संस्थान का कहना है कि शिकायतकर्ता को बीती 10 मई को बर्खास्त कर दिया गया था. निदेशक के ख़िलाफ़ यह शिकायत उसी का नतीजा है.
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), रोहतक के निदेशक के ख़िलाफ़ संस्थान की एक पूर्व सहायक प्राध्यापक के यौन उत्पीड़न के आरोप में मामला दर्ज किया है.
रोहतक महिला पुलिस थाने की प्रभारी गरिमा ने गुरुवार को बताया कि संस्थान की एक पूर्व महिला सहायक प्राध्यापक की शिकायत पर आईआईएम रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है.
संस्थान में पीड़िता की सेवाएं 10 मई से ख़त्म कर दी गई थीं. उनका आरोप है कि सितंबर 2017 में जब वह संस्थान से जुड़ी थीं, तभी से निदेशक उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे प्रो. शर्मा को रिपोर्ट करनी होती थी और उन्होंने कार्यस्थल पर लगातार उसका यौन उत्पीड़न किया. उनका आरोप लगाया कि निदेशक ने उसके साथ छेड़छाड़ की.
पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने निदेशक की नाजायज़ मांगें नहीं मानीं तो उनका व्यवहार बदल गया और वह उनका अपमान करने लगे तथा जब भी मौका मिलता, वह मानसिक दबाव बनाने लगते.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्रो. शर्मा के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने की नीयत से हमला या आपराधिक बल प्रयोग), धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया है.
निदेशक से संपर्क नहीं किया जा सका. बयान के मुताबिक महिला ने यह सब सोच-समझकर किया है. गरिमा ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, ‘संस्थान के प्रवक्ता गुनीत कौर सेठी ने बताया कि शिकायतकर्ता को बीती 10 मई को बर्खास्त कर दिया गया था और निदेशक के ख़िलाफ़ यह शिकायत उसी का नतीजा है.’
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने 2017 में संस्थान से जुड़ने के साथ ही निदेशक के अनुचित व्यवहार की शिकायत की है. उनके अनुसार, ‘निदेशक ने मुझसे शादी के बाद अवैध संबंधों के बारे में अपने विचार व्यक्त किए और मेरे विचार भी जानने चाहे. मैं असहज महसूस कर रही थी. मैंने बात को कांटना चाहा. उसके बाद भी उन्होंने मुझे एक आपत्तिजनक टिप्पणी से संबोधित किया.
एनडीटीवी इंडिया की ख़बर के अनुसार, ‘शिकायतकर्ता ने इससे पहले 25 मई को आईआईएम रोहतक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन प्रो. रविकांत से भी निदेशक प्रो. धीरज शर्मा की शिकायत की थी. संस्थान की ओर से बताया गया कि महिला द्वारा शिकायत की जांच आंतरिक कमेटी ने की थी, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)