एक अमेरिकी अख़बार के मुताबिक, फेसबुक के हुआवेई, लेनोवो, ओप्पो और टीसीएल के साथ डेटा साझा समझौते हैं, ये कंपनियां उपयोगकर्ताओं के डेटा तक निजी पहुंच रखती हैं.
वॉशिंगटन/न्यूयॉर्क/नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक का हुआवेई समेत कम से कम चार चीनी मोबाइल कंपनियों के साथ डेटा साझा समझौते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
उल्लेखनीय है कि चीनी मोबाइल कंपनी हुआवेई को अमेरिका सुरक्षा एजेंसियों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, फेसबुक ने कहा कि चीनी कंपनियों के साथ समझौता उन्हें (कंपनियों) दोनों उपकरणों के उपयोगकर्ताओं और उनके दोस्तों के धार्मिक और राजनीतिक झुकाव, काम एवं शैक्षिक जानकारी तथा रिलेशनशिप स्टेट्स सहित विस्तृत जानकारी तक पहुंचने की अनुमति देता है. इस तरह की अनुमति की पेशकश ब्लैकबेरी को भी की गई है.
फेसबुक ने कहा, ‘ये समझौते 2010 से पुराने हैं लेकिन हुआवेई के साथ समझौता सप्ताह के अंत तक खत्म हो जाएगा.’
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि फेसबुक के हुआवेई, लेनोवो, ओप्पो और टीसीएल के साथ डेटा साझा समझौते हैं, जिसके चलते चीनी कंपनियां कुछ उपयोगकर्ताओं के डेटा तक निजी पहुंच रखती हैं.
अखबार ने कहा कि ये सौदे फेसबुक पर और अधिक मोबाइल उपयोगकर्ताओं को बढ़ाना देने के प्रयासों का हिस्सा है. इन समझौतों ने उपकरण निर्माताओं को कुछ फेसबुक फीचर्स जैसे एड्रेस बुक, लाइक बटन और स्टेट्स अपडेट्स की पेशकश करने की इजाजत दी.
अमेरिकी सांसदों ने फेसबुक द्वारा चीनी कंपनियों के साथ किए गए इस तरह के समझौतों को लेकर चिंता जताई है.
भारत सरकार ने फेसबुक से स्पष्टीकरण मांगा
भारत सरकार ने उपयोगकर्ताओं की जानकारी मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों को देने संबंधी इन रपटों पर सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक से स्पष्टीकरण मांगा है. कंपनी से 20 जून तक जवाब देने को कहा गया है.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस बारे में प्रकाशित खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कंपनी से विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने फेसबुक से इस मुद्दे पर विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.’
इसमें कहा गया है कि हाल ही में कुछ रपटों में दावा किया गया है कि फेसबुक ने कुछ ऐसे समझौते किए हैं जिससे फोन व ऐसे अन्य उपकरण बनाने वाली कंपनियां उसके उपयोगकर्ताओं से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकती हैं.
बयान के अनुसार, ‘भारत सरकार इस तरह के उल्लंघन/कमियों से जुड़ी रिपोर्टों को लेकर चिंतित है.’
संपर्क करने पर फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम लोगों से जुड़ी जानकारी की रक्षा करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’ प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सरकार के सवालों के जवाब देने के लिए हर समय तैयार है.
उल्लेखनीय है कि फेसबुक इससे पहले कैंब्रिज एनालिटिका से जुड़े डेटा लीक प्रकरण के कारण भी विवाद में घिरी थी.
फेसबुक के प्राइवेसी बग ने सार्वजनिक की लोगों की सूचनाएं
लोगों की निजी जानकारियां बेचने के मामले में विवादों में घिरे फेसबुक के प्राइवेसी बग ने मई महीने में करीब 1.4 करोड़ लोगों की निजी जानकारी उनके अनुमति के बग़ैर सार्वजनिक कर दी हैं.
फेसबुक का कहना है कि उसने इस समस्या को हल कर लिया है.
कंपनी का कहना है कि उपयोक्ता ने भले ही अपनी प्राइवेसी सेटिंग में पोस्ट ‘फ्रेंड्स ओन्ली’ या कुछ और कर रखा हो, लेकिन वह सार्वजनिक रूप से यानी कि ‘फॉर पब्लिक’ में पोस्ट हो जाता था.
ऐसे में यूज़र को पता भी नहीं चलता और उसकी पोस्ट बिना अनुमति के कोई भी पढ़ सकता था.
फेसबुक के मुख्य प्राइवेसी अधिकारी एरिन एगन का कहना है कि इस बग से पुराने पोस्ट पर कोई असर नहीं पड़ा है. फेसबुक इस बग से प्रभावित लोगों को सूचित कर रहा है और अपने पोस्ट की समीक्षा करने की सलाह दे रहा है.
ग़ौरतलब है, हाल ही में ख़बर आई थी कि फेसबुक ने अपने उपयोक्तओं का डेटा फोन बनाने वाली कंपनियों जैसे चीन की हुआवाई को बेच दिया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)