पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं. मैंने असीमानंद को बताया कि बंगाल में स्थिति ख़राब है और हमें यहां काम करने की ज़रूरत है. इस पर वो सहमत हैं.’
बंगाल भाजपा हाल ही में मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में बरी हुए स्वामी असीमानंद से पंचायत चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार करवाने और राज्य में अपना आधार मजबूत करने के लिए उनको साथ लाने की तैयारी कर रही है.
स्वामी असीमानंद मूल रूप से पश्चिम बंगाल के हुगली जिले से आते है, जहां उनका परिवार अभी भी रहता है.
सोमवार को एक विशेष एनआईए अदालत ने हैदराबाद में मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में असीमानंद सहित सभी पांच आरोपियों को बरी कर दिया. 18 मई, 2007 को हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत और 58 लोग घायल हुए थे.
स्वघोषित संत और पूर्व आरएसएस कार्यकर्ता असीमानंद को 2010 में सीबीआई ने विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार पार्टी सूत्रों का कहना है कि कानूनी औपचारिकताओं के बाद असीमानंद जल्द ही बंगाल जाएंगे. राज्य भाजपा इकाई चाहती है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान बंगाल के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करें और पार्टी की विचारधारा फैलाएं. भाजपा उनकी यात्राओं की योजना पहले ही बना चुकी है.
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि असीमानंद के साथ आकर काम करने से राज्य में पार्टी की हिंदुत्व विचारधारा को बल मिलेगा. 2019 के लोकसभा चुनावों के हिसाब से भाजपा राज्य में मुख्य विपक्षी बनकर उभर रही है.
इंडियन एक्सप्रेस से अपनी बातचीत में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं. मैंने उन्हें बताया है कि बंगाल में स्थिति खराब है और हमें यहां काम करने की जरूरत है. इस पर वे सहमत हैं. अब जब वे बरी हो गए हैं तो अब राज्य में हमारे साथ काम करेंगे. वे पंचायत चुनावों दौरान प्रचार भी करेंगे. हमने अभी तक इसकी रुपरेखा तैयार नहीं की है.
उनकी तारीफ करते हुए घोष ने कहा, ‘उनके पास बेहतरीन संगठनात्मक शक्ति है और उन्होंने कई सालों तक लोगों के बीच काम किया है. पंचायत चुनाव के बाद हम चाहते हैं कि वह बंगाल के आदिवासी क्षेत्रों में पार्टी का आधार मजबूत करें. आदिवासी पहले से हमारे साथ हैं और उनके संगठनात्मक शक्ति से पार्टी को ओर अधिक फायदा होगा. कुछ महीने पहले जब वे हुगली आए थे, तो मैंने बंगाल की स्थिति के बारे में उनके साथ एक बात की थी. वे हमारे साथ आने को तैयार हैं.’
ज्ञात हो कि असीमानंद के छोटे भाई सुशांत सरकार इस समय भाजपा की हुगली इकाई के सचिव हैं. सरकार ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘हमारा पूरा परिवार संघ परिवार को समर्पित है. अगर मेरे भाई बंगाल आते हैं और यहां काम करना चाहते हैं तो हम बहुत खुश होंगे.’
पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के कामारपुकार में नभ कुमार सरकार के रूप में जन्मे असीमानंद ने 1971 में विज्ञान विषय में स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी. असीमानंद ने 1977 में बीरभूम, बांकुरा और पुरुलिया में आदिवासियों के लिए काम करना शुरू किया. उसके बाद उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीपों सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में भी काम किया था.
बंगाल पंचायत चुनाव के बाद भाजपा पुरुलिया, बांकुरा और पश्चिम मिदनापुर सहित बंगाल के आदिवासी बहुल जिलों में उनकी संगठनात्मक शक्ति का उपयोग करने की योजना बना रही है. आरएसएस समर्थित ‘वनवासी कल्याण आश्रम’ के लिए काम करने वाले असीमानंद ने बंगाल के आदिवासियों के बीच काफी समय बिताया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)