प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री को देखने अस्पताल पहुंचे.
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के कारण 11 जून को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया.
अस्पताल की ओर से रात पौने ग्यारह बजे जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में एम्स ने कहा है कि वाजपेयी को लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और किडनी संबंधी दिक्कतों के बाद भर्ती कराया गया. जांच में उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन निकला है.
बुलेटिन में कहा गया है कि वाजपेयी का उचित इलाज किया जा रहा है और उन्हें डॉक्टरों की एक टीम की निगरानी में रखा गया है.
इससे पहले अस्पताल ने बताया था कि लंबे समय से बीमार चल रहे वाजपेयी को नियमित जांच और परीक्षण के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत स्थिर बनी हुई है.
अस्पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार, एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम 93 वर्षीय नेता के स्वास्थ्य संबंधी परीक्षण कर रही है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सोमवार शाम करीब 6:30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे. हालांकि अभी किसी को भी वाजपेयी से मिलने की अनुमति नहीं है.
राहुल के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ एम्स पहुंचे. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एम्स पहुंचे. मोदी ने वाजपेयी के परिजनों से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वाजपेयी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने एम्स पहुंचे. आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी ने डॉक्टरों से भेंट कर वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्यों से भी भेंट की.
बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री करीब 50 मिनट तक अस्पताल में रुके.
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और पर्यावरण मंत्री हर्षवर्द्धन भी बीमार नेता को देखने पहुंचने वालों में शामिल रहे.
भाजपा ने एक बयान में कहा कि वाजपेयी के इलाज को लेकर अमित शाह ने डॉक्टरों से लंबी बातचीत की. वह अस्पताल में पूर्व प्रधानमंत्री के परिजनों से भी मिले.
केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि वाजपेयी का यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का इलाज चल रहा है और आशा है कि कल उन्हें छुट्टी मिल जाएगी.
वाजपेयी 1998 से 2004 तक देश के प्रधानमंत्री थे. उनका स्वास्थ्य खराब होने के साथ ही धीरे-धीरे वह सार्वजनिक जीवन से दूर होते चले गए और कई साल से अपने आवास तक सीमित हैं.
93 साल के वाजपेयी साल 2009 से बीमार हैं. उन्हें डिमेंशिया नाम की बीमारी है, जिसमें मरीज कुछ याद नहीं रख पाता. अब तक उनका इलाज उनके घर पर ही किया जाता था, लेकिन तबियत बिगड़ने पर उन्हें सोमवार को एम्स ले जाया गया.
अस्पताल ने सोशल मीडिया पर चल रही कार्डियक अरेस्ट की ख़बरों को भी खारिज किया.
वाजपेयी की हालत स्थिर: एम्स
12 जून को एम्स की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘उनकी हालत स्थिर है. इलाज उन पर असर कर रहा है और उन्हें इंजेक्शन के जरिए एंटीबायोटिक्स दिए जा रहे हैं. संक्रमण के नियंत्रण में आने तक उन्हें अस्पताल में ही रखा जाएगा.’
एक सूत्र ने बताया कि एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की निगरानी में चिकित्सकों की एक टीम ने कुछ समय पहले ही उनकी हालत का आकलन किया है.
सूत्र ने बताया कि उन्हें अभी भी एम्स के कार्डियो-थोरेसिक केंद्र के आईसीयू में रखा गया है. 11 जून को वाजपेयी को डाइलसिस पर भी रखा गया था.
प्रथम तल पर मौजूद आईसीयू के पूरे गलियारे का घेराव कर दिया गया है और केवल मरीज के सहायकों और रिश्तेदारों को प्रमाण दिखाने के बाद ही यहां आने की अनुमति दी जा रही है.
स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र तथा राज्य कानून मंत्री पीपी चौधरी 12 जून को वाजपेयी को देखने पहुंचे.
वाजपेयी के जल्द स्वस्थ होने और लंबी आयु की प्रार्थना के लिए भाजपा की दिल्ली इकाई के भाजपा युवा मोर्चा के कोषाध्यक्ष पंकज जैन ने अस्पताल के गेट संख्या एक के बाहर एक ‘हवन’ किया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)