यायाधीशों का तबादला कर दिया, जिसमें न्यायाधीश देव कुमार खत्री और न्यायाधीश रविंद्र कुमार जोशी भी शामिल हैं.
राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार जोशी का शुक्रवार देर रात सिरोही के लिए तबादला कर दिया गया.
पांच अप्रैल को जोधपुर ज़िला एवं सत्र न्यायालय ने सलमान ख़ान को काला हिरण शिकार मामले में दोषी मानते हुए पांच साल की क़ैद और 10 हज़ार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई थी. अभिनेता ने जोधपुर केंद्रीय कारागार में अभी तक दो रात काटी हैं.
इस मामले में पांच सह आरोपियों सैफ़ अली ख़ान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. सैफ़, सोनाली, तब्बू और नीलम पर सलमान ख़ान को उकसाने का आरोप लगाया गया था.
सत्र अदालत ने शुक्रवार को बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान ख़ान की जमानत याचिका पर शनिवार सात अप्रैल के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था और उसने निचली अदालत से मामले के रिकॉर्ड मांगे थे.
क़ानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा न्यायाधीश के पास ख़ुद को कार्यमुक्त करने के लिए सात दिन का समय होता है और अगर वह ऐसा करते हैं तो सलमान की याचिका पर शनिवार को ही वह फैसला सुना सकते हैं.
यह घटना साल 1998 में उस समय की है जब फिल्म अभिनेता सलमान ख़ान और फिल्म कलाकार सैफ़ अली ख़ान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे घटना वाले दिन जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ-साथ है’ की शूटिंग के लिए कर रहे थे.
सलमान ख़ान को अदालत ने वन्यजीव (संरक्षण) कानून के प्रावधान 9/51 के तहत दोषी क़रार दिया. इस क़ानून के तहत दोषी को अधिकतम छह साल क़ैद की सज़ा हो सकती है.
दरअसल, काला हिरण एक विलुप्तप्राय जंतु है और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम- 1972 की अनुसूची एक में शामिल है.
सलमान पर आरोप था कि उन्होंने जोधपुर के निकट कांकाणी गांव के भागोडा की ढाणी में दो काले हिरणों का शिकार किया था. बहरहाल आज यानी शनिवार को सलमान ख़ान की ज़मानत याचिका पर जोधपुर ज़िला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई होनी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)