तमिलनाडु में वेदांता समूह के ख़िलाफ़ हिंसक प्रदर्शन, 9 लोगों की मौत

तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ महीनों से चल रहा प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने इस दौरान गोलीबारी की है.

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तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ महीनों से चल रहा प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने इस दौरान गोलीबारी की है.

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तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते स्थानीय लोग (फोटो साभार: एएनआई)

तूतीकोरिन/चेन्नई/नई दिल्ली: तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर को प्रदूषण फैलाने के चलते बंद करने की मांग को लेकर महीनों से चल रहा प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज और गोलीबारी की, जिसमें 9 लोग मारे गए हैं और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. घायलों में कई पत्रकार भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि इस फैक्ट्री से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ लोग महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस फैक्ट्री के प्रदूषण के कारण सेहत से जुड़ी गंभीर समस्या का संकट खड़ा हो गया है. जबकि हाल ही में इस कंपनी ने शहर में अपनी और यूनिट बढ़ाने की घोषणा की थी.

वेदांता समूह के स्वामित्व वाले संयंत्र को प्रदूषण संबंधी चिंताओं को लेकर बंद करने की मांग कर रहे लगभग पांच हज़ार लोग 22 मई को पुलिस से भिड़ गए तथा वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति को आग लगा दी.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और सरकारी तथा निजी वाहनों को आग लगा दी. इसके बाद वे पूरे शहर में तोड़फोड़ करने लगे.

पुलिस ने बताया कि करीब 5000 प्रदर्शनकारी स्थानीय चर्च के निकट एकत्र हो गए और जब उन्हें संयंत्र तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी गई तो उन्होंने ज़िला कलेक्ट्रेट तक रैली निकालने पर ज़ोर दिया.

इस बात पर प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच पहले धक्का-मुक्की हुई और बाद में इसने हिंसा का रूप ले लिया. स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया और कुछ वाहनों को पलट दिया. सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.

प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए पथराव में कई लोग घायल हो गए. इस दौरान कुछ बैंक परिसरों पर भी हमला किया गया.

हिंसा बढ़ती देख पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई.

चेन्नई में मत्स्य पालन मंत्री डी. जयकुमार ने संवाददाताओं से कहा कि वे लोग कलेक्टर के कार्यालय में घुसने की कोशिश कर रहे थे और हिंसा स्वीकार्य नहीं है… (पुलिस) गोलीबारी अपरिहार्य हो गई थी.

द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कहा कि तूतीकोरिन में वेदांता समूह की इकाई स्टरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ ‘पुलिस कार्रवाई’ में नौ प्रदर्शनकारी मारे गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने घटना की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की.

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी क्षेत्र में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर कलेक्ट्रेट की तरफ जुलूस निकाल रहे थे.

मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव ही नहीं किया, बल्कि उनके वाहनों तथा कलेक्ट्रेट में खड़े वाहनों को भी आग लगा दी.

पलानीस्वामी के पास गृह मंत्रालय भी है.

उन्होंने कहा, ‘पुलिस को लोगों के जानमाल की रक्षा के लिए अपरिहार्य परिस्थितियों में कार्रवाई करनी पड़ी क्योंकि प्रदर्शनकारी बार-बार हिंसा कर रहे थे… पुलिस को हिंसा रोकनी थी.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे यह जानकार दुख हुआ कि इस घटना में दुर्भाग्य से नौ लोग मारे गए.’ उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना और सहानुभूति व्यक्त की.

पलानीस्वामी ने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के तहत एकल सदस्यीय आयोग के गठन की घोषणा की जो घटना की जांच करेगा.

मुख्यमंत्री ने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को तीन-तीन लाख और मामूली रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा की.

उन्होंने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से एक-एक व्यक्ति को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी देने का भी आश्वावसन दिया.

मुख्यमंत्री ने तूतीकोरिन के ज़िला प्रशासन को निर्देश दिया कि वह घायलों का उचित उपचार सुनिश्चित करे.

पुलिस का कहना है कि मद्रास हाई कोर्ट के निर्देश पर फैक्ट्री के आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्टरलाइट कॉपर तूतीकोरिन में अभी 400,000 टन प्रतिवर्ष उत्पादन करने वाली एक यूनिट का संचालन कर रही है. उस यूनिट को आवश्यक परमिट प्राप्त हैं और उसने किसी भी मानदंड का उल्लंघन नहीं किया है.

जयललिता ने बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन एनजीटी ने फैसले को पलट दिया

तूतीकोरिन में स्टरलाइट विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में पुलिस की गोली से नौ लोगों की मौत के बाद सरकार ने आश्वस्त किया कि संयंत्र के बारे में लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने लोगों से शांत रहने की अपील की है.

एक सरकारी बयान में कहा गया कि लाठीचार्ज और गोलीबारी सहित पुलिस कार्रवाई ‘अपरिहार्य परिस्थितियों’ में हुई.

बयान के अनुसार ज़िला कलेक्ट्रेट और संयंत्र तक क़रीब 20 हज़ार लोगों ने जुलूस निकाला. इनकी मंशा संयंत्र और कलेक्ट्रेट का घेराव करने की थी. ये लोग मांग कर रहे थे कि तांबा संयंत्र को स्थायी रूप से बंद किया जाए. इसी दौरान हिंसा हो गई.

भीड़ द्वारा की गई हिंसा में पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया जो कलेक्ट्रेट में खड़े थे और कलेक्टर कार्यालय में पथराव किया गया.

बयान में कहा गया कि पुलिस ने अपरिहार्य परिस्थितियों में कार्रवाई करके हिंसा को नियंत्रित कर लिया. कानून और व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तूतीकोरिन भेजा गया है.

तमिलनाडु सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया है.

वेदांता समूह की इकाई स्टरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड का संयंत्र तूतीकोरिन में मीलवितन में पिछले 20 साल से चल रहा है.

मार्च 2013 में संयंत्र में गैस रिसाव के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने इसे बंद करने का आदेश दिया था. इसके बाद कंपनी एनजीटी में चली गई.

एनजीटी ने राज्य सरकार का फैसला उलट दिया. राज्य सरकार इस पर उच्चतम न्यायालय में चली गई और अब याचिका शीर्ष अदालत में लंबित है.

नौ प्रदर्शनकारियों की मौत ‘सरकार समर्थित आतंकवाद’: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तमिलनाडु के तुतीकोरिन में वेदांता समूह की कॉपर इकाई को बंद करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी में नौ लोगों की मौत को ‘सरकार प्रायोजित आतंकवाद की बर्बर मिसाल’ क़रार दिया है.

उन्होंने कहा कि अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले नागरिकों की हत्या की गई है.

राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘तमिलनाडु में स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने नौ लोगों को मार दिया. यह सरकार प्रायोजित आतंकवाद की बर्बर मिसाल है.’ उन्होंने कहा, ‘अन्याय का विरोध करने के लिए इन नागरिकों की हत्या की गई है. इन शहीदों के परिवारों और घायलों के के प्रति मेरी संवेदना और प्रार्थना है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)