मध्य प्रदेश समेत देश के दूसरे हिस्सों में किसानों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी, छह जून को पंजाब में आंदोलन ख़त्म होने की ख़बर. कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज.
नई दिल्ली: दस दिन तक चलने वाली किसानों की हड़ताल का सोमवार को चौथा दिन है. फिलहाल पिछले तीन दिनों से किसानों की हड़ताल शांतिपूर्ण है. कहीं से भी हिंसा की कोई खबर नहीं आई है. सोमवार को भी देश के कई राज्यों में किसानों ने आंदोलन किया है. इस दौरान उन्होंने फलों, सब्जियों सहित दूध को सड़कों पर गिरा दिया.
गौरतलब है कि किसान सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य और न्यूनतम आय, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने समेत कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. हालांकि आंदोलन के चलते देश के कुछ हिस्सों में फल, सब्जी और दूध लोगों तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहा है. किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर मध्य प्रदेश में देखा जा रहा है.
नागपुर में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान के विरोध में किसानों ने सड़क पर दूध बहाया है.
Nagpur: Protesters spilled milk on road against Union Agriculture Minister Radha Mohan Singh’s remark on the ongoing farmers’ strike; distributed milk to locals who came up with utensils requesting for it #Maharashtra pic.twitter.com/ke71cKYJpm
— ANI (@ANI) June 4, 2018
वहीं, पुणे में व्यापारियों ने दावा किया कि किसानों की हड़ताल के चौथे दिन में पहुंचने के बावजूद बाजार पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है.
Maharashtra: Traders say there has been no impact on business and the market even as farmers’ ‘Kisan Avkash’ strike enters fourth day; Visuals from Market Yard in Pune pic.twitter.com/Vn9uiX0Rez
— ANI (@ANI) June 4, 2018
दूसरी ओर पंजाब में भारतीय किसान यूनियन के बीएस राजू ने सोमवार को कहा कि अब तक आंदोलन शांतिपूर्ण है और कई जगह किसान सीधे ग्राहकों को उत्पाद बेच रहे हैं जिससे दोनों को लाभ हो रहा है. उन्होंने कहा कि किसान और सप्लायर्स के बीच विवाद को देखते हुए आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया गया है. ये हड़ताल पंजाब में 6 जून को समाप्त हो जाएगी.
Protests have been peaceful so far. In several places farmers set up shops to sell vegetables directly to consumers which benefited everyone. But to avoid dispute b/w suppliers & farmers we’ve decided to end our protest, in Punjab, on June 6 itself: BS Raju, Bhartiya Kisan Union pic.twitter.com/znc1ObIM1j
— ANI (@ANI) June 4, 2018
मध्य प्रदेश की प्रमुख थोक मंडी में सब्जियों की आवक घटी, दाम बढ़े
इंदौर: मध्यप्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर के थोक बाजार में सोमवार को सब्जियों की आवक घटकर आधी रह गयी, नतीजतन इनके भावों में औसतन 20 फीसद का उछाल दर्ज किया गया.
स्थानीय देवी अहिल्याबाई होल्कर सब्जी मंडी के कारोबारी संघ के अध्यक्ष सुंदरदास माखीजा ने बताया, ‘आम दिनों के मुकाबले सोमवार को मंडी में 50 फीसद माल ही आया. इससे टमाटर, भिंडी, करेला, हरी मिर्च और अन्य सब्जियों के दाम औसतन 20 फीसद ज्यादा बोले गए.’
उन्होंने बताया कि सब्जियों का स्थानीय थोक बाजार आवक के मामले में उत्तरप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र पर काफी हद तक निर्भर है, क्योंकि इंदौर के आस-पास के इलाकों में फिलहाल सब्जियों की पैदावार कम हो रही है.
माखीजा ने बताया कि किसान आंदोलन के शुरुआती तीन दिनों में स्थानीय मंडी में आवक के मुकाबले खरीदार घटने के कारण सब्जियों के भावों में गिरावट दर्ज की गयी थी. इसकी बड़ी वजह यह थी कि किसान आंदोलन से ऐन पहले खुदरा कारोबारियों और आम लोगों ने सब्जियों का पर्याप्त स्टॉक कर लिया था.
उन्होंने कहा, ‘चूंकि कारोबारियों के गोदाम और आम लोगों के घरों में सब्जियों का स्टॉक अब कम हो चुका है, इसलिए उम्मीद है कि थोक बाजार में सब्जियों का कारोबार रफ्तार पकड़ेगा.’
आंदोलन से जुड़े कृषक संगठनों ने किसानों से अपील की है कि वे 10 जून तक चलने वाले ‘ग्राम बंद’ के दौरान गांवों से शहरों को फल-सब्जियों और दूध की आपूर्ति रोक दें. हालांकि, मध्यप्रदेश में फिलहाल इस अपील का मिला-जुला असर नजर आ रहा है.
अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के कई स्थानों पर फल-सब्जियों और दूध लाने
ले जाने के दौरान पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई जा रही है, ताकि शहरों में इन जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित न हो.
आंदोलन से जुड़े संगठनों की मांगों में यह भी शामिल है कि सरकार कृषि जिंसों के साथ फल-सब्जियों और दूध का ऐसा न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करे जिससे किसानों को उत्पादन लागत का डेढ़ गुना यानी 50 प्रतिशत फायदा हो.
