अमित शाह ने राहुल के भाषण पर कहा कि जिन्हें सेना, उच्चतम न्यायालय, चुनाव आयोग, ईवीएम, आरबीआई पर विश्वास नहीं है, वे अब कह रहे हैं कि लोकतंत्र ख़तरे में है.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बच्चियों से बलात्कार की हालिया घटनाओं, दलितों पर कथित अत्याचार, बैकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी और ‘राफेल घोटाले’ को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि देश जल रहा है, लेकिन मोदी को सिर्फ़ फिर से प्रधानमंत्री बनने की चिंता सता रही है.
राहुल ने मोदी सरकार में विदेश में देश की छवि धूमिल होने का आरोप लगाया और कहा कि पिछले 70 वर्षों में किसी भी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में ऐसी स्थिति नहीं रही.
कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ अभियान’ की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, ‘मोदी जी को सिर्फ़ मोदी जी में दिलचस्पी है और किसी मुद्दे में नहीं. उनको सिर्फ़ इस बात की चिंता है कि 2019 में वह फिर कैसे प्रधानमंत्री बनेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘दलित मर जाए, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो, देश जल जाए, महिलाओं के साथ बलात्कार हो, लेकिन नरेंद्र मोदी सिर्फ़ यही जानना चाहते हैं कि फिर से प्रधानमंत्री कैसे बनेंगे.’
उन्होंने कहा कि मोदी से अगली बार जनता जीएसटी, नोटबंदी और किसानों के मुद्दे पर जवाब मांगेगी और उनको अपने ‘मन की बात’ बताएगी.
प्रधानमंत्री के एक बयान को लेकर उन पर कटाक्ष करते हुए राहुल ने कहा, ‘मोदी जी सोचते हैं कि जो शौचालय साफ़ करता है या गंदगी उठाता है, वह यह काम पेट भरने के लिए नहीं करता, बल्कि अध्यात्म के लिए करता है.’
उन्होंने कहा कि ‘मोदी जी देश के दलित आपसे गुस्सा हैं क्योंकि यह आपकी विचारधारा ऐसी है.’
उन्होंने कहा, ‘देश का हर व्यक्ति यह समझता है कि इस व्यक्ति (मोदी) के दिल में हिंदुस्तान के दलितों, कमज़ोरों और महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है.’
राहुल ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात, जहां भी देखो वहां दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा बढ़ती जा रही है. ऊना में घटना होती है और वह कुछ नहीं बोलते.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘संविधान देश के सभी लोगों की रक्षा करता है… इस देश में जो भी संस्थाएं हैं वह हमारे संविधान की वजह से हैं, चाहे चुनाव आयोग हो, लोकसभा हो, राज्यसभा हो, विधानसभा हो, आईआईटी हों या आईआईएम हों, जो भी संस्थाएं हैं वो इसी संविधान की देन हैं. संविधान के बिना इस देश में कोई संस्था नहीं बनती.’
उन्होंने कहा, ‘आज सभी संस्थाओं में आरएसएस की विचारधारा के लोगों को घुसाया जा रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘जनता जज के पास जाती है और न्याय मांगती है. पहली बार जज न्याय मांगने जनता के बीच आए. सुप्रीम कोर्ट को कुचला जा रहा है. दबाया जा रहा है. संसद नहीं चलने दी जा रही क्योंकि मोदी जी संसद में खड़े होने से घबराते हैं.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘नीरव मोदी का मामला है, ललित मोदी का मामला है, विजय माल्या का मामला है, राफेल का मामला है. संसद में 15 मिनट मेरा भाषण करा लें. मैं नीरव मोदी के बारे में बोलूंगा, राफेल के बारे में बोलूंगा. मोदी जी वहां खड़े नहीं हो पाएंगे.’
उन्होंने कहा, ‘पूरा देश इस बात को जानता है कि राफेल सौदे में घोटाला हुआ है. नीरव मोदी 30 हज़ार करोड़ रुपये लेकर भाग गया, लेकिन मोदी जी कुछ नहीं बोले.’
राहुल ने कहा, ‘मोदी जी ने कल अपने सांसदों और विधायकों से कहा कि तुम लोग मीडिया को मसाला देते हो. उन्होंने कहा कि तुम लोग चुप रहो, सिर्फ़ मैं बोलूंगा और अपने ‘मन की बात’ करूंगा.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘अरुण जेटली जी नहीं बोलेंगे, नितिन गडकरी जी नहीं बोलेंगे, कोई नहीं बोलेगा, सिर्फ नरेंद्र मोदी बोलेंगे और वो भी अपने मन की बात बोलेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘पिछले चुनाव में 15-15 लाख रुपये देने, दो करोड़ युवाओं को रोज़गार देने और किसानों को राहत देने का वादा किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. जनता इसका जवाब देगी.’
