तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वकील शेखर नफाड़े ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग बड़ी-बड़ी बातें कहते हैं कि वे नागरिकों के लिए 24×7 काम करते हैं.
नई दिल्ली: चार दक्षिणी राज्यों के बीच कावेरी जल बंटवारे पर चल रही कानूनी लड़ाई में उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को तमिलनाडु के वकील ने नरेंद्र मोदी सरकार पर परोक्ष हमला बोला.
तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वकील शेखर नफाड़े ने न्यायालय में किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘कुछ लोग बड़ी-बड़ी बातें कहते हैं कि वे नागरिकों के लिए 24×7 यानी 24 घंटे सातों दिन काम करते हैं. हमारा मानना है कि भारत सरकार रविवार और शनिवार को भी काम करती है.’
इससे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आग्रह किया कि केंद्र सरकार को 14 मई तक का समय दिया जाना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री और उनके सहकर्मी कावेरी प्रबंधन योजना को मंजूरी देने के लिए कर्नाटक में जारी चुनाव प्रचार की वजह से कैबिनेट की बैठक नहीं कर सकते.
अटॉर्नी जनरल के इस आग्रह के विरोध में नफाड़े ने उपरोक्त बात कही. जिसके जवाब में अटॉर्नी जनरल ने उनसे पूछा, ‘यह कौन कहता है?’
तमिलनाडु के वकील ने तब जवाब दिया, ‘क्या आप चाहते हैं कि मैं किसी को उद्धृत करूं? यहां किसी भी संवाददाता से पूछिए, वे आपको बता देंगे उनके बारे में.’
शेखर नफाड़े ने साथ ही कहा, ‘यह अवमानना का मामला है. जिम्मेदारों को जेल भेजा जाना चाहिए.’
इस बहस के बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने मामले में आदेश लिखना शुरू किया और केंद्र को चेतावनी दी कि 16 फरवरी के आदेश के बावजूद जल बंटवारा योजना को अंतिम रूप न दिया जाना उसकी तरफ से ‘घोर अवमानना’ है.
न्यायालय ने 14 मई को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को भी तलब किया है और उनसे कावेरी योजना का मसौदा लाने को कहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)