राजद प्रमुख लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने यह बात एक ट्वीट में कही, जिसे पारिवारिक कलह के तौर पर देखा गया. बाद में तेज प्रताप ने सफाई देते हुए छोटे भाई तेजस्वी यादव को कलेजे का टुकड़ा बताया.
नई दिल्ली: बिहार की राजनीति में उथल-पुथल होना कोई नई बात नहीं है. हालांकि, वर्तमान में उथल-पुथल की जो खबरें आ रही हैं वे विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सत्ता संघर्ष से जुड़ी हुई नहीं हैं. खबरें केवल एक सियासी दल के अंदरूनी पारिवारिक घमासान को लेकर लगाए जा रहे कयासों से संबंधित हैं. जिनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पार्टी और उनके दोनों बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव केंद्र में हैं.
विवाद की जड़ एक ट्वीट है जो कि तेज प्रताप यादव ने 8 जून यानी कि शुक्रवार को किया. जिसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि लालू के दोेनों बेटों के बीच पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने को लेकर आपसी संघर्ष की स्थिति है.
तेज प्रताप ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं. अब कुछेक चुगलों को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं.’
मेरा सोंचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊँ।
अब कुछेक "चुग्लों" को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं।।
।। राधे राधे।।
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 9, 2018
इस ट्वीट ने कयासों को जन्म दिया कि दोनों भाईयों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. और लालू के परिवार में कलह उत्पन्न हो गया है.
विवाद ने तूल पकड़ा तो अगले ही दिन तेज प्रताप ने एक ट्वीट करके पूरे घटनाक्रम को पार्टी की एकता में सेंध लगाने के लिए विरोधियों द्वारा की गई साजिश बताया.
उन्होंने लिखा, ‘राजद और गठबंधन सहयोगियों के सामने 2019 के लिए एक नई सरकार बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन हमें उन असामाजिक तत्वों से सावधान रहना है जो इस एकता में सेंध लगाना चाहते हैं.’
राजद और गठबंधन सहयोगियों के सामने 2019 के लिए एक नई सरकार बनाने की बड़ी जिम्मेवारी है लेकिन हमें उन असामाजिक तत्वों से सावधान रहना है जो इस एकता में सेंध लगाना चाहते हैं।
जय भीम, जय बहुजन, जय मंडल, जय हिंद।।— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 9, 2018
उक्त ट्वीट के घंटे भर बाद ही तेज प्रताप ने एक वीडियो भी ट्वीट किया जिसमें वे कहते नजर आ रहे हैं कि तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है और ये असामाजिक तत्वों की साजिश है जो मेरे और मेरे भाई के बीच दीवार खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं.
ट्वीटर पर वीडियो साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि संघियों, अफवाह फैलाने की कोशिश मत करो और कान खोलकर सुन लो ‘तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है.’
वे मीडिया से बात करते हुए वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं, ‘तेजस्वी मेरा कलेजे का टुकड़ा है. असामाजिक तत्व जिस तरीके से डेरा बनाए हुए हैं कि भाई-भाई को लड़वाना है, जो चारों तरफ से फैला हुआ है कि इसको तोड़ो, पार्टी को तोड़ो, लालू यादव को तोड़ो. लेकिन ये टूटने वाला नहीं है. लेकिन जो असामाजिक तत्व जिस तरीके से पार्टी में घुसने का काम कर रहा है उसके सपनों को हम कभी पूरा नहीं होने देंगे.’
संघीयों.., अफवाह फैलाने की कोशिश मत करो और कान खोलकर सुन लो "तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है" pic.twitter.com/girzKMY6L2
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 9, 2018
वहीं, तेज प्रताप ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अंदरूनी पारिवारिक कलह की बात को सिरे से खारिज किया है. लेकिन साथ में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से अपने मतभेदों को भी स्वीकारा है.
All this news of family infighting etc is false, there is no such thing, I have nothing against Tejashwi and Lalu ji but yes some other senior leaders in the party are sidelining youth workers. The state President RC Purve is ignoring workers: Tej Pratap Yadav,RJD pic.twitter.com/Ymxh3zlGVd
— ANI (@ANI) June 10, 2018
उन्होंने कहा है, ‘परिवार में अंदरुनी कलह और ऐसी ही सभी खबरें गलत हैं. ऐसा कुछ नहीं है. मैं तेजस्वी या लालू जी के खिलाफ बिल्कुल नहीं हूं. लेकिन हां, पार्टी में कुछ दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जो युवा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रहे हैं. प्रदेशाध्यक्ष आरसी पूर्वे पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर रहे हैं.’
इस बीच, पूरे घटनाक्रम पर तेजस्वी यादव का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है, ‘यह पूरी तरह स्पष्ट है कि तेज प्रताप जी ने पार्टी की ताकत पर बात की थी. उन्होंने 2019 (लोकसभा) और 2020 (बिहार विधानसभा) के चुनावों से पहले हमारी पार्टी को कैसे एकजुट और मजबूत करें, इस बारे में बात की थी. उन्होंने स्पष्ट कहा है तेजस्वी कलेजे का टुकड़ा है. वो मेरे भाई और पथ प्रदर्शक हैं.’
All are working to strengthen the party. We shouldn't make mountain out of a molehill. We must focus on discrepancies on education, how students were given 38 out of 35 marks, how 44 young girls were raped. If you ignore this, Bihar isn't going to benefit at all: Tejashwi Yadav pic.twitter.com/M0TSigb7Uf
— ANI (@ANI) June 10, 2018
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘सभी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं. हमें तिल का ताड़ नहीं बनाना चाहिए. हमें शिक्षा की विसंगतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’
बहरहाल, बिहार में राजद के अंदर सत्ता संघर्ष का यह सियासी घटनाक्रम जारी है और ऊंट किस करवट बैठता है यह तो वक्त ही बताएगा. क्योंकि पार्टी अध्यक्ष के बेटे की पार्टी प्रदेश अध्यक्ष से नाराजगी पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है, ऐसे संकेत तो देती नहीं है. और फिर राज-पाट छोड़ कर जाने की तेज प्रताप की बात के भी अपने मायने निकलते हैं जिन पर लग रहे कयासों पर हाल में तो कोई विराम लगता दिखता नहीं.