राहुल ने कठुआ और उन्नाव की घटना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘आईएमएफ की प्रमुख (क्रिस्टीन लेगार्द) ने मोदी जी से कहा कि आपके देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ एक के बाद एक अत्याचार हो रहा है और आप चुप हैं. इससे पहले किसी भी दूसरे प्रधानमंत्री से विदेश में कोई ऐसा नहीं बोला.’
उन्होंने कहा, ‘इनका नारा था ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’. लेकिन अब नारा है बेटी बचाओ और भाजपा से बेटी बचाओ, भाजपा के विधायकों से बेटी बचाओ. आज के हिंदुस्तान की यही सच्चाई है.’
राहुल ने कहा, ‘हम संविधान में बदलाव नहीं होने देंगे. हम सब मिलकर इस देश को नया रास्ता दिखाएंगे.’
राहुल ने मोदी पर विदेशों में देश की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘पहले दूसरे लोग हमारी तरफ़ देखते थे और कहते थे कि हम हिंदुस्तान की तरह काम करना चाहते हैं. कांग्रेस ने पिछले 70 साल में पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई, लेकिन मोदी जी ने पिछले चार साल में इस प्रतिष्ठा को जबरदस्त चोट पहुंचाई है. हमारी छवि को नुकसान पहुंचाया है.’
‘संविधान बचाओ अभियान’ की शुरुआत के कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, अहमद पटेल, मोती लाल बोरा, अहमद पटेल, ग़ुलाम नबी आज़ाद, दिग्विजय सिंह, सुशील कुमार शिंदे, पीएल पूनिया, मुकुल वासनिक, शीला दीक्षित, पीसी चाको, अजय माकन और कई दूसरे वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ’ अभियान का मकसद संविधान एवं दलितों पर कथित हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर जोर-शोर से उठाना है. पार्टी ने ‘संविधान बचाओ’ अभियान 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र दलित समुदाय के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के प्रयास के तहत शुरू किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमज़ोर करने तथा आरक्षण ख़त्म करने की साज़िश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘संविधान बचाने’ के लिए सभी को एकजुट होना होगा.
‘संविधान बचाओ’ अभियान की शुरुआत के मौके पर कांग्रेस नेताओं ने यह भी दावा किया कि मौजूदा सरकार में दलितों पर अत्याचार बहुत बढ़ गया है.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को केंद्र सरकार पर संविधान बदलने की साज़िश करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि संसद इसलिए नहीं चलने दी जा रही है क्योंकि ‘दलितों पर हमले, बैंकिंग घोटाले और राफेल विमान घोटाला’ पर प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के पास कोई जवाब नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हमें संसद में आवाज़ उठाने नहीं दिया जाता. संसद चलने नहीं दी जा रही क्योंकि अगर संसद चली तो प्रधानमंत्री मोदी को जवाब देना भारी पड़ जाएगा. दलितों पर हमले, बैंक के घोटालों और राफेल विमान घोटाले पर उनके पास कोई जवाब नहीं है.’
खड़गे ने कहा, ‘दलितों पर अत्याचार होता है लेकिन भाजपा के दलित सांसद चुप रहते हैं क्योंकि वहां बोलने की आजादी नहीं है.’
कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने कहा, ‘सब तरफ़ हिंसा का माहौल है. कमज़ोर वर्गों के लोग निशाना बन रहे हैं. यह सब भाजपा की सरकारों में हो रहा है.’
उन्होंने कहा कि दलितों और दूसरे सभी वर्गों के हितों की सुरक्षा कांग्रेस ही सुनिश्चित कर सकती है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पूनिया ने कहा, ‘संविधान संकट में है. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश यह बात कह रहे हैं.’ उन्होंने दावा किया, ‘आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है. बार बार इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं जिनसे लगता है कि आरक्षण निशाने पर है. सरकारी नौकरियों में दलितों की उपेक्षा हो रही है.’
पूनिया ने सरकार पर एससी-एसटी क़ानून को कमज़ोर करने का भी आरोप लगाया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा, ‘भाजपा की सोच समाज में दरार पैदा करने वाली है. इसी सोच के ख़िलाफ़ कांग्रेस और राहुल गांधी लड़ रहे हैं. आज दलित समाज और दूसरे समाज कांग्रेस के साथ खड़े हैं.’
