डीजीआई ने कहा कि एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने मानसिक तनाव में होने की बात कही है, लेकिन किस बात को लेकर वह मानसिक तनाव में थे, इसके बारे में नहीं बताया है. मामले की जांच की जा रही है. कांग्रेस नेता ने की सीबीआई जांच की मांग.
इंदौर/मुंबई: अध्यात्म गुरु और मध्य प्रदेश के राज्यमंत्री भैय्यूजी महाराज ने मंगलवार को कथित रूप से ख़ुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. भैय्यूजी महाराज का असली नाम उदय सिंह देशमुख था और वह अपने अनुयायियों में भैय्यूजी महाराज के नाम से जाने जाते थे.
वह अपने आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यों के लिए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में काफी लोकप्रिय थे.
इंदौर के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया, ‘संत भैय्यूजी महाराज ने इंदौर बाइपास स्थित अपने घर में ख़ुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली.’
डीजीआई ने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘हमें एक सुसाइड नोट मिला है, जिसे जब्त कर लिया गया है. उन्होंने मानसिक तनाव में होने की बात कही है, लेकिन किस बात को लेकर वह मानसिक तनाव में थे, इसके बारे में नहीं बताया है. हम मामले की जांच कर रहे हैं.’
डीआईजी ने बताया कि भैय्यूजी महाराज के घर से वह रिवॉल्वर भी बरामद किया गया है जिससे उन्होंने गोली मारकर खुदकुशी की. यह पता किया जा रहा है कि इस हथियार का लाइसेंस किसके नाम पर है.
इंदौर के बॉम्बे अस्पताल के महाप्रबंधक राहुल पाराशर ने बताया कि गोली लगने के बाद उन्हें तुरंत हमारे अस्पताल लाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
इंदौर के ज़िलाधिकारी निशांत वरवड़े ने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भैय्यूजी महाराज ने किन हालात में और किस वजह से कथित तौर पर आत्महत्या की. उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हो सकेगा.
वरवड़े ने कहा कि महाराज के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए शासकीय महाराज यशवंत राव चिकित्सालय में भेजा गया है.
Visuals from Bhayyuji Maharaj's residence in Indore. DIG Harinarayanchari Mishra says, 'we have seized the suicide note. In the suicide note, he has mentioned mental tension but the reason for the tension is not known as yet. We are investigating the case.' #MadhyaPradesh pic.twitter.com/f6gyHeKDVz
— ANI (@ANI) June 12, 2018
उनका आश्रम इंदौर शहर में स्थित है. उनके निधन की ख़बर सुनते ही बहुत सारे समर्थक अस्पताल के बाहर जमा हो गए. उनके अनुयायियों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस सहित कई शीर्ष नेता, सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर सहित कई मशहूर हस्तियां शामिल थीं.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने इसी साल अप्रैल महीने में पांच धार्मिक और आध्यात्मिक हिंदू गुरुओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया था, जिसमें भैय्यूजी महाराज भी शामिल थे.
उस समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस क़दम की काफी आलोचना भी हुई थी. शिवराज सिंह चौहान ने भैय्यूजी महाराज के अलावा नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कम्प्यूटर बाबा पंडित योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था.
दरअसल इन्हीं बाबाओं के नेतृत्व में बीते 28 मार्च को इंदौर में संत समाज की बैठक में फैसला लिया गया था कि प्रदेश के 45 जिलों में उन 6.5 करोड़ पौधों की गिनती कराई जाएगी, जिन्हें पिछले साल 2 जुलाई को राज्य सरकार द्वारा नर्मदा किनारे रोपित करने का दावा किया गया था.
इन बाबाओं ने आरोप लगाया था कि सरकार की ओर से जितना दावा किया जा रहा है, उतने पेड़ नहीं लगाए गए हैं. उन्होंने इस सरकारी दावे को महाघोटाला करार दिया था और नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालने का ऐलान किया था.
