कर्नाटक में बहुमत परीक्षण से ठीक पहले एक भावुक भाषण के साथ येदियुरप्पा ने इस्तीफ़ा दे दिया है.
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया है. लंच के बाद जब दोबारा कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा को संबोधित किया. उन्होंने एक बहुत ही भावनात्मक भाषण दिया.
उन्होंने कहा, मैं बीते 2 सालों से पूरे राज्य में घूम रहा हूं और इस दौरान में लोगों का दर्द उनके चेहरों पर महसूस किया. मैं लोगों का प्यार और स्नेह भूल नहीं सकता. कर्नाटक की जनता ने हमें 104 सीटें सौंपी हैं. जनता का जनादेश कांग्रेस और जेडीएस के लिए नहीं था.
येदियुरप्पा ने कहा, अगर लोगों ने हमें 104 की बजाए 113 सीटें दी होतीं तो राज्य को स्वर्ग बना देते. अंतिम सांस तक किसानों के लिये लड़ता रहूंगा. लोकसभा चुनाव में हम 28 में से 28 सीटें जीतेंगे.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया था कि येदियुरप्पा सरकार शनिवार शाम चार बजे राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करें. हालांकि राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को अपना बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था.
येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने जा रहा हूं. मैं राजभवन जाऊंगा और अपना इस्तीफा सौंप दूंगा.’ अपने भावनात्मक भाषण के बाद उन्होंने विधानसभा में कहा, ‘मैं विश्वास मत का सामना नहीं करूंगा. मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं’
येदियुरप्पा ने कहा कि वह अब ‘लोगों के पास जायेंगे.’ उनके इस्तीफे के बाद अब राज्य में जेडीएस की राज्य इकाई के प्रमुख एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है. जेडीएस को कांग्रेस का समर्थन हासिल है.
कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 117 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. दो सीटों पर विभिन्न कारणों से मतदान नहीं हुआ था जबकि कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीत थे.
गौरतलब है कि कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीट पर चुनाव कराया गया था. इस चुनाव परिणाम में भाजपा 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 111 की संख्या से वह पीछे रह गई थी.
कांग्रेस को यहां 78 सीटों पर जीत मिली जबकि जेडीएस को 37 सीटों पर जीत मिली.