आरएसएस के प्रचारक से लेकर संगठन मंत्री तक रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को देहरादून में हुई एक मीटिंग में भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया. रावत उत्तराखंड के 9वें मुख्यमंत्री होंगे.
उत्तराखंड में भाजपा विधायक दल ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना नेता चुन लिया है. अब वह शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. नई सरकार का शपथ ग्रहण 18 मार्च को शाम तीन बजे देहरादून परेड ग्राउंड में होगा.
रावत के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के शामिल होने की खबर है. देश के कई अन्य प्रमुख पार्टी नेताओं के भी समारोह में शिरकत करने की संभावना है. परेड ग्राउंड में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
Trivendra Singh Rawat to take oath as Uttarakhand CM tomorrow. pic.twitter.com/T4eMu37x6P
— ANI (@ANI) March 17, 2017
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और संघ के करीबी माने जाने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत 1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं. उस दौरान वह उत्तराखंड अंचल और बाद में राज्य के संगठन सचिव रहे हैं.
56 वर्षीय त्रिवेंद्र सिंह रावत डोइवाला सीट की नुमाइंदगी करते हैं. वह पहली बार 2002 में डोइवाला सीट से एमएलए बने. तब से वहां से तीन बार चुने जा चुके हैं. दो बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. वह 2007-12 के दौरान राज्य के कृषि मंत्री भी रहे.
एनडीटीवी के अनुसार कृषि मंत्री रहने के दौरान बीज घोटाले में उनका नाम आया. हालांकि त्रिवेंद्र रावत का इस पर कहना है कि कांग्रेस सरकार द्वारा जांच कराने पर भी उनका नाम नहीं आया. इस वक्त वह पार्टी की झारखंड यूनिट के प्रभारी हैं.
त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लाक के खैरासैण गांव के रहने वाले हैं. उनकी पत्नी शिक्षक हैं. रावत की दो बेटियां हैं.
रावत ने इतिहास से एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है. चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है और उनके पास करीब एक करोड़ की संपत्ति है.