जज लोया की मौत की एसआईटी जांच की मांग वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू हो गई है.
नई दिल्ली: जज लोया मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा ने गुरुवार को कहा कि ये याचिकाएं राजनीतिक मक़सद से दायर की गई थीं जिसके पीछे राहुल गांधी का अदृश्य हाथ था और इसका मक़सद अमित शाह पर लांछन लगाना था.
इसके उलट कांग्रेस का कहना है सोहराबुद्दीन शेख़ मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की कथित रूप से संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से और सवाल उठेंगे.
पार्टी का कहना है कि जब तक यह तर्कपूर्ण निष्कर्ष तक नहीं पहुंचता उनमें से कई प्रश्न अनुत्तरित रहेंगे.
इस मामले पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि इस मुद्दे पर दायर ‘पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ वास्तव में ‘पॉलिटिकल इंटरेस्ट लिटिगेशन’ था और यह राजनीतिक मक़सद से याचिका दायर की गई थी और इस याचिका के पीछे अदृश्य हाथ था. इस झूठी याचिका के पीछे राहुल गांधी का अदृश्य हाथ था.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता इस विषय पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने गए थे. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने राजनीति के स्तर को नीचा करने को काम किया और इसके लिए राहुल गांधी को माफ़ी मांगनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी से गुरुवार को साफ़ हो गया है कि किस प्रकार से कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने राजनीतिक द्वेष के लिए कोर्ट के माध्यम से राजनीति करने की कोशिश की थी.
पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी जी मैं आपसे कहना चाहूंगा कि आपने देश की जनता के विश्वास को खो दिया है, सत्ता आपके हाथ से चले जाने से हताशा आ गई है, इसी वजह से आप बदले की भावना से काम कर रहे हैं.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को कड़ी मेहनत करनी चाहिए. उन्हें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, भारतीय न्यायपालिका और लोकतंत्र पर निशाना साधने के लिए इनसे माफ़ी मांगनी चाहिए.
उच्चतम न्यायालय ने विशेष सीबीआई जज बीएच लोया की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मृत्यु के मामले की स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिकाएं गुरुवार खारिज करते हुए कहा कि न्यायाधीश की स्वाभाविक मृत्यु हुई थी. न्यायालय ने कहा कि ये याचिकाएं न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने और बदनाम करने का गंभीर प्रयास थीं.
लोया पर आए फ़ैसले से और सवाल उठेंगे: कांग्रेस
कांग्रेस का कहना है कि सोहराबुद्दीन शेख़ मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की कथित रूप से संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से और सवाल उठेंगे.
पार्टी का कहना है कि जब तक यह तर्कपूर्ण निष्कर्ष तक नहीं पहुंचता उनमें से कई प्रश्न अनुत्तरित रहेंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया है, ‘लोया मामले के फैसले का निष्पक्ष विश्लेषण पूर्ण तार्किक आधार पर पहुंचना चाहिए. लेकिन, जब तक इसका तर्कपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकलता, यह और सवाल खड़े करेगा और कई अनुत्तरित रहेंगे.’
फ़ैसले पर पहली प्रतिक्रिया में सिंघवी ने कहा कि शीर्ष अदालत उनका प्रत्यक्ष रूप से निराकरण करके ही संदेह समाप्त कर सकती है.
सिंघवी ने ट्वीट किया है, ‘मैं यह स्वीकार करने को तैयार हूं… 1. उच्चतम न्यायालय में लोया के साथ मौजूद न्यायाधीशों की सच्चाई पर पूरा ज़ोर दिया जाना, 2. विवादित दलीलों को लेकर गुस्सा, 3. यदि ज़रूरत हो तो, अवमानना का मुक़दमा शुरू करना, 5. यदि पुख्ता सबूत हैं तो 7/8 संदिग्ध परिस्थितियों का खंडन किया जाना. इनकी गैर-मौजूदगी में, बाकि कुछ पर्याप्त नहीं है.’
am prepared 2accept a)heavy emphasis in sc Loya re veracity of accompanying judges b)anguish re scandalous args(c)initiation of contempt if it arises(d)provided it is accompanied by solid reasons rebutting the 7/8 suspicious circs raised. Absent that, above lamentations nt enuff.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) April 19, 2018
न्यायाधीश लोया का नागपुर में एक दिसंबर, 2014 को कथित रूप से दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी थी. वह अपने सहकर्मी की बेटी के विवाह में गए थे.
जज लोया की मृत्यु का मामला पिछले साल नवंबर में उस समय चर्चा में आया जब मीडिया में उनकी बहन के उनकी मृत्यु की परिस्थितियों पर संदेह जताने की ख़बरें आईं और इसे सोहराबुद्दीन शेख़ एनकाउंटर मामले से जोड़ा गया.
हालांकि लोया के बेटे ने 14 जनवरी को कहा था कि उनके पिता की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी.
उच्चतम न्यायालय ने सोहराबुद्दीन शेख़ फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की स्वतंत्र जांच कराने के लिए दायर याचिकायें को गुरुवार को खारिज कर दीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)