दयाल सिंह कॉलेज के अध्यक्ष ने कहा, सरकार डीयू के प्रशासनिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती

दयाल सिंह (सांध्य) कॉलेज का नाम बदलकर दयाल सिंह वंदेमातरम कॉलेज किए जाने को लेकर छिड़े विवाद पर एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मंत्रालय कॉलेज का नाम बदलने की अनुमति नहीं देगा.

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दयाल सिंह (सांध्य) कॉलेज का नाम बदलकर दयाल सिंह वंदेमातरम कॉलेज किए जाने को लेकर छिड़े विवाद पर एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मंत्रालय कॉलेज का नाम बदलने की अनुमति नहीं देगा.

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दयाल सिंह कॉलेज. (फोटो साभार: एजुनट्स डॉट कॉम)

नई दिल्ली: दयाल सिंह (सांध्य) कॉलेज का नाम बदलकर दयाल सिंह वंदेमातरम कॉलेज किए जाने को लेकर छिड़े विवाद के बीच कॉलेज के अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने कहा कि सरकार ऐसे मामले में दखल नहीं दे सकती.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मंत्रालय नाम बदलने की अनुमति नहीं देगा. एक दिन बाद, सिन्हा ने एक तरह से केंद्र को चुनौती देते हुए कहा कि ‘किसी भी कानूनी कार्रवाई का स्वागत है.’

सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘डीयू एक स्वायत्त विश्वविद्यालय है और इसलिए सरकार उसके प्रशासनिक मामलों में कुछ भी नहीं कह सकती है. इस तरह के बयान देने से पहले एचआरडी मंत्री को सबसे पहले सही स्थिति जानने के लिए मुझसे बात करनी चाहिए थी. हमने कुछ गलत नहीं किया या कानून से बाहर काम नहीं किया है हमने वह किया जो जरूरी था.’

जावड़ेकर ने कहा था कि मंत्रालय नाम बदलने की अनुमति नहीं देगा और बिना मंजूरी के ऐसा करने पर इसकी प्रबंधन समिति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मंत्री का बयान ऐसे वक्त आया जब ऐसी खबरें आयी कि प्रबंधन ने चुपचाप कॉलेज का नाम बदल दिया और ‘वंदे मातरम दयाल सिंह कॉलेज’ के बैनर भी नजर आए.

उन्होंने कहा, ‘जब पहली बार मैं उनसे (जावडे़कर) मिला था, तो मैंने कहा था कि इस मुद्दे को कुलपति और शासी निकाय द्वारा हल किया जाएगा और उन्होंने तब इसमें रूचि जाहिर की थी. हमने एक बीच का रास्ता निकाला और इसे वंदेमातरम दयाल सिंह कॉलेज नाम दिया. मुझे नहीं पता कि वह कुछ दबाव में है या इसमें कुछ रणनीति है.’

उन्होंने कहा, ‘छात्रों ने एक वार्षिक समारोह में नए नाम वाले बैनर लगाए. दिल्ली विश्वविद्यालय से इस पर अंतिम मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन शासी निकाय प्रशासनिक कार्यों को देखने में सक्षम है और अगर मानव संसाधन विकास मंत्री को लगता है कि उसके लिए कानूनी कदम उठाया जा सकता है तो मैं ऐसे कदम का स्वागत करता हूं.’