शिवराज सिंह चौहान द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के तुरंत बाद इन बाबाओं ने नर्मदा घोटाला रथ यात्रा रद्द कर दी थी. विवाद के बाद भय्यूजी ने घोषणा की थी कि वह राज्यमंत्री दर्जे का कोई लाभ नहीं लेंगे.
#MadhyaPradesh government had put pressure on him to accept privileges & support the government, which he refused to do. He was under a lot of mental pressure. CBI probe should be done: Manak Agarwal, Congress on Bhayyuji Maharaj's alleged suicide pic.twitter.com/DhYJd2g8qY
— ANI (@ANI) June 12, 2018
समाचार एजेंसी एनएनआई से बातचीत में कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने बताया, ‘मध्य प्रदेश सरकार ने उन पर सुविधाएं लेने और सरकार का समर्थनक करने का दबाव बनाया था, लेकिन उन्होंने मना का दिया. वह मानसिक रूप से तनाव में थे.’
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर लिखा, ‘राष्ट्रसंत श्री भैय्यूजी महाराज के अवसान से उन अनगिनत लोगों को व्यक्तिगत क्षति हुई है जिन्हें अपने आध्यात्मिक ज्ञान से उन्होंने जीवन जीने की राह दिखाई. नर्मदा सेवा मिशन से उनके जुड़ाव एवं पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में किए गए कार्य को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा.’
चौहान ने लिखा, ‘संत भैय्यूजी महाराज को सादर श्रद्धांजलि. देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया. आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे.’
भैय्यूजी का बचपन का नाम उदय सिंह देशमुख था और वह मध्यप्रदेश के शुजालपुर कस्बे के रहने वाले थे. वह जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे.
भैय्यूजी के एक शिष्य ने बताया कि कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए मॉडलिंग कर चुके भैय्यूजी महाराज अब गृहस्थ संत थे.
सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके ही देखरेख में चलता है. उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है. उनके कई अनुयायी हैं, जिनमें नेता एवं फिल्म स्टार शामिल हैं.
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख एवं प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर भी भय्यूजी का आशीर्वाद लेने इंदौर स्थित उनके आश्रम आ चुके हैं.
प्रधानमंत्री बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय सद्भावना उपवास पर बैठे थे. यह उपवास उन्होंने सितंबर 2011 में अहमदाबाद में किया था. तब इस उपवास को खुलवाने के लिए उन्होंने भैय्यूजी महाराज को आमंत्रित किया था और भय्यूजी ने मोदी को जूस पिला कर उनका उपवास तुड़वाया था.
उनका हाईप्रोफाइल लोगों से नाता रहा है. समाजसेवी अन्ना हजारे के नेतृत्व में जब ‘इडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन अपनी चरम पर था, तब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन यूपीए की केंद्र सरकार ने भैय्यूजी को अपना दूत बनाकर भेजा था. भैय्यूजी ने ही आंदोलनकारियों के साथ बातचीत कर उनके अपने हाथ से जूस पिला कर उनका अनशन तुड़वाया था.
भैय्यूजी महाराज ने पिछले साल 49 की उम्र में मध्य प्रदेश के शिवपुरी की डॉ. आयुषी शर्मा के साथ दूसरी शादी की थी. दरअसल उनकी पहली पत्नी माधवी की नवंबर 2015 में मौत होने के बाद बेटी कुहू का ख्याल रखने के लिए ही ये शादी की थी.
उनके परिवार में उनकी पत्नी आयुषी एवं बेटी कुहू हैं. इससे एक साल पहले उन्होंने सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेने का इरादा जताया था.
भैय्यूजी महाराज आत्महत्या मामले की हो सीबीआई जांच: कांग्रेस नेता
भोपाल: कांग्रेस ने मांग की है कि आध्यात्मिक गुरु भैय्यूजी महाराज द्वारा इंदौर में कथित रूप से गोली मार की गई खुदकुशी के मामले की सीबीआई जांच हो.
