मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार ने सोमवार को 32 विधायकों के समर्थन से विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया.
मणिपुर विधानसभा में भाजपा ने शक्ति परीक्षण में 32 विधायकों के समर्थन से सफलता हासिल की है. राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 15 मार्च को मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने मुख्यमंत्री के अलावा 8 मंत्रियों को गोपनीयता की शपथ दिलाई थी.
विधानसभा चुनाव में 60 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 21 सीट पर सफलता हासिल हुई थी. भाजपा सरकार को एनपीपी के 4 विधायकों के अलावा एनपीएफ के 4, लोक जनशक्ति पार्टी के 1, तृणमूल कांग्रेस के 1 विधायक ने भी समर्थन किया है.
विधानसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई थी, पर सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ें नहीं जुटा पाई. सरकार के शक्ति परीक्षण में सफलता के बाद मणिपुर विधानसभा में यमनम खेमचंद सिंह ने स्पीकर के रूप में 33 वोट पाकर जीत दर्ज़ की है.
विधानसभा में सफ़ल शक्ति परीक्षण के ठीक पहले यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने 139 दिनों से चल रहे आर्थिक नाकाबन्दी भी ख़त्म करने का ऐलान कर दिया है. गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने 7 नए ज़िले बनाने का ऐलान किया था, जिस पर नगा काउंसिल ने आपत्ति जताई थी.
1 नवंबर से शुरू हुए आर्थिक नाकाबंदी को ख़त्म करने के लिए फरवरी में इबोबी सिंह सरकार से बातचीत हुई थी पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया था. केंद्र और राज्य सरकार से सफ़ल वार्ता के बाद यूएनसी ने आर्थिक नाकाबंदी को ख़त्म करने का ऐलान कर दिया है.
बता दें 11 मार्च को आए 5 राज्यों के चुनाव नतीजों में पंजाब छोड़ बाकी सभी में भाजपा सरकार बनाने में सफ़ल रही है. मणिपुर और गोवा में दूसरी नंबर की पार्टी होने के बावजूद भाजपा जरूरी संख्याबल जुटाने में सफल रही है.