नूंह के चंदेनी गांव में रविवार दोपहर को एक रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी, जो एक घरेलू सिलिंडर फटने से पूरी बस्ती में फैल गई.
हरियाणा के नूंह जिले में रविवार दोपहर एक रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में आग लगने से 50 से ज़्यादा घर जल कर ख़ाक हो गए. आग लगने से 57 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं. म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के चलते रोहिंग्या समुदाय के ढेरों लोग भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के विभिन्न इलाकों में रह रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एक दमकल अधिकारी ने बताया कि उन्हें दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब गांव से पर आग लगने की जानकारी मिली, जिसके बाद तीन दमकल की गाड़ी घटना स्थल पर भेज दी गई.
अधिकारी का कहना है, ‘हमें लगभग तीन घंटे लगे आग पर काबू पाने में. अभी तक यह लग रहा है कि शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगी थी.’
नूंह पुलिस स्टेशन के एसएचओ, संजय कुमार ने बताया, ‘आग लगने के चलते कोई मौत नहीं हुई है, न ही कोई घायल हुआ है, लेकिन सभी झुग्गियां जल गयीं. अभी तक किसी ने भी मामला दर्ज़ कराने के लिए हमसे संपर्क नहीं किया है. इन झुग्गी में लगभग 215 लोग रहते थे.’
रविवार शाम तक प्रभावित लोगों को नजदीकी एक अस्थाई शिविर में ले जाया गया और आसपास वालों ने उनके रहने और खाने का इंतज़ाम किया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के अनुसार, मेवात (नूंह) इलाके के छह शरणार्थी शिविरों में करीब 360 रोहिंग्या परिवारों के लगभग 1,300 रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं.
आग का कारण शॉर्ट सर्किट होना बताया जा रहा है लेकिन लोगों का कहना है कि इसके बाद एक गैस सिलिंडर के फटने से आग बढ़ी.
यहां रहने वाले अकबर ने बताया, ‘हमें एक छोटा धमाका सुनाई दिया, जिसके बाद हम घर से बाहर देखने आए. देखा कि हर तरफ धुआं था, प्लास्टिक और रबर जलने की बू आ रही थी. तभी एक गैस सिलिंडर फटा और आग बाकी की झुग्गियों में फैल गयी.’
इस आग में इन लोगों का सारा सामान जल गया. एक रहवासी जफरुल्लाह ने बताया, ‘आग लगने से सब कुछ जल गया और अब हमारे बदन पर जो कपड़े हैं, वही बचा है. कैंप के ज्यादातर लोगों के पहचान पत्र भी जल गये. जिनके पहचान पत्र उस समय जेब में थे, केवल वही बचे हैं.’
इसके पहले पिछले महीने दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके के करीब कंचन कुंज की रोहिंग्या मुस्लिमों की बस्ती में अचानक आग लग गयी थी. इस आग से बस्ती के 25 परिवारों के करीब 250 रोहिंग्या शरणार्थी बेघर हो गए थे.