अलीगढ़ ज़िले में इंटरनेट सेवाओं पर रोक, एएमयू में छात्रों का धरना जारी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद को देखते हुए प्रशासन ने उठाया क़दम. ज़िले में धारा 144 भी लागू.

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Aligarh: Aligarh Muslim University's Women's College joined in a protest with university students during a protest at the gate of their campus in Aligarh on Thursday. PTI Photo (PTI5_3_2018_000172B)
Aligarh: Aligarh Muslim University's Women's College joined in a protest with university students during a protest at the gate of their campus in Aligarh on Thursday. PTI Photo (PTI5_3_2018_000172B)

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद को देखते हुए प्रशासन ने उठाया क़दम. ज़िले में धारा 144 भी लागू.

Aligarh: Aligarh Muslim University's Women's College joined in a protest with university students during a protest at the gate of their campus in Aligarh on Thursday. PTI Photo (PTI5_3_2018_000172B)
(फोटो: पीटीआई)

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर दो मई को हुए बवाल और उसके बाद जारी घटनाक्रम के बीच ज़िला प्रशासन ने ज़िले में इंटरनेट सेवाओं को शुक्रवार की रात 12 बजे तक के लिए रोक दिया है.

ज़िलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने यहां जारी एक आदेश में कहा कि एएमयू में जिन्ना की तस्वीर हटाने को लेकर दो मई को विश्वविद्यालय और उसके बाहर जो कुछ हुआ उससे न सिर्फ़ जनता को काफी असुविधा हुई बल्कि सांप्रदायिक तनाव की स्थिति भी पैदा हो गई.

उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक एवं उपद्रवी तत्व झूठी अफवाहें और दुष्प्रचार फैलाने के लिए कई प्रकार के वीडियो, फोटो और संदेश इंटरनेट के ज़रिये आम जनता के बीच प्रसारित कर ज़िले की सांप्रदायिक समरसता एवं शांति को भंग कर सकते हैं. लिहाज़ा ज़िले में सभी इंटरनेट सेवाओं पर चार मई अपराह्न दो बजे से शुक्रवार रात 12 बजे तक के लिए रोक लगा दी गई है. साथ ही ज़िले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू कर दी गई है.

मालूम हो कि एएमयू के यूनियन हॉल में जिन्ना की तस्वीर लगाने से नाराज़ हिंदू युवा वाहिनी के कुछ कार्यकर्ताओं ने दो मई को परिसर में घुसकर नारेबाजी की थी. उन पर मारपीट और भड़काऊ नारेबाज़ी करने के आरोप हैं.

एएमयू छात्रसंघ ने हिंदू युवा वाहिनी के प्रदर्शनकारियों की गिरफ़्तारी की मांग की थी. इस मांग के समर्थन में परिसर के गेट पर एकत्र हुए एएमयू छात्रों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा किए गए बलप्रयोग में एएमयू छात्रसंघ के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी और छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष एम. हुसैन जैदी समेत छह लोग घायल हो गए थे.

इस घटना के बाद एएमयू के छात्रों ने तीन मई से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया, जो आज भी जारी रहा. एएमयू के बाब-ए-सैयद गेट के पास अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने वहीं पर जुमे की नमाज़ अदा की. जमात में विश्वविद्यालय के शिक्षकों तथा एएमयू से ताल्लुक़ रखने वाले अन्य कई लोग भी शरीक़ हुए.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने अगले दो दिनों तक परिसर में होने वाली सभी शैक्षणिक गतिविधियों का बहिष्कार जारी रखने का ऐलान किया है.

एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने शुक्रवार को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा किया. बीते बुधवार को पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए छात्रों का इसी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उनसे विश्वविद्यालय परिसर में बुधवार को हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा अराजकता फैलाए जाने के घटनाक्रम की फौरन उच्चस्तरीय जांच कराने की गुजारिश की है.

एसोसिएशन के सचिव प्रोफेसर नजमुल हसन ने बताया कि संगठन ने राष्ट्रपति से गुहार लगायी है कि वह इस मामले को गंभीरता से लें, क्योंकि यह पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की सुरक्षा से जुड़ा मामला है.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दो मई को पुलिस हिंदू युवा वाहिनी के गुंडों को रोकने के बजाय तमाशबीन बनी रही.

एएमयू के शिक्षकों ने आज शांति मार्च निकालने की योजना बनायी है. यह मार्च कचहरी में सम्पन्न होगा.