रुझानों में भाजपा 108, कांग्रेस 73 और जेडीएस 39 सीटों पर आगे.
बेंगलुरु: अभी तक के रुझानों में भाजपा ने कांग्रेस पर बड़ी बढ़त बना ली है. दोपहर 1.15 बजे तक की मतगणना में भाजपा ने 108 सीटों पर बढ़त बनाई है तो कांग्रेस 73 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं जेडीएस के उम्मीदवार 39 सीटों पर आगे चल रहे हैं. एक जगह पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार चामुंडेश्वरी सीट पर सिद्धारमैया लगभग 25 हजार वोटों के अंतर से पिछड़ रहे हैं. यहां जेडीएस के उम्मीदवार जी टी देवेगौड़ा आगे चल रहे हैं. हालांकि बादामी सीट पर वह भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बी श्रीमलु से करीब पांच हजार मतों से आगे चल रहे हैं. वहीं, जेडीएस नेता एच डी कुमारस्वामी रामनगर सीट से करीब 20,000 वोटों से आगे चल रहे हैं.
भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा शिकारीपुर सीट पर करीब 23 हजार मतों के अंतर से आगे चल रहे हैं. यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार जी बी मलतेश से है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के जगदीश शेट्टार हुब्बली धारवाड़ से करीब 3000 मतों से आगे चल रहे हैं.
राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था. आरआर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी की शिकायत के चलते मतदान स्थगित कर दिया गया था. जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन के चलते मतदान टाल दिया गया था.
राज्य में 4.98 करोड़ से अधिक मतदाता हैं जो 2600 से अधिक उम्मीदवारों के बीच से अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर सकेंगे. इन मतदाताओं में 2.52 करोड़ से अधिक पुरुष, करीब 2.44 करोड़ महिलाएं तथा 4,552 ट्रांसजेंडर हैं.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) संजीव कुमार के अनुसार, 1952 के बाद राज्य में 12 मई को रिकॉर्ड मतदान हुआ है. पंजीकृत 4.97 करोड़ मतदाताओं में से 72.13 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है.
उन्होंने कहा कि मतदान का प्रतिशत 1952 के राज्य विधानसभा चुनाव के बाद सबसे अधिक है. चुनाव तक जब्त नकदी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 94 करोड़ रुपये नकद, 24.78 करोड़ रुपये कीमत की शराब के साथ ही 66 करोड़ रुपये मूल्य के कपड़े, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किये गए हैं.
मजेदार बात यह है कि 1985 के बाद से कर्नाटक की जनता ने किसी राजनीतिक दल में लगातार दो बार भरोसा नहीं जताया है. अंतिम बार रामकृष्ण हेगड़े की अगुवाई में जनता दल की लगातार दूसरी बार सरकार बनी थी.
इससे पहले कर्नाटक में भाजपा को सिर्फ एक बार 2008 से 2013 तक सत्ता में रहने का मौका मिला था, लेकिन पार्टी का कार्यकाल अंदरुनी कलह और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा. महज पांच वर्षों में पार्टी की ओर से तीन मुख्यमंत्री बनाये गए, जिनमें से एक फिलहाल पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येद्दियुरप्पा हैं, भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल भी जा चुके हैं.
भाजपा ने ‘मिशन 150 (सीट)’ के साथ अपना अभियान शुरु किया था, लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि उनके खाते में 130 से अधिक सीटें आएंगी.
हालांकि 2013 के विपरीत भाजपा इस बार एकजुट है. उस साल पार्टी येद्दियुरप्पा की केजीपी, बी श्रीरामुलू की बीएसआर कांग्रेस जैसे धड़ों में बंटी थी. कर्नाटक में सिद्धारमैया समेत चार वर्तमान एवं पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव मैदान में हैं. येद्दियुरप्पा शिकारीपुरा से, कुमारस्वामी चेन्नापटना और रमनगारा से तथा भाजपा के जगदीश शेट्टार हुब्बली धारवाड़ से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने 122 सीटें जीती थीं. भाजपा और जद (एस) को 40-40 सीटें मिली थीं. कर्नाटक जनता पक्ष को छह, बडवारा श्रमिकारा रैयतरा को चार, कर्नाटक मक्कल पक्ष, समाजवादी पार्टी और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष को एक एक सीटें मिली थीं और नौ निर्दलीय विजयी रहे थे.