पलानीसामी ने तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फायरिंग को सही ठहराया. स्टालिन ने मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा मांगा, गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु से रिपोर्ट मांगी.
चेन्नई/नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने तूतीकोरिन में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर के प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग को सही ठहराया है. गुरुवार को ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘जब कोई आपको मारता है तो आप स्वाभाविक तौर पर अपना बचाव करते हैं. ऐसी स्थिति में कोई पहले से योजना बनाकर काम नहीं करता.’
When someone hits you, you naturally tend to defend yourselves. so on such situations, no one acts in a pre-planned manner. #SterliteProtest
— Edappadi K Palaniswami (@CMOTamilNadu) May 24, 2018
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘22 मार्च के प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व घुस आए और उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया, पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दी. तनावपूर्ण माहौल में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी जो पहले से तय नहीं थी.’ उन्होंने हिंसा ‘भड़काने’ के लिए विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया.
Some anti-social elements intruded into the agitation on May 22 and attacked the police, torched the police vehicles. Under tense situation, police resorted to firing and the firing was not pre-plannned. #SterliteProtest
— Edappadi K Palaniswami (@CMOTamilNadu) May 24, 2018
पलानीस्वामी ने तूतीकोरिन की घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए हिंसा के लिए विपक्षी पार्टियों और असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया. घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मुख्यमंत्री ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि संयंत्र को बंद करने के लिए पहले हुए सभी प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे थे.
वहीं, दूसरी ओर तूतीकोरिन में हुई पुलिस फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने की घटना के विरोध में राज्य सचिवालय में प्रदर्शन के दौरान द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को हिरासत में ले लिया गया. चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर तूतीकोरिन में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा एवं आगजनी के कारण पलानीस्वामी के इस्तीफे और राज्य के पुलिस प्रमुख टीके राजेंद्रन की बर्खास्तगी की मांग करते हुए स्टालिन ने फोर्ट सेंट जॉर्ज कॉम्प्लेक्स में पार्टी विधायकों के साथ धरना दिया.
पुलिस की ओर से सचिवालय परिसर से प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने के बाद भी उन्होंने फोर्ट सेंट जॉर्ज के ठीक सामने स्थित राजाजी सलाई में अपना प्रदर्शन जारी रखा. ‘हमें इंसाफ चाहिए’ और ‘सरकार शर्म करो’ जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने पलानीस्वामी सरकार के तत्काल इस्तीफे की मांग की.
मंगलवार और बुधवार को स्थानीय लोगों ने प्रदूषण संबंधी चिंता के कारण वेदांता समूह के तांबे के कारखाने को बंद किए जाने की मांग करते हुए सड़कों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे. शहर में गुरुवार को कहीं से ताजा हिंसा की सूचना नहीं मिली है, लेकिन स्थिति नाजुक बनी रही.
कुछ खबरों में कहा गया कि पुलिस फायरिंग में जख्मी हुए शख्स की मौत हो गई, लेकिन इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं आया है. अपुष्ट खबरों में कहा गया कि स्टालिन, अभिनेता से नेता बने कमल हासन और एमडीएमके नेता वाइको के खिलाफ निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया गया है.
स्टालिन ने कहा कि द्रमुक और इसकी सहयोगी कांग्रेस के विधायकों ने गुरुवार को राज्य विधानमंडल की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक का बहिष्कार किया. नेता प्रतिपक्ष स्टालिन ने पुलिस फायरिंग के पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात नहीं करने को लेकर मुख्यमंत्री पर हमला बोला और कहा कि जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक का तबादला करने से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
स्टालिन ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को लोगों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. पुलिस प्रमुख टीके राजेंद्रन को हटाया जाना चाहिए या उन्हें इस्तीफा देना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में ये मांगें कीं और बैठक का बहिष्कार किया.
गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु से रिपोर्ट मांगी, राजनाथ ने शांति की अपील की
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में हुई हिंसा और मौजूदा स्थिति के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी. सिंह ने तूतीकोरिन के लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की.
मंत्री ने यहां एक बयान में कहा, ‘गृह मंत्रालय ने स्थिति पर संज्ञान लिया है और घटना एवं मौजूदा स्थिति के संदर्भ में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.’ एक अधिकारी ने बताया कि तूतीकोरिन में हिंसा की घटनाओं पर मंत्रालय तमिलनाडु सरकार के संपर्क में है और जिन घटनाक्रमों एवं परिस्थितियों के चलते 22 मई को लोगों की जानें गई, उनके बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.
