पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्या में दोषी खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा ने पीठ के दर्द से परेशान होकर कानूनी तौर पर दया मृत्यु की अर्ज़ी दाख़िल की है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रायल कोर्ट में दाख़िल अपनी याचिका में जगतार ने कहा है, ‘पीठ के दर्द ने जीवन को बहुत मुश्किल बना दिया है.’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 6 अप्रैल को तय की है.
जगतार अभी चंडीगढ़ की बुरैल जेल में बंद है. वो 31 अगस्त, 1995 को पंजाब सचिवालय के बाहर बम विस्फोट कर पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है.
जगतार के अलावा इस हत्याकांड में जगतार सिंह हरवारा, परमजीत सिंह भेओरा, गुरमीत सिंह, लखविंदर सिंह, बलवंत सिंह राजोना और नवजोत सिंह भी शामिल हैं. इन सभी लोगों को सीबीआई ने आरोपी बनाया था.
आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से ताल्लुक रखने वाले 42 वर्षीय जगतार ने पिछले वर्ष अदालत में इस बात को स्वीकारा है कि बेअंत सिंह की हत्या में उसका हाथ था.
उसने इस बात को भी स्वीकारा कि बेअंत सिंह की हत्या की योजना उसने अपने साथियों के साथ मिल कर बनाई और उसे इस बात का कोई भी अफ़सोस नहीं है.
जस्टिस जेएस सिधु को दिए अपने पत्र में जगतार ने लिखा है, ‘मैं बलवंत सिंह राजोना और दिलावर के साथ इस हत्या में शामिल था और मुझे इसका कोई अफ़सोस नहीं, बस दुःख इस बात का है कि मासूम लोगों की भी मौत हो गई.’
बता दें कि जगतार जनवरी, 2004 में हरवारा, भेओरा और देवी सिंह नाम के कैदी के साथ बुरैल जेल में 109 फुट की सुरंग बना फ़रार भी हो चुका है. इसके तीन साल बाद साल 2007 में उसे बेअंत सिंह की हत्या को दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी.
जेल से फरार होने के तकरीबन 10 साल बाद जनवरी, 2015 में सीबीआई और थाईलैंड पुलिस के संयुक्त कार्रवाई से जगतार को गिरफ्तार किया गया था.
16 जनवरी, 2015 को पंजाब पुलिस जगतार को बैंकाक से भारत ले आई थी. इसके बाद 8 जुलाई, 2016 से अतिरिक्त जिला अदालत में फिर से जगतार के मामले की सुनवाई शुरू की गई थी.