मध्य प्रदेश में कमलनाथ को नया कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने पर पूर्व सांसद और दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने की टिप्पणी. कमलनाथ के साथ चार अन्य को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.
भोपाल: साल के अंत में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने पार्टी आलाकमान पर तंज कसते हुए कहा है कि यदि प्रदेश में पांच अध्यक्ष बनने से पार्टी मजबूत होती है तो हमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में कुछ और अध्यक्ष बना देने चाहिए.
यह तंज लक्ष्मण सिंह ने कथित ट्विटर हैंडल के जरिये किए गए ट्वीट में किया है.
गौरतलब है कि 26 अप्रैल को कांग्रेस आलाकमान ने अरुण यादव की जगह पर पार्टी के दिग्गज नेता एवं छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ को मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था. कमलनाथ नौ बार मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से सांसद निर्वाचित हुए हैं. इसके अलावा कांग्रेस आलाकमान ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए हैं. जिनमें जीतू पटवारी, सुरेंद्र सिंह, रामनिवास रावत और बाला बच्चन शामिल हैं.
इसे लेकर केन्द्रीय नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता एवं पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह के कथित ट्विटर हैंडल से 26 अप्रैल को किए गए ट्वीट में कहा गया, ‘यदि मध्यप्रदेश में पांच अध्यक्ष (एक अध्यक्ष एवं चार कार्यकारी अध्यक्ष) बनने से कांग्रेस मजबूत होती है तो हमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में तुरंत कुछ और अध्यक्ष बना देने चाहिए, ताकि कांग्रेस देश में और मजबूत हो जाए और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चुनाव में हरा सके.’
If congress gets strong with 5 presidents in m.p.than we should immediately appoint few more presidents in AICC to make congress strong in the country and defeat modi govt.!!!!
— lakshman singh (@laxmanragho) April 26, 2018
लक्ष्मण के करीबी सूत्रों के अनुसार, कमलनाथ को मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपे जाने से वे नाखुश हैं. लक्ष्मण राघौगढ़ के रहने वाले हैं.
कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के कुछ दिन पहले लक्ष्मण ने कमलनाथ द्वारा मध्यप्रदेश चुनाव अभियान की कमान संभालने पर अपने कथित ट्विटर हैंडल में यह भी लिखा था, ‘कमलनाथ द्वारा मध्य प्रदेश चुनाव की कमान संभालना ब्लूटूथ टेक्नॉलोजी के युग में पुराने जमाने का एचएमवी रिकॉर्ड बजाने जैसा है.’
Kamal nath leading https://t.co/LzNdR2ziJx polls is like playing "HMV record in an age of bluetooth technology".
— lakshman singh (@laxmanragho) April 16, 2018
वर्तमान में लक्ष्मण कांग्रेस में हैं. वह राजगढ़ सीट से पहले भाजपा सांसद रह चुके हैं. लक्ष्मण दो बार कांग्रेस की टिकट पर राघौगढ़ से विधायक भी रहे हैं. वह वर्ष 2004 में भाजपा में गए थे और वर्ष 2010 में फिर कांग्रेस में वापस लौट आए.
जब लक्ष्मण के भतीजे एवं दिग्विजय के बेटे जयवर्धन सिंह से इस पर प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा, ‘कमलनाथ बहुत बड़े एवं योग्य नेता हैं. उनकी आयु उनके काम में बाधा नहीं बनेगी. वे जनता के मसीहा हैं.’
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस में अंदरूनी गुटब़ाजी किसी से छिपी नहीं है. हालांकि, मध्य प्रदेश कांग्रेस का कोई नेता गुटब़ाजी की बात स्वीकारता नहीं लेकिन राजनीतिक हलकों में यह बात आम है कि जो मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सभी बड़े चेहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय सिंह, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, अरुण यादव और कांतिलाल भूरिया अलग-अलग गुटों में बंटे रहते हैं.
यही कारण है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर किसी का नाम आगे नहीं कर पा रही है. कमलनाथ का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर चयन करते वक्त भी उसने पार्टी की अंदरूनी गुटब़ाजी को साधने के लिए गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार अभियान समिति की कमान थमा दी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)