परिवार की खराब आर्थिक स्थिति, घर में भाई या बहनों की देखरेख और पलायन की वजह से राज्य के इन बच्चों को स्कूल छोड़ना पड़ा.
मेघालय सरकार ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि राज्य में पिछले चार सालों में तकरीबन एक लाख बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं. शिक्षा और साक्षरता मंत्री देबोराह सी. मरक ने सदन को बताया कि गरीबी, खराब शिक्षा, भाई बहनों की देखरेख और पलायन इन बच्चों के स्कूल छोड़ने के प्रमुख कारण रहे.
उन्होंने बताया कि साल 2013-14 में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या 33,557 थी. 2014-15 में ये संख्या 31,276, इसके अगले साल ये संख्या घटकर 14,957 हो गई औश्र पिछले साल ये संख्या 17,299 थी.
उन्होंने बताया कि पश्चिम खासी हिल्स ज़िले में सबसे ज़्यादा 4508 बच्चों ने स्कूल छोड़ा है. इसके बाद जैंतिया हिल्स ज़िले में 1440 बच्चे और रि-बोई ज़िले में 1041 बच्चों ने स्कूल छोड़ा है.
उन्होंने बताया कि सरकार ने एक विशेष ट्रेनिंग सेंटर बनाया है ताकि इन बच्चों को वापस स्कूल में लाया जा सके. ट्रेनिंग मॉड्यूल को स्थानीय भाषाओं में ढालकर बच्चों को दी जा रही शिक्षा को और बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा बच्चों को मिड डे मील के अलावा, नि:शुल्क किताबें और शिक्षा दी जा रही है.
(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)