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, ‘भारत के संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर हमले किए जा रहे हैं. इन हमलों के ख़िलाफ़ सबको मिलकर लड़ाई लड़नी होगी.’
कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष नितिन राव ने कहा, ‘इस सरकार में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार बहुत बढ़ गया है. इसकी वजह भाजपा और आरएसएस की जातिवादी विचारधारा है. ये लोग समाज को बांट रहे हैं. कांग्रेस के नेतृत्व में ही इन दलित विरोधी मंसूबों को विफल किया जा सकता है.’
‘संविधान बचाओ’ अभियान की शुरुआत के मौके पर संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर के साथ पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन, पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार जैसे प्रमुख दलित नेताओं के योगदान को याद किया गया.
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने ‘जय भीम’ और ‘बाबा साहेब अमर रहे’ के नारे लगाए. कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ’ अभियान का मक़सद संविधान एवं दलितों पर कथित हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर जोरशोर से उठाना है.
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया, ‘इस कार्यक्रम में दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों से दलित समाज के लोग आए हैं. ये लोग मोदी सरकार की दलित और आदिवासी विरोधी नीतियों के खिलाफ राहुल गांधी के संघर्ष को समर्थन देने पहुंचे हैं.’
हाल के दिनों में उच्चतम न्यायालय द्वारा एससी-एसटी क़ानून में कथित तौर पर बदलाव के मुद्दे पर दलित आक्रोशित नज़र आ रहे हैं. कांग्रेस इस मौके का लाभ उठाकर उन्हें अपने पक्ष में करने की जुगत में जुटी है. इसी को ध्यान में रखकर इस अभियान की शुरुआत की गई है.
कांग्रेस ने संविधान की भावना को ख़त्म किया, वंशवाद का शासन चाहती है: अमित शाह
केंद्र सरकार पर राहुल गांधी के आरोपों को लेकर पलटवार करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान की भावना को ख़त्म करने का काम किया है जो लोकतंत्र के बजाय वंशवाद का शासन कायम रखना चाहती है और इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष फ़र्ज़ी अभियान चला रहे हैं.
भाजपा अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘संविधान से निकली हमारी संस्थाओं को आज कांग्रेस के हमलों से बचाए जाने की ज़रूरत है. कांग्रेस पार्टी ने किसी भी संस्थान को निशाना बनाना नहीं छोड़ा और वह क्षुद्र राजनीतिक फायदे के लिए चुनाव आयोग, उच्चतम न्यायालय, सेना को निशाना बना रही है.’
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बार-बार यह कह कर डॉ. आंबेडकर को अपमानित करने की पारिवारिक परंपरा को ही आगे बढ़ा रहे हैं कि कांग्रेस ने संविधान बनाया है. नेहरू-गांधी परिवार ने उन्हें (अंबेडकर को) तब अपमानित किया जब वे जीवित थे और अब भी पार्टी उनका अपमान कर रही है.
अमित शाह ने कहा कि अगर कोई एक पार्टी है जिसने संविधान की भावना को ख़त्म किया है तो वह कांग्रेस है. वह लोकतंत्र का शासन नहीं चाहती बल्कि वंशवाद के शासन को कायम रखना चाहती है और इसलिये उसके अध्यक्ष का यह फ़र्ज़ी आंदोलन है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ‘संविधान बचाओ’ अभियान लोकतंत्र के शासन पर वंशवाद के शासन को कायम रखने की चाल है.
शाह ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश पर महाभियोग का कांग्रेस का क़दम हर उस संस्थान को कमजोर करने की प्रवृति का हिस्सा है जो अपनी वैयक्तिक पहचान को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए प्रयासरत है.
अमित शाह ने राहुल के भाषण पर कहा कि जिन्हें सेना, उच्चतम न्यायालय, चुनाव आयोग, ईवीएम, आरबीआई पर विश्वास नहीं है, वे अब कह रहे हैं कि लोकतंत्र ख़तरे में है.
इससे पहले राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर उच्चतम न्यायालय को दबाने और संसद को ठप करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि आरएसएस हर लोकतांत्रिक ढांचे की हत्या कर रहा है. राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें अगर संसद में 15 मिनट तक बोलने दिया गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद छोड़ कर भाग जाएंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)