तमिलनाडु सरकार से शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने के संदर्भ में की कार्रवाई पर विस्तृत जानकारी देने के लिए कहा गया है. राज्य सरकार से स्टरलाइट संयंत्र पर विस्तृत रिपोर्ट देने को भी कहा गया है. गृह मंत्री ने कहा कि तूतीकोरिन में आंदोलन के दौरान बहुमूल्य जानें जाने से वह बेहद व्यथित हैं.
उन्होंने कहा, ‘मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ उन्होंने कहा कि तूतीकोरिन में पुलिस गोलीबारी एवं तटीय शहर में मौजूदा स्थिति पर गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
स्टरलाइट संयंत्र के खिलाफ करीब तीन महीने से प्रदर्शन जारी है. हालांकि हिंसा की घटना पहली बार मंगलवार को हुई. तमिलनाडु में द्रमुक एवं अन्य विपक्षी पार्टियों ने तूतीकोरिन में पुलिस कार्रवाई की निंदा की है और घटना के विरोध में शुक्रवार को बंद का आह्वान किया है.
एनएचआरसी के हस्तक्षेप के लिए अदालत में याचिका दायर
दिल्ली उच्च न्यायालय में गुरुवार को एक याचिका दायर हुई जिसमें तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में वेदांता की स्टरलाइट कॉपर फैक्टरी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में लोगों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के हस्तक्षेप के लिए निर्देश की मांग की गई.
अदालत ए राजाराजन द्वारा दायर इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है. याचिका में कहा गया कि एनएचआरसी को बुधवार को एक ज्ञापन सौंपकर ‘गैरकानूनी हत्याओं’ में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया. अधिवक्ता सबरीश सुब्रमण्यम के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया कि एनएचआरसी ने उनके ज्ञापन पर विचार करने से इंकार कर दिया और जमीनी वास्तविकता को नजरअंदाज किया. इसमें कहा गया कि आयोग ने केवल तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है.
प्रधानमंत्री के पास ‘फिटनेस चैलेंज’ के लिए समय, तूतीकोरिन की घटना पर खामोश: कांग्रेस
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में एक कॉपर संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस गोलीबारी पर ‘चुप्पी’ को लेकर गुरुवार को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और सवाल किया कि उनके पास सोशल मीडिया में ‘फिटनेस चैलेंज’ के लिए समय है, लेकिन वह इस ‘बर्बर घटना’ पर खामोश क्यों हैं?
पार्टी ने यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री यह मानते हैं कि इस मामले में तमिलनाडु की पलानीस्वामी सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए? पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम पुलिस बर्बरता, राज्य सरकार की उदासीनता और कारपोरेट की कठोरता के कॉकटेल से हुई इस घटना की निंदा करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री हमेशा ट्वीट करते हैं. सोशल मीडिया में चैलेंज दे रहे हैं और स्वीकार कर रहे हैं. इस मामले पर वह चुप क्यों हैं? राष्ट्र यह जानना चाहता है.’ सिंघवी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री एक ऐसी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जो ट्रेडमिल पर भाग रही है, लेकिन कहीं पहुंच नहीं रही. यह सरकार रिटायर्ड हर्ट हो चुकी है.’
उन्होंने पूछा कि 11 लोगों की जान चली गई, लेकिन अब तक किसी पर ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई और जो न्यायिक आयोग बना है उसकी जांच के लिए समयसीमा क्यों तय नहीं की गई? कांग्रेस नेता ने कहा, ‘तमिलनाडु के मुख्यमंत्री गृह मंत्री भी हैं. इसलिए हम प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि क्या तमिलनाडु की सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए या नहीं?’
भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना
पटना: भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने तुतीकोरिन में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी की घटना को ‘शर्मनाक, दर्दनाक और निंदा के लायक’ बताते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष तरीके से निशाना साधा और कहा कि वाकपटुता के साथ अपनी बात रखने वाले ‘सेवक’ इस नृशंस हत्या पर कुछ बोलें.
पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद शत्रुघ्न ने ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह तमिलनाडु में प्रदूषण चिंताओं को लेकर वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर संयंत्र को बंद करने की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी में 10 से अधिक लोगों की मौत पर एक बयान दें.
सिने अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न ने अपने एक ट्वीट में कहा कि ‘सर बोलने का समय है. कठुआ पर, पेट्रोल के दाम बढ़ने पर, तुतीकोरिन में निर्मम हत्याओं पर, किसी पर कोई बयान नहीं. निर्दोष नागरिकों पर गोली चलाने का आदेश किसने दिया. कश्मीर जल गया, आपने कुछ नहीं कहा. अब तमिलनाडु उबल रहा है. क्या हम सबसे अधिक वाकपटु सेवक से कुछ सुन सकते हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)