रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने पीएनबी घोटाले पर सरकार को लताड़ा

पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहा कि बैंकिंग घोटालों में होने वाले नुकसान की भरपाई करदाता करते हैं. उन्होंने सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों को अपना पैसा सौंपा, उन्हें सरकार से इस पर जवाब मांगना चाहिए.

पूर्व आरबीआई गवर्नर वायवी रेड्डी (फोटो: पीटीआई)

पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहा कि बैंकिंग घोटालों में होने वाले नुकसान की भरपाई करदाता करते हैं. उन्होंने सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों को अपना पैसा सौंपा, उन्हें सरकार से इस पर जवाब मांगना चाहिए.

पूर्व आरबीआई गवर्नर वाईवी रेड्डी (फोटो: पीटीआई)
पूर्व आरबीआई गवर्नर वाईवी रेड्डी (फोटो: पीटीआई)

कोल्हापुर: रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने हजारों करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले को लेकर सरकार की खिंचाई की है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक बैंकों के स्वामी होने के नाते इस तरह के घोटाले से होने वाले नुकसान के बाद करदाताओं के सवालों के प्रति सरकार जवाबदेह है.

रेड्डी ने एक समारोह में शरीक होते हुए ‘बैंकों को सुरक्षित रखना’ विषय संबधित एक व्याख्यान में कहा, ‘हालिया महीने में एकमात्र बैंक से संबंधित बड़ा घोटाला सामने आया जिसमें हजारों करोड़ों का चूना लगा. यह स्पष्ट है कि यह धोखाधड़ी है. किसे इन धोखाधड़ियों के बारे में सबसे अधिक चिंता करनी चाहिए?

उन्होंने कहा, ‘जिन्हें सबसे अधिक चिंता करनी चाहिए वे बैंकों के मालिक हैं और इन बैंकों की मालिक सरकार है. उसी का नुकसान होता है.’

रेड्डी ने कहा कि इस तरह के बैंकिंग घोटालों में होने वाले नुकसान की भरपाई करदाता करते हैं. उन्होंने कहा कि पीएनबी का घोटाला इतना बड़ा है कि इससे भारतीय रिजर्व बैंक की विश्वसनीयता पर आंच आती है. बैंकों में जनता का विश्वास जमाने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक की होती है. ऐसे में आरबीआई को अपनी पर्यवेक्षण व्यवस्था की समीक्षा करनी चाहिए.’

सरकार के कदम और सरकारी बयान ऐसे होने चाहिए जिससे इस समय आरबीआई में भरोसा मजबूत हो. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने बैंकों में घोटाले के खिलाफ कुछ बहुत कठोर कदम उठाए हैं. इनमें क्या वास्तविक अपराधियों पर मुकदमा कायम हुआ है? क्या उन्हें अतत: सजा मिलेगी? क्या इससे दूसरे गड़बड़ी करने से डरेंगे? इन सवालों के जवाब अभी नहीं हैं पर यह बात पक्की है कि बैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता गिरी है.

2003 से 2008 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे वाईवी कुरैशी ने इस दौरान कहा, ‘करदाता जिन्होंने सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों को अपना पैसा सौंपा है, उन्हें सरकार से पूछना चाहिए कि वह बताए कि आखिर ऐसा क्यों? क्योंकि सरकार पैसों की संरक्षक है और यह धोखाधड़ी रोकने में असफल हुई है. ‘

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)