येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई रोक

येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के विरोध में कर्नाटक विधानसभा के बाहर कांग्रेसी नेताओं ने दिया धरना. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, भारत ‘लोकतंत्र की हार’ का शोक मनाएगा.

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येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के विरोध में कर्नाटक विधानसभा के बाहर कांग्रेसी नेताओं ने दिया धरना. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, भारत ‘लोकतंत्र की हार’ का शोक मनाएगा.

Bengaluru: Karnataka Governor Vajubhai Vala administers oath to Bharatiya Janata Party (BJP) leader B. S. Yeddyurappa as Chief Minister of the state at a ceremony in Bengaluru on Thursday
बीएस येदियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने मुख्‍यमंत्री पद की शपथ दिलाई. (फोटो: पीटीआई)

बेंगलुरु: कर्नाटक में भाजपा विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सरकार बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय में रातभर चली हाई वोल्टेज कानूनी लड़ाई के बाद येदियुरप्पा दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने.

लिंगायत समुदाय में खासा प्रभाव रखने वाले 75 वर्षीय येदियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. येदियुरप्पा के शपथ लेते समय समर्थकों के बीच जबरदस्त उत्साह था.

उच्चतम न्यायालय के येदियुरप्पा के शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार किये जाने के कुछ घंटों बाद ही भाजपा नेता ने अकेले शपथ ली.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने रातभर चली दुर्लभ सुनवाई के बाद येदियुरप्पा के कनार्टक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

देर रात दो बजकर 11 मिनट से आज सुबह पांच बजकर 58 मिनट तक चली सुनवाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष इस मामले के अंतिम फैसले का विषय होगा.

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एसके बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक विशेष पीठ ने कहा, ‘न्यायालय बी एस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने के संबंध में कोई आदेश नहीं दे रहा है. अगर वह शपथ लेते हैं तो यह प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष इस मामले के अंतिम फैसले का विषय होगा.’

विशेष पीठ ने केंद्र को येदियुरप्पा द्वारा प्रदेश के राज्यपाल वजुभाई वाला के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए भेजे गए दो पत्र अदालत में पेश करने का आदेश देते हुए कहा है कि मामले का फैसला करने के लिए उनका अवलोकन आवश्यक है.

शीर्ष न्यायालय ने कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की याचिका पर कनार्टक सरकार तथा येदियुरप्पा को नोटिस जारी करते हुए इस पर जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख तय की है.

कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस बात पर जोर दिया की शपथ ग्रहण समारोह पर पर रोक लगायी जानी चाहिए या इसे स्थगित किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा, ‘हम शपथ ग्रहण समारोह पर रोक नहीं लगा रहे हैं.’

केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और भाजपा विधायक गोविंद एम कारजोल, सीएम उदासी तथा बासवराज बोम्मई की पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने या उसे स्थगित करने की सिंघवी की दलीलों का विरोध किया.

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल बुधवार देर शाम भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया था और येदियुरप्पा को 15 दिन में विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था.

कर्नाटक पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुख्य बिंदु

  • येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री के तौर शपथ लेने के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा दिए गए पत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए देर रात न्यायमूर्ति एके सीकरी, एसके बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ को विशेष तौर पर बुलाया गया.
  • पीठ ने रेखांकित किया कि येदियुरप्पा द्वारा 15 और 16 मई को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल को दिए गए पत्रों का अवलोकन करना जरूरी है.
  • पीठ ने केंद्र और येदियुरप्पा की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से अगली सुनवाई के समय ये पत्र पेश करने को कहा. अगली सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे होगी.
  • सर्वोच्च अदालत ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया उसके समक्ष लंबित मामले के अंतिम फैसले के दायरे में आएगी.
  • पीठ ने कर्नाटक सरकार और येदियुरप्पा को नोटिस भी जारी किया. वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह भाजपा के तीन विधायकों … गोविंद एम करजोल , सीएम उदासी और बासवाराज बोम्मई की ओर से पेश हुए हैं.

भाजपा ‘खोखली जीत’ का जश्न मनाएगी, भारत ‘लोकतंत्र की हार’ का शोक मनाएगा: राहुल

कर्नाटक में सियासी उठापटक और उच्चतम न्यायालय में देर रात चली सुनवाई के बाद बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘संविधान का मजाक’ बनाने के लिए भाजपा पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा ‘खोखली जीत’ का जश्न मनाएगी, दूसरी तरफ भारत ‘लोकतंत्र की हार’ का शोक मनाएगा. राहुल ने ट्वीट किया, ‘कर्नाटक में जरूरी आंकड़ा नहीं होने के बावजूद सरकार के गठन का भाजपा अतार्किक जिद संविधान का मजाक बनाना है.’

उन्होंने कहा, ‘एक तरफ भाजपा खोखली जीत का जश्न मनाएगी, वहीं दूसरी ओर भारत लोकतंत्र की हार का शोक मनाएगा.’

पार्टी महासचिव अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में सभी बड़ी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया गया है और भाजपा सत्ता हथियाने के लिए ‘लोकतंत्र की हत्या’ कर रही है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राज्यपाल पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दखल से संविधान का ‘एनकाउंटर’ किया है.’

कांग्रेस और जेडीएस ने किया प्रदर्शन

कांग्रेस नेताओं ने बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के खिलाफ राज्य सचिवालय , विधान सौध (विधानसभा) के समक्ष गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अलावा गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के कर्नाटक के प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रतिमा के सामने बैठकर विरोध जताया.

शहर के बाहरी इलाके में एक रिजॉर्ट में रह रहे नव निर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया. कांग्रेस के धरना प्रदर्शन में देवगौड़ा भी शामिल हो गए हैं. साथ ही कुमारस्वामी ने भी धरने में हिस्सा लिया है.

पत्रकारों से बातचीत में सिद्धारमैया ने येदियुरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय देने के राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले को ‘अभूतपूर्व’ बताया.

उन्होंने कहा कि अब येदियुरप्पा को उन विधायकों की सूची तैयार करनी होगी जिनका समर्थन उन्हें प्राप्त है.

गौरतलब है कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस+ को 38 सीटें मिली हैं. फिलहाल, बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 112 है.

येदियुरप्पा के पास विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय है. सदन में भाजपा के पास 104 विधायक हैं जो बहुमत के 112 के आंकड़े से आठ विधायक कम है. कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से 222 सीटों के लिए मतदान हुआ था.

जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन के बाद चुनाव रद्द कर दिया गया जबकि आर आर नगर सीट पर कथित चुनावी कदाचार के चलते मतदान 28 मई के लिए टाल दिया.

 (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)