इस्लामाबाद स्थित बहरिया विश्वविद्यालय ने अजीबो-गरीब फ़रमान सुनाया है जिसे लेकर सोशल मीडिया पर काफ़ी हंगामा मचा हुआ है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय ने अजीबो गरीब फरमान सुनाया है जिसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मचा हुआ है. पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय ने अपने पुरुष और महिला छात्रों को एक साथ चलते हुए छह इंच की दूरी बनाकर रखने के लिए कहा है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के मुताबिक, इस्लामाबाद स्थित बहरिया विश्वविद्यालय ने पिछले सप्ताह कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में अपने तीनों कैंपसों के छात्रों के लिए अधिसूचना जारी की है. ड्रेस कोड के बारे में अधिसूचना की एक प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसके बाद इसका काफी विरोध किया जा रहा है.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘विभागों के सभी प्रमुखों और सुरक्षाकर्मियों को यह सुनिश्चित करना है कि पुरुष और महिला छात्र एक दूसरे से छह इंच की दूरी पर बैठे या खड़े हो.’ इसमें पुरुष और महिला छात्रों के ‘छूने’ पर ‘सख्त पाबंदी’ लगाई गई है तथा इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है.
खबर में कहा गया है कि द फेडरेशन ऑफ ऑल पाकिस्तान यूनिवर्सिटीज एकेडमिक स्टाफ एसोसिएशन (एफएपीयूएएसए) ने बहरिया विश्वविद्यालय से अधिसूचना वापस लेने की मांग की है.एफएपीयूएएसए के अध्यक्ष डॉ कलीमुल्लाह बारेच ने कहा कि यह अधिसूचना बकवास है और इससे छात्रों के बीच भ्रम पैदा हो गया है.
उन्होंने कहा, ‘यह अधिसूचना तथा अन्य विश्वविद्यालयों में ऐसी सभी अधिसूचना तत्काल वापस ली जाए.’ इस बीच, बहरिया विश्वविद्यालय की प्रवक्ता महविश कामरान ने अधिसूचना का बचाव करते हुए दावा किया कि छात्रों के बीच अनुशासन बनाए रखने के लिए यह अधिसूचना जारी की गई थी.
उन्होंने कहा, ‘इसमें कुछ गलत नहीं है.’ उन्होंने छह इंच की दूरी बनाने वाले इस दिशा-निर्देश को सामान्य बताया और कहा कि छह इंच की दूरी को निजता का सम्मान समझा जाए.
पिछले साल इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी, इस्लामाबाद एक ड्रेस कोड जारी करके आलोचनाओं के केंद्र में आ गई थी जिसमें महिलाओं के डीप नेक, बिना बाजू वाले कपड़े, तंग कपड़े, कैप्री पैंट, मेकअप, भारी आभूषण और हाई हील्स पहनने पर रोक लगाई गई थी.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मॉर्डन लैंग्वेजिस में व्याख्याता ताहिर मलिक ने कहा, ‘छह इंच की दूरी बनाना मेरी समझ से बाहर है. कैसे विश्वविद्यालय छह इंच की दूरी नापेगा.’ उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों में अकादमिक माहौल सुधारने की जरूरत है.