दिल्ली चुनाव आयोग ने केजरीवाल सरकार को आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक आदि सरकारी योजनाओं के विज्ञापनों से आम शब्द हटाने को कहा है.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर राज्य निर्वाचन आयोग ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और तीनों नगर निगम आयुक्तों को यह निर्देश जारी किया है.
आयोग के उप सचिव गिरीश पांडे ने सार्वजनिक स्थलों पर सरकार के विज्ञापनों से आम शब्द हटाने का निर्देश दिया है. निर्देश में चुनाव आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुए मुख्य सचिव एमएम कुट्टी और तीनों निगम आयुक्तों को सरकारी विज्ञापन वाले बैनर, होर्डिंग और बिलबोर्ड आदि से आम शब्द दो दिन के भीतर हटाने को कहा है.
इसमें केजरीवाल सरकार की आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक और आम आदमी बाईपास एक्सप्रेस सेवा आदि उन सभी योजनाओं को शामिल किया गया है जिनके नाम में आम शब्द शामिल है.
गुप्ता ने आयोग में गत 18 मार्च को शिकायत दी थी. इसमें उन्होंने 9 अप्रैल को प्रस्तावित विधानसभा की एक सीट के उपचुनाव और 22 अप्रैल को निगम चुनाव के मद्देनज़र आम आदमी शब्द के इस्तेमाल वाली सरकारी योजनाओं के विज्ञापन को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए आयोग से इसे हटवाने की मांग की थी.
आयोग ने सरकार और नगर निगम से इस निर्देश के पालन की 48 घंटे में अनुपालन रिपोर्ट भी देने को कहा है.
उधर, आम आदमी पार्टी ने एक प्रेस रिलीज जारी करके कहा है कि आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक की दुनिया भर में सराहना की जा रही है. बीजेपी जैसी जन विरोधी ताकतों ने दिल्ली सरकार के इस कार्यक्रम को पटरी से उतारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन हम यह जानकार हैरान है कि चुनाव आयोग के रूप में एक संवैधानिक निकाय कुछ राजनीतिक ताक़तों की अधीनस्थ संस्था के रूप में कार्य कर रहा है और उनसे आदेश ले रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)