गुजरात के राजकोट में दलित की पीट-पीटकर हत्या

राजकोट के शापर इंडस्ट्रियल क्षेत्र में एक फैक्ट्री के बाहर कचरा बीन रहे दंपत्ति को बेरहमी से पीटा गया, जिसके बाद पति की मौत हो गयी और पत्नी गंभीर रूप से घायल है.

राजकोट के शापर इंडस्ट्रियल क्षेत्र में एक फैक्ट्री के बाहर कचरा बीन रहे दंपत्ति को बेरहमी से पीटा गया, जिसके बाद पति की मौत हो गयी और पत्नी गंभीर रूप से घायल है.

Rajkot Map

एक दलित व्यक्ति को राजकोट के शापर इंडस्ट्रियल क्षेत्र में एक फैक्ट्री के बाहर फैक्ट्री मालिक और कर्मचारियों द्वारा बांधकर बुरी तरह से पीटा गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गयी.

यह घटना रविवार की सुबह हुई. अहमदाबाद मिरर की खबर के अनुसार मरने वाले व्यक्ति का नाम मुकेश सावजी वनिया है, जो अपनी पत्नी के साथ कचरा बीनने का काम किया करता था.

पुलिस के अनुसार मुकेश अपनी पत्नी जया और एक अन्य महिला के साथ राददिया इंडस्ट्रीज के परिसर में कचरा बीन रहे थे, जब उन पर हमला किया गया.

पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत के अनुसार जया ने बताया कि हमलावरों ने पहले दोनों महिलाओं को बेल्ट से मारा, जिसके बाद वे मदद के लिए भागी. इसके बाद इन लोगों ने मुकेश को फैक्ट्री के दरवाजे पर बांधकर बुरी तरह से पीटा.

जब तक महिलाएं और लोगों के साथ लौटीं, हमलावर मुकेश को पीटते रहे. इसके बाद मुकेश को राजकोट सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

एनडीटीवी के मुताबिक पुलिस ने फैक्ट्री मालिक समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया है और उन पर हत्या और एससी/एसटी एक्ट का मामला दर्ज किया है.

राजकोट पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्रुति मेहता ने बताया, ‘हमने फैक्ट्री मालिक सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. उनके नाम अभी साझा नहीं किये जा सकते क्योंकि एफआईआर में उनके नाम नहीं दिए गए हैं. इन लोगों पर हत्या और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसकी जांच डिप्टी रैंक के अधिकारी द्वारा की जाएगी.’

मुकेश को पीटे जाने की कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. बताया जा रहा है कि इन लोगों को चोरी करने के शक में पीटा गया, लेकिन पुलिस ने न इस बात की पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है.

मीडिया में आई खबरों के अनुसार मृतक के परिजन पोस्टमार्टम हाउस के सामने धरने पर बैठे हुए हैं.

मुकेश को पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें दो लोग उन्हें बेरहमी से मारते हुए दिख रहे हैं.

वड़गाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा है कि यह ऊना में दलितों पर हुए हमले से भी ज्यादा खतरनाक है. गुजरात दलितों के लिए सुरक्षित नहीं है. सरकार ने अपनी पिछली गलतियों से कुछ नहीं सीखा.