विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, गोवध पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध, समान नागरिक संहिता और विस्थापित कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास जैसी मांगों को लेकर उपवास शुरू किया है.
अहमदाबाद: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समेत अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद में अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया.
हिंदूवादी नेता ने पालदी इलाके में प्रदेश विहिप मुख्यालय के बाहर दोपहर 12 बजे के बाद कुछ हिंदू संतों और समर्थकों के साथ उपवास शुरू किया.
उन्होंने संगठन के अहम चुनाव में अपने प्रत्याशी राघव रेड्डी के हार जाने के बाद पिछले सप्ताह विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था.
तोगड़िया ने पहले कहा था कि उनकी भूख हड़ताल का मकसद हिंदुओं का कल्याण करना और उनकी मांगों की तरफ ध्यान आकर्षित करना होगा.
इन मांगों में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, गोवध पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध, समान नागरिक संहिता लागू करना और विस्थापित कश्मीरी पंडितों का पुन: स्थापन शामिल हैं.
सर्जन से तेजतर्रार नेता बने तोगड़िया ने विहिप छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला था.
इससे पहले तोगड़िया को जीएमडीसी मैदान पर उपवास पर बैठना था, लेकिन पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया जिसके बाद विहिप मुख्यालय के बाहर उपवास शुरू किया गया.
विहिप के पूर्व नगर अध्यक्ष राजू पटेल ने कहा, ‘पुलिस ने हमें जीएमडीसी मैदान पर बैठने की अनुमति देने से इनकार कर दिया इसलिए हमें आयोजन स्थल बदलना पड़ा.’
हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल वीएस कोकजे पिछले शनिवार को तोगड़िया के प्रत्याशी राघव रेड्डी को हराकर विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे, जिसके बाद तोगड़िया ने इस दक्षिणपंथी संगठन से इस्तीफा दे दिया था.
अमर उजाला की खबर के अनुसार, स्थापना के 54 वर्षों में पहली बात विहिप में चुनाव हुआ था. विहिप में कार्यकारी परिषद और ट्रस्टी कमेटी में 260 सदस्य हैं, जिसमें में से 192 लोगों ने मतदान किया था. कोकजे को 131 वोट, तो तोगड़िया के प्रत्याशी राघव रेड्डी को 60 वोट मिले थे.
चुनाव को लेकर प्रवीण तोगड़िया ने धांधली का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए मतदान सूची में 37 नामों में गलत तरीके से जोड़ा गया था.
गुजरात से ताल्लुक रखने वाले और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के तौर पर शुरुआत करने वाले मोदी और तोगड़िया के बीच पिछले दशक में खाई गहरी हुई है.
कुछ समय पहले तोगड़िया ने एक सनसनीखेज दावा किया था कि राजस्थान पुलिस की टीम यहां उन्हें अगवा करने आई थी और उन्हें डर है कि उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है.
मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले उनके और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के बीच प्रदेश भाजपा के भीतर लंबे समय तक चले टकराव के दौरान ऐसा माना जाता है कि तोगड़िया ने पटेल का समर्थन किया था. पूर्व विहिप नेता पटेल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.
तोगड़िया ने हाल ही में पाटीदार कोटा आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल से मुलाकात की थी, जिन्होंने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ प्रचार किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)