कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने एनपीए को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट- गैर निष्पादित परिसंपत्तियां) को लेकर बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या सरकार चुनावों से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के एक परिपत्र को कमज़ोर करके कई बड़े डिफाल्टर को ऋणशोधन की कार्यवाही से बचाना चाहती है.
पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘यह सच है कि सरकार चुनाव से पहले आरबीआई के फरवरी, 2018 के परिपत्र को कमज़ोर करने और बड़े डिफाल्टर को ऋणशोधन की प्रक्रिया से बचाना चाहती है?’
Is it true that Govt
1)Ahead of elections wants to water down RBI’s NPA circular of Feb 2018 & protect big defaulters from going to bankruptcy proceedings?
2)Is reconsidering the disastrous idea of transferring all NPA’s to a govt controlled bank?
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) June 13, 2018
उन्होंने आगे पूछा, ‘क्या सरकार सभी एनपीए को सरकार द्वारा नियंत्रित एक बैंक को हस्तांतरित करने के ख़तरनाक विचार पर फिर से गौर कर रही है?’
गौरतलब है कि अहमद पटेल का यह ट्वीट द वायर की उस स्टोरी के बाद आया है जिसमें यह चर्चा की गई है कि नए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ‘बैड बैंक’ की स्थापना क्यों चाह रहे हैं?
पटेल ने कहा, ‘60 वर्ष से ओएनजीसी सभी पीएसयू में सबसे अनमोल थी. क्या यह सच नहीं है कि चार वर्षों में सरकार ने ओएनजीसी के रिज़र्व को तकरीबन को खाली कर दिया और यह 13 हज़ार करोड़ रुपये से घटकर एक हज़ार करोड़ रुपये से भी कम रह गया है?’
उधर, पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा, ‘एक बड़े अख़बार ने ख़बर दी है कि बैंक जालसाजी में पिछले तीन वर्षों में काफी इजाफा हुआ है. क्या सरकार इसे भी ‘विरासत में मिला’ मुद्दा क़रार देगी?’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)