साल 2016 के मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में भारत फिसलकर एक अंक नीचे चला गया है. 188 देशों की सूची में वह 131वें नंबर पर है.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. पिछली बार भारत इस सूची में 130वें नंबर पर था.
भारत का एचडीआई का मूल्यांक फिलहाल 0.624 है. यह आंकड़ा भारत को ‘मध्यम मानव विकास’ की श्रेणी डाल देता है. इस श्रेणी में कांगो, पाकिस्तान और नामीबिया जैसे देश भी हैं.
सार्क देशों में भारत तीसरे स्थान पर है लेकिन मानव विकास सूचकांक के मामले में श्रीलंका और मालदीव की स्थिति बेहतर है. इस सूची में श्रीलंका 73वें और मालदीव 105वें स्थान पर है. इन दोनों देशों को इस सूची में ‘उच्च मानव विकास’ श्रेणी में रखा गया है.
इस सूची में नॉवे (0.949) पहले, आॅस्ट्रेलिया (0.939) दूसरे और स्विटज़रलैंड (0.939) तीसरे स्थान पर है.
मानव विकास के तीन महत्वपूर्ण आयामों के आधार पर यह सूची तैयार की जाती है. ये आयाम हैं- लंबी और स्वस्थ ज़िंदगी, ज्ञान तक पहुंच और बेहतर जीवनशैली तक पहुंच.
रिपोर्ट के अनुसार मानव विकास सूचकांक में वैश्विक स्तर पर महिलाओं की स्थिति पुरुषों की तुलना में ख़राब है. दक्षिण एशिया में महिलाओं का मानव विकास सूचकांक पुरुषों की तुलना में 20 प्रतिशत कम है. हालांकि मध्यम मानव विकास श्रेणी के मामले में 1990 से साल 2015 के बीच भारत के विकास की दर इस श्रेणी में शुमार दूसरे देशों की तुलना में अच्छी रही.