कैराना लोकसभा उपचुनाव से ठीक एक दिन पहले 27 मई को बागपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली है. लेकिन इससे पहले पांच दिन से धरने पर बैठे एक किसान की मौत हो गई है.
बागपत: कैराना लोकसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले बागपत में 27 मई को प्रधानमंत्री की रैली है. इस रैली में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन होना है. लेकिन इससे पहले जिले की बड़ौत तहसील में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे एक किसान की मौत हो गई है.
गौरतलब है कि बड़ौत में किसान संघर्ष समिति के बैनर तले पिछले पांच दिनों से बिजली के बढ़े बिल और गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर क्षेत्र के किसान धरने पर बैठे थे. किसानों का कहना था कि पिछले दो साल से घरेलू बिजली का रेट चार गुना बढ़ा दिया गया है और नलकूप का बिजली भार 100 हॉर्स पावर से 180 हॉर्स पावर कर दिया गया है, वहीं बिजली बिल पर इस वर्ष मार्च में पेनाल्टी ब्याज की छूट नहीं दी गई और न ही किसानों को इस सत्र का गन्ना भुगतान मिला है, जिस कारण किसान बढ़े हुए बिल का भुगतान करने में असमर्थ है.
उनकी सरकार से मांग थी कि नलकूप की बिजली दर हरियाणा के समक्ष 35 रुपये प्रति हॉर्स पावर किया जाए, यदि यह दर नहीं की गई तो किसान बर्बाद हो जाएगा. साथ ही गन्ने का बकाया भुगतान तत्काल दिलाया जाए.
जिमाना गाँव के श्री उदेवीर, गन्ना बक़ाया और बढ़े बिजली बिल के विरोध में क्षेत्र के किसानो के साथ ५ दिन से बड़ौत तहसील पर धरने पर थे। आज लड़ते लड़ते उनका धरनास्थल पर निधन हो गया। किसान इस सरकार को सबक़ सिखाएगा! #kisan #बागपत pic.twitter.com/DceSp16HiA
— Jayant Chaudhary (@jayantrld) May 26, 2018
धरने पर बैठे किसान की मौत को लेकर रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, ‘जिमाना गांव के उदयवीर, गन्ना बकाया और बढ़े बिजली बिल के विरोध में क्षेत्र के किसानों के साथ 5 दिन से बड़ौत तहसील पर धरने पर थे. आज लड़ते-लड़ते उनका धरनास्थल पर निधन हो गया. किसान इस सरकार को सबक सिखाएगा.’
मिली जानकारी के अनुसार, किसान की मौत से गुस्साए प्रदर्शनकारी अब मृतक का शव रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वे मृतक किसान उदयवीर के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की देने की मांग कर रहे हैं. किसान रविवार को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के विरोध की भी बात कर रहे हैं.
गौरतलब है कि देश भर की चीनी मिलों पर किसानों के बकाया की राशि बढ़कर 21,700 करोड़ रुपये को पार कर चुकी है तथा इसमें सबसे ज्यादा बकाया उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर करीब 13,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
बता दें इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 27 मई को प्रस्तावित बागपत रैली को लेकर सवाल उठ चुके हैं. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 26 मई को चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. 28 मई को यहां मतदान होना है. लेकिन 27 मई को कैराना लोकसभा से सटे जिले बागपत में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की बड़ी रैली है. वो यहां ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करेंगे.
ऐसे में राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया था लेकिन चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बागपत रैली पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है.