एक आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन ने बताया कि 2014 से अब तक नरेंद्र मोदी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विज्ञापनों पर सर्वाधिक 2,079.87 करोड़ रुपये ख़र्चे हैं.
मुंबई: प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने गत 46 महीने में सभी प्रकार के विज्ञापनों पर 4343.26 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन विभाग ने आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी.
एजेंसी ने बताया कि यह राशि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अलावा आउटडोर प्रचार पर खर्च की गयी. अनिल गलगली ने प्रधानमंत्री कार्यालय से केंद्र सरकार का गठन होने से लेकर 31 मार्च, 2018 तक विभिन्न विज्ञापनों पर हुए कुल खर्च की जानकारी मांगी थी.
ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन विभाग के वित्तीय सलाहकार तपन सूत्रधर ने 1 जून 2014 से 31 जनवरी, 2018 तक सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों को दिए गए विज्ञापनों की जानकारी मुहैया कराई है.
इसमें 1 जून 2014 से 31 मार्च 2015 के दौरान 424.85 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया, 448.97 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 79.72 करोड़ रुपये आउटडोर प्रचार पर खर्च किये गए हैं.
वर्ष 2015-2016 में 510.69 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया, 541.99 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 118.43 करोड़ रुपये आउटडोर प्रचार पर खर्च हुआ. इसके बाद साल 2016-2017 में 463.38 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया, 613.78 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और 185.99 करोड़ रुपये आउटडोर प्रचार पर खर्च हुए.
1 अप्रैल 2017 से 7 दिसंबर 2017 के दौरान मोदी सरकार ने 333.23 करोड़ रुपये प्रिंट मीडिया पर खर्च किये. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 के दौरान 475.13 करोड़ रुपये व्यय किये गए. आउटडोर प्रचार में 1 अप्रैल 2017 से 31 जनवरी 2018 तक 147.10 करोड़ रुपये खर्च किया गया.
यह भी कहा जा रहा है कि विपक्ष और सोशल मीडिया पर विज्ञापनों पर पैसे की बर्बादी जैसी चर्चा और बड़े पैमाने पर आलोचना के बाद मोदी सरकार ने साल 2017-18 आर्थिक वर्ष के विज्ञापन खर्च में कटौती की है.
साल 2016-17 में विज्ञापनों पर कुल 1263.15 करोड़ रुपये खर्च करने वाली सरकार ने वर्ष 2017-2018 में 955.46 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. यानी खर्च में तकरीबन 308 करोड़ रुपये कम खर्च करते हुए 25 प्रतिशत की कटौती हुई.