दूध फेंकने का वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में तीन किसान गिरफ्तार
बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर ग्राम कोदारोटी में दूध फेंकने का वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में पुलिस ने तीन किसानों को सोमवार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें बांड भरवाने के बाद हिदायत देकर छोड़ दिया गया.
इस मामले में प्रशासन ने इलाके के एक कोटवार को निलंबित भी किया है. कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी राजेश साहू ने बताया कि किसान राहुल यादव नाम का किशोर बाल्टी में दूध लेकर ग्राम कोदारोटी में पहुंचा था, जहां पहले से मौजूद दिनेश यादव, रामकरन यादव और फूलचंद यादव ने दुग्ध समिति सचिव शंभूदयाल को दुग्ध नहीं बेचने की बात कहते हुए विरोध शुरू कर दिया और इसका एक वीडियो भी बना दिया.
उन्होंने कहा कि बाद में उन्होंने इस वीडियो को वाट्सऐप पर वायरल कर दिया. साहू ने बताया कि इस मामले में प्रशासन ने कोटवार सुखलाल को निलंबित भी किया, क्योंकि उसने इस घटना की जानकारी होने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं बताया.
उन्होंने कहा कि इन तीनों किसानों को कोतवाली पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर तहसील न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 35-35 हजार रुपये का बांड भरवाने के बाद हिदायद देकर छोड़ दिया गया.
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज
मुजफ्फरपुर: किसानों के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए सोमवार को एक अदालत में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई गई. सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरिप्रसाद की अदालत में यह शिकायत दर्ज कराई है.
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मंत्री ने कहा था कि किसानों का प्रदर्शन मीडिया का ध्यान खींचने का प्रयास है. अदालत से सिंह को समन जारी करने का आग्रह किया गया है.
शिकायतकर्ता के अनुसार मंत्री का यह बयान न केवल गैरजिम्मेदार है बल्कि इससे शिकायतकर्ता की भावनाएं भी आहत हुई है. किसान अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 297 और 504 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की. अदालत 14 जून को इस मामले पर विचार कर सकती है.
ऋण माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत अपनी कई मांगों को लेकर किसानों ने एक जून से 10 दिवसीय आंदोलन शुरू किया था. आंदोलन के चलते कई राज्यों में किसानों ने सड़कों पर सब्जियां, दूध और अन्य कृषि उत्पादों को फेंक दिया था.
राधामोहन सिंह के बयान के खिलाफ दिल्ली युवा कांग्रेस का प्रदर्शन
नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के किसानों के संदर्भ में दिए एक विवादित बयान को लेकर दिल्ली युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को विरोध-प्रदर्शन किया और उनसे माफी की मांग की.
भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव (प्रभारी दिल्ली) अमित यादव और सचिव खुशबू शर्मा के नेतृत्व में दिल्ली युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रायसीना रोड से कृषि भवन तक मार्च निकाला और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. युवा कांग्रेस के प्रवक्ता अमरीश रंजन पांडेय ने कहा, ‘कृषि मंत्री ने कहा है कि किसान प्रचार पाने के लिए प्रदर्शन करते हैं. यह बयान दिखाता है कि मोदी सरकार किसानों को लेकर कितनी संवेदनहीन हो चुकी है. मंत्री को माफी मांगनी चाहिए.’
उल्लेखनीय है कि किसानों ने गत एक जून से ऋण माफी सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ रखा है. इस पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने दो जून को कथित रूप से कहा कि मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. कांग्रेस किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार को बार-बार घेर रही है. इसी क्रम में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी छह जून को मंदसौर में किसानों की रैली को संबोधित करेंगे.
महाराष्ट्र में पुलिस ने दो कांग्रेस विधायकों का आत्मदाह का प्रयास विफल किया
अमरावती: पुलिस ने सोमवार को यहां जिला कलेक्ट्रेट के पास दो कांग्रेस विधायकों का आत्मदाह का प्रयास विफल कर दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया. ये दोनों विधायक किसानों के मुद्दे पर आत्मदाह का प्रयास कर रहे थे.
पुलिस उपायुक्त चिन्मय पंडित ने बताया कि धमनगांव रेलवे और तेओसा निर्वाचन क्षेत्रों के विधायकों वीरेंद्र जगताप और यशोमती ठाकुर को खुद के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़कने तथा आग लगाने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया.
जगताप ने बताया कि स्थानीय कांग्रेस इकाई ने हाल में जिला प्रशासन से कहा था कि वह कृषि उत्पाद बाजार समिति को निर्देश दे कि वह तुअर और हरभरा (अरहर और चना दाल) की खरीद शुरू करे. उन्होंने कहा कि पार्टी ने यह मांग भी की थी कि किसानों को पहले ही खरीदी जा चुकी फसलों का तीन महीने का बकाया दिया जाए.
जगताप ने कहा, ‘क्योंकि कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए हमने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट तक मार्च निकालकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया.’ दोनों विधायकों ने कलेक्ट्रेट के सामने आत्मदाह करने की धमकी भी दी थी. जगताप ने भाजपा पर किसानों के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘किसानों की स्थिति दयनीय है. उनके पास खरीफ के सत्र में खेती करने के लिए पैसे नहीं हैं. सरकार की किस्मत अच्छी है कि किसान सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों और विधायकों को स्वतंत्र घूमने दे रहे हैं.’ जगताप ने चेतावनी दी कि यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो किसान मंत्रियों और विधायकों को स्वतंत्र रूप से नहीं घूमने देंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)