इंद्रदेव और वरुणदेव को खुश करने के लिए 33 जिलों में 41 पर्जन्य यज्ञ करवाने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया गया.
गांधीनगर: गुजरात में इन दिनों पानी का संकट है. राज्य के जल संसाधन सूख रहे हैं. लेकिन सरकार इससे निपटने के लिए जरूरी इंतजाम करने के बजाय दैवीय उम्मीद का सहारा ले रही है. जल संकट से निपटने के लिए हुई कैबिनेट की बैठक में यज्ञ कराने का निर्णय लिया गया है.
टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 31 मई से 33 जिलों में 41 पर्जन्य यज्ञ करवाए जाएंगे. इसके अलावा 8 प्रमुख शहरों में वर्षा के देवता इंद्र देव और पानी के देवता वरुणदेव को खुश करने के लिए भी यज्ञ का आयोजन होगा.
यह यज्ञ गुजरात सरकार के एक महीने से चल रही ‘सुजलाम सुफलाम जल अभियान’ का समापन करेगा. इस अभियान के जरिए सिल्ट हटाने और नदियों, झीलों, तालाबों, कैनल और जल निकायों को आने वाले मानसून सीजन में गहरा किया जाने का काम होगा.
यज्ञ करने का निर्णय बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया.
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा, ‘सरकार ने अच्छी बारिश के लिए 31 मई को यज्ञ का आयोजन करने का निर्णय लिया है. यह यज्ञ पूरे गुजरात में 41 जगहों पर होंगे और यज्ञ समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा. मैं और मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, राज्य के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी यज्ञों में शामिल होंगे. जिसके बाद जनसभा होगी.’
गुजरात इस समय गर्मियों में पानी संकट से जूझ रहा है. राज्य के 204 बांधों में अपनी क्षमता 25,227 मिलियन क्यूबिक मीटर का केवल 29 प्रतिशत पानी बचा हुआ है. 2019 में लोकसभा चुनाव नजदीक है और ऐसे में रुपाणी सरकार को डर है कि मॉनसून में देरी या पानी की कमी से लोगों में असंतोष फैल सकता है, जिसका असर चुनाव पर पड़ेगा.