भैय्यूजी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता माणक अग्रवाल ने बताया, ‘भैय्यूजी बहुत ज़्यादा मानसिक तनाव में थे. इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए, ताकि उनके द्वारा उठाए गए इस जघन्य कदम के बारे में जो भी शंकाएं हो रही हैं, वह साफ हो जाएं.’
उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश की भाजपानीत सरकार ने करीब दो महीने पहले भैय्यूजी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया था. मैंने उनसे कुछ दिन पहले बातचीत की थी और भैय्यूजी महाराज ने मुझे बताया था कि वह (भैय्यूजी) भाजपा सरकार के दबाव में हैं और वह चाहती है कि भैय्यूजी उनके लिए काम करें.’
मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘भय्यूजी महाराज धर्म, अध्यात्म और विचार के संगम थे. उन्होंने अपनी विद्धता, अध्ययन और सिद्धियों से समाज में बेहतर सरोकार स्थापित किया था.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंह ने कहा, ‘वह (भैय्यूजी) नर्मदा सहित अन्य नदियों में हो रहे अवैध उत्खनन से चिंतित थे जो उन्होंने ज़ाहिर भी की थी. इस नाते उन्होंने प्रदेश का एक जागरूक नागरिक होने का परिचय दिया था.’
आत्महत्या से पहले भैय्यू महाराज ने लिखा, ‘भारी तनाव से तंग आ चुका हूं’
हाईप्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भैय्यूजी महाराज ने भारी मानसिक तनाव के कारण अपने बंगले में कथित तौर पर गोली मार कर आत्महत्या कर ली.
इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय शर्मा ने बताया, ‘भैय्यूजी महाराज ने इंदौर बाइपास रोड स्थित सिल्वर स्प्रिंग्स टाउनशिप में अपने बंगले के एक कमरे में खुद को कैद किया. घटना के थोड़ी देर बाद भैय्यू महाराज की पत्नी ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, तो उस तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. जब इसे तोड़ा गया, तो भय्यू महाराज लहुलूहान हालत में मिले. उन्हें फौरन बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.’
शर्मा ने बताया कि भैय्यूजी महाराज के घर से छोटी-सी डायरी के पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट बरामद किया गया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि वह भारी तनाव से तंग आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं. 50 वर्षीय आध्यात्मिक संत ने इस पत्र में यह भी लिखा कि किसी न किसी व्यक्ति को उनके परिवार को ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए.
एडीजी ने कहा, ‘भैय्यूजी महाराज के करीबी लोगों ने हालांकि तसदीक की है कि सुसाइड नोट पर आध्यात्मिक संत की ही लिखावट है. हालांकि हम हस्तलिपि विशेषज्ञ से इसकी जांच करायेंगे.’
उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि भैय्यूजी महाराज किस तनाव से जूझ रहे थे.
भैय्यूजी महाराज के प्रशंसकों में शामिल थे बहुत सारे नेता
भैय्यूजी महाराज के प्रशंसकों में बहुत सारे नेता शामिल थे. 2016 में जब वह एक सड़क हादसे में घायल हुए थे तब उनसे मिलने आए लोगों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल शामिल थे.
इंदौर के उनके आश्रम का दौरा करने वाले लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विलासराव देशमुख, प्रतिभा पाटिल, उद्धव एवं राज ठाकरे, लता मंगेशकर और आशा भोंसले शामिल थे.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने कहा कि भैय्यूजी महाराज को राज्य में किए गए उनके सामाजिक कार्यों के लिए याद किया जाएगा.
उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ‘उनसे बहुत सारे राजनीतिक लोग मिलते थे. वह एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे जिन्होंने लोगों को अच्छाई के लिए प्रेरित किया था. वह अकसर महाराष्ट्र आते थे और बहुत सारे लोगों से मिलते थे एवं सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हुए थे.’
पिछले साल वह तब विवादों में आ गए थे जब उनकी शादी वाले दिन एक महिला ने उन पर उसे धोखा देने का आरोप लगाया था और उन्हें चालबाज कहा था. महिला ने खुद के अभिनेत्री होने का